जीवन की पवित्रता

जीवन की पवित्रता ही सबसे बडी आध्यात्मिक साधना है। निश्चित ही असत्य हमें भीतर से कमजोर बना देता है। जो लोग असत्य भाषित करते हैं, उनका आत्मबल भी बड़ा कमजोर होता है। जो लोग अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं वही सबसे अधिक असत्य का भाषण करते हैं। हमें सत्य.

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अयोध्यापूरी धाम के पौराणिक परिचय।

मैं अयोध्या हूं। सृष्टि विकास के पूर्व में केवल जल ही जल था तथा जल से स्थल निर्माण के क्रम में मैं यानी कि अयोध्या का उदय सर्वप्रथम हुआ तथा सृष्टिकर्ता भगवान श्री नारायण ने मेरे कानों में कहा था मैं तुम्हारी भूमि पर अवतरित हूंगा इस लिए मेरा महात्म्य और...

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       05-01-2024

दुर्भाग्य - एक वृतांत

दुर्भाग्य - एक वृतांत। सच्ची घटना पर आधारित। पपलु बाबू बैंक पीओ का परीक्षा देके नागपुर से गढ़वा के लिए चल पड़े। साथ में मंगेसर काका का लड़का भी था, मंगेसर काका के लड़का मनीष, अडानी के कंपनी में एचआर थे। जानकार थे और नागपुर से परिचित भी। पपलु के ......

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वैश्विक परिपेक्ष्य में वर्ष 2024

सम्पूर्ण वैश्विक परिपेक्ष्य में नव ईस्वी सन 2024 कि ज्योतिषीय गणना

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नववर्ष 2024 भरतीय परिपेक्ष्य में।

नव ईस्वी सन 2024 भारतीय परिपेक्ष्य में कैसा होगा इस संदर्भ में ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर विष्लेषण। नव वर्ष 2024 भारतीय परिपेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है ।भारतीय नव वर्ष का शुभारम्भ नव संवत्सर 2081 अप्रैल माह में वासन्तिक नवरात्र के प्रथम दिव..

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       14-12-2023

रात

गुड़िया का जन्मदिन था। गुड़िया के पिता जी ने गुड़िया को उपहार में साईकिल लाकर दी। नयी साईकिल पाकर गुड़िया बहुत खुश हुई। रविवार का दिन था। गुड़िया ने देर तक साइकिल चलाई और अपनी सहेलियों के साथ साइकिल रेस भी लगायी। नयी साईकिल की खुशी इतनी अधिक थी कि गुड़िया...

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       08-12-2023

सड़क

सोनू, मोनू, राज और टींकू चारों में गहरी मित्रता थी। चारों मित्र एक साथ खेलते-कूदते और साथ साथ विद्यालय आते जाते थे। शरारत करने में कोई किसी से कम नहीं था। एक दिन की बात है। विद्यालय से छुट्टी के वक़्त चारों घर की तरफ जा रहे थे। रास्ते में एक सड़क पड़ती थी..

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       06-12-2023

खरगोश

रविवार छुट्टी का दिन था। वैसे तो सोनू प्रतिदिन समय से विद्यालय जाता था। सिर्फ छुट्टी के दिन सोनू पतंग उड़ाता था। सोनू को पतंग उड़ाना बहुत पसन्द था। उसकी पतंग आसमान को छूने की कोशिश करती रहती थी। आज भी सोनू छत पर पतंग उड़ा रहा था। पतंग उड़ाते समय सोनू को भूख..

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       03-12-2023

शेर

शेर, एक बार की बात है। जंगल का राजा शेर शिकार की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था। तभी उस पर शहर से आये कुछ शिकारियों ने हमला कर दिया। शेर ने भी अपनी जान बचाते हुए पूरी ताकत से उन शिकारियों पर हमला कर दिय..

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       11-11-2023

दर्द

आज प्रिया बहुत खुश थी। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। खुश भी क्यों न हो, उसको स्कूल में कला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान जो मिला था। कला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिलने की वज़ह से उसे बहुत सम्मान और इनाम मिला था। प्रिया ने अपनी खुशियाँ सभी के साथ बाँटी...

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       10-11-2023

मां ने कुछ नहीं सिखाया

आज सब्जी में नमक अधिक हो गया, ससुर जी ने कहा, मां ने कुछ नहीं सिखाया। रोटियां थोड़ी टेढ़ी - मेढ़ी थी, सास ने कहा, मां ने कुछ नहीं सिखाया। जल्दी - जल्दी में, टिफिन पैक करना भूल गई, पति ने कहा, मां ने कुछ नहीं सिखाया। ननद का मेक-अप थोड़ा...

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       08-11-2023

जहां जैसा माहौल, वहां वैसा ही बोल।

यह मिथ्या नहीं हो सकता की जहां जैसा माहौल, वहां वैसा बोल नहीं होगा..? यह सत्य है की बिहार के वायुमंडल में भोजपुरी अश्लील गाने और फिल्मों का घना कोहरा छाया हुआ है। हमने हाल ही में हिंदी, भोजपुरी सिनेजगत में व्याप्त अश्लीलता पर एक आलेख लिखा था जिसका...

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आध्यात्मिक रहस्य का ज्ञान ही मानव की श्रेष्ठ सफलता है।

मानव संसाधनों को इकट्ठा करके अपने आपको सफल मानता है,यही उसके जीवन की सबसे बडी भूल है क्योंकि दुनिया की हर वह चीज को चेतना से पृथक है,वह अनित्य है फिर अनित्य वस्तु की प्राप्ति से जीवन की सफलता का निर्धारण कैसे,यह सोच इन्सान को अज्ञान के दुख में गिराती है।

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       06-11-2023

अश्लील गाने और फिल्मों का होड़ समाज के लिए कोढ़।

अश्लील गाने और फिल्मों के गीतकार, कलाकारों पर सरकार को त्वरित लगाम लगाना चाहिए न की इनके अनुयायियों की संख्या बहुतायत के दृष्टिगत इन्हे विधायक सांसद की टिकट देना चाहिए। इनकी अश्लील हरकत से दूरगामी परिणाम बड़ा ही भयंकर है जो अभी अपने आस पास के परिवेश में..

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       25-10-2023

काजल

काजल पढ़ने में बहुत अच्छी थी। वो प्रतिदिन विद्यालय जाती थी। वह कक्षा- 5 की छात्रा थी। एक दिन विद्यालय से आते समय कुछ अनजान लोगों ने काजल से कुछ पूछताछ की। उसके बाद एक गाँव का नाम बताते हुए कहा-, "बताओ! यह गाँव कहाँ पर है?" काजल ने उत्तर देते हुए कहा...

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       24-10-2023

गीत नया गाता हूँ

काल समय समाज युग राष्ट्र के अतीत के परिपेक्ष्य में वर्तमान में उत्कृष्ट भविष्य के लिए आमंत्रण आवाहनं करती काव्य रचना । निश्चय निश्चित निष्छल काल दौर स्वीकारता कर्तव्य परम्परा के दायरे में सिमटना नही चाहता युग के साथ स्वछंद दौर को पुकारता काल कि स्वछंद..

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       18-10-2023

घड़ी

आज स्कूल जाते वक़्त चिन्टू को एक घड़ी सड़क पर मिली थी। चिन्टू ने घर आकर माँ को घड़ी दिखाते हुए कहा-, "माँ! देखो, कितनी प्यारी घड़ी है।" माँ ने कहा कि-, "घड़ी! कैसी घड़ी? देखूँ तो जरा! कैसी घड़ी है?" माँ घड़ी देखती है और फिर कहती है-, "डिब्बे में हैं। सुन्दर...

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वस्त्रहरण

कहा जाता है कि महाभारत द्रौपदी के कारण हुआ। यदि द्रौपदी दुर्योधन को अंधा नहीं कहती तो ये युद्ध नहीं होता। द्रौपदी का वस्त्रहरण भरी सभा में नहीं होता। किन्तु सत्य तो ये है कि उस समय द्रौपदी का वस्त्रहरण नहीं हुआ। वस्त्रहरण हुआ तो उन पुरुषों का जो एक अस...

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       05-10-2023

थक गई हूं।

थक गई हूं। लड़की हूं इस अपराध की सजा भुगतते-भुगतते, जमाने के ताने सुनते-सुनते, थक गई हूं। अपने लक्ष्य के लिए लड़ते, उसे पूरा करते। थक गई हूं। अपनी निर्दोषिता प्रमाणित करते-करते। अपनी सफाई देते देते। थक गई हूं। अपने परिवार के लिए लड़ते-लड़ते..

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       02-10-2023

सोच का रहस्यमयी असर

सोच इस सृष्टि का रहस्यमयी आयाम है। पशु पक्षी, जीव जंतु, कीट पतंग, मानव और यहां तक कि पूरी सृष्टि सोच में डूबी हुई है। सोच के द्वारा ही परम पिता परमेश्वर ने इस अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का रचना किया है। यूं कहे तो बिना सोच के कोई कर्म भी नहीं होता..! आखिर...

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       19-09-2023

सुकून जिंदगी की

इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग कैसे पैसा कमाने के लिए निकल पड़ते हैं सिर्फ अपने परिवार और खुद भरण पोषण के लिए। भागदौड़ भरी जिंदगी में, हर कोई चाहता तलाश सुकून की। थोड़ा आराम कर चल पड़ते, यही तो दस्तूर है जिंदगी की।।

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       18-09-2023

राजतंत्र, प्रजातंत्र से अलग सरकार चलाने का एक नया विकल्प संगणकतंत्र (तुलनात्मक विश्लेषण)

किसी भी देश को नियंत्रित, समृद्ध तथा संतुलन में रखने के लिए सरकार की महत्ती भूमिका होती है। किसी भी राष्ट्र संचालन के लिए सरकार का होना अत्यंत आवश्यक है। अभी तक किसी देश में सरकार चलाने के लिए हम सभी राजतंत्र और प्रजातंत्र के बारे में ही जानते आएं हैं...

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आचार्य श्री सत्यस्वरूप साहिब के चिंतन

प्रेम और आनंद में गिरे हुए आसुओं से पवित्र इस धरा पर कुछ भी नही है, प्रेम से उठे अन्तर्नाद से हृदय आविर्भूत हो कर अस्तित्व की निर्मलतम धारा आंखों से मुखरित होती है,यह अस्तित्व की भावनाओ की गंगा धारा है,जो जीवन को परम विशुद्ध निर्मल व पवित्र बनाती है...

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       15-09-2023

स्त्री हूं मैं.......

स्त्री जागरण की दृष्टि से मेरे द्वारा लिखा गया यह लेख सभी स्त्रियों को समर्पित है। इसे पढ़ के स्त्रियों को खुद को जानने ,समझने और पहचानने का अवसर मिलेगा।

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सत्य श्री सत्यस्वरूप महाराज जी के अनमोल वचन।

तुम जब प्रेम में होते हो,प्यार में होते हो,भक्ति में होते हो,श्रध्दा और समर्पण में होते हो तो फूल चुनते हो कांटे क्यों नही चुनते हो

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