भगत और भगवान
रिश्ता आसान ना भगत और भगवान का । एक तन धारण कर धरा पर आता हैं तो, दूजा उसकी परवाह पालन,पोषण की फ़िक्र में तमाम घडिया और समय का चक्र ही घूमा देता हैं । आसान ना संबंध
Read Moreअतिथ्य सत्कार एवं प्रेम के एक मिशाल मोहम्मद सकील साहब
भारत बिभिन्न धर्म सम्प्रदायों के मिश्रण वाला देश है और यहाँ की सुरु से ही सभ्यता संस्कृति आपसी एकता, भाईचारे, प्रेम एवं सौहार्द से परिपूर्ण रहा है। यदि अतिथ्य सत्कार की बात हो तो इस देश की परम्परायें सुरु से ही समृद्ध रही है, यहाँ अतिथियों का आदर सत्कार..
Read Moreभारत के अनुसंधान केंद्र और उसके मुख्यालय
इस ब्लॉग पोस्ट में आपको भारत के प्रमुख अनुसंधान केंद्रों तथा उसके मुख्यालय की जानकारी होगी।
Read Moreमाँ आदिशक्ति
धर्म हेतु मां धरी शरीरा । दीन-दुखी की हरती पीडा़ ।। शंभु - निशुंभ दुष्ट संहारे । दें वर, विप्र भक्त भव तारे ।। सुर किन्नर गंधर्व पुजते।
Read Moreमूक रिश्ता
पशु पक्षियों में भी संवेदनाएं होती हैं। अब जब भी वह दिखती है अनायास ही बीता समय चलचित्र की तरह घूम जाता है।अभी अधिक समय बीता भी नहीं है।लेकिन ऐसा लगता है जैसे कल की ही बात हो।
Read Moreजज़्बात बनाम सौदे दिल के
बिक जाते हैं बड़े ही सस्ते दाम में दिल के रिश्ते । आजकल, वफ़ा के बाजार में । जज़्बात धरे के धरे रह जाते हैं रस्मों,वादों और नीयत की ताक पर । सजाई गई महफ़िल एहसासों की
Read Moreदहेज हैं एक मानसिक विकृति
दहेज़ हैं एक मानसिक रोग ।। # दहेज़ लोभी होना हैं एक मानसिक विकृति । इसके कारण हो जाते हैं साधारण और धन से कमजोर मानव तंग ।। बेटियां ब्याही जाती हैं एक वर से और उसके घर और समाज वाले उसे (वर) बना डालते हैं सौदे बाजी
Read Moreशहीदों को नमन
शहीदों को नमन खुली हवा में सांस जो ली है, गुलामी की जंजीरें तोड़ी है, अत्याचार सहन न करे कोई बदन आओ मिलकर सभी करे, वीर शहीदों को नमन।
Read Moreअलविदा दीदी
अमर आत्मा का अनंत सफ़र दे गया अश्रु करोड़ों नयनों में, वेदनाओं का यह पल क्यू न थम जाएं यहीं पर। ममत्व के आंचल में जिसने
Read Moreखामोशियां चुभती हैं
खामोश हो जाती जुबां अक्सर जब जख्म ढेर हो भीतर मन के । टूटा फूटा ही सही पर गुबार निकल जाता हैं दर्द का शब्द बनकर ।। सैलाब बन पीरा का भंवर
Read Moreमुसाफिर सा मैं
मुसाफ़िर बन मैं भटकता रहा मंज़िल की तलाश में । दूर दूर तक ना अता पता था । मंज़िल का मैंने खोजा उसे,हाथ में चराग़ लेकर ।
Read Moreपरछाई/ अक्स
ख्वाबों में सूरत बसी थी बन हकीकत छा गई है । अक्स बनकर आंखों में अंतःकरण में भा गई है ।। मन मंदिर के निलय में
Read Moreदिल के जज़्बात
मैं प्रेम के दो शब्दों पे भरोसा करने वाला। और वो दिल से मेरे खेले तो बुरा लगता है।। मैं दुनियाँ की भीड़ में उसको पहचान जाऊँ। वो पहचान कर भी तन्हाँ छोड़े तो बुरा लगता है ।।
Read Moreसपने का राजकुमार
बड़ी चाहत थी मेरी मिलने की ख्वाबों के राजकुंवर से । सुना था दादी, नानी से किस्से कहानियों में उस, राजकुंवर के तारीफों की अनगिनत कड़ियों के बारे में । होगा वो ऐसा,
Read Moreमनहर तेरा परिधान प्रिए
दिलकश मनहर अनुपम प्यारा आकर्षक परिधान तुम्हारा । नवयौवना सा सजी-धजी तुम मनभावन है रूप तुम्हारा ।। तन से लिपटे हुए ढंग से
Read Moreचिपको आंदोलन
विद्रोह नही विरोधियों के खिलाफ ये,हैं माध्यम जन चेतना को जगाने का पर्यावरण संरक्षण दृष्टिकोण से ।। जुनून रग रग में भरकर वो सोते हैं, जगते हैं और राह पर निकलते हैं
Read MoreTheory of Old Age किसी वस्तु के पुराना होने का सिद्धांत, द्वारा-अभिषेक कुमार
वैसे मेरा मन बचपन से ही भौतिक एवं रसायन विज्ञान की ओर खिंचा चला आता था और उसमें यदि खगोल, अंतरिक्ष विज्ञान की बात हो तो क्या कहना मन बावरा हो कर एक कल्पनाओं के सागर में गोता लगाने लगता आखिर कैसे होंगें असल में चांद सितारे..?
Read Moreगांव का आंचल
सुन ज़रा, रुका जा ज़रा, मुड़कर देख तो लें ज़रा क्या है तेरी संस्कृति क्या है तेरी परंपरा मुड़ कर देख तो ज़रा क्यू दौड़ता है पगले आधुनिकता के माया जाल में कुछ पल थम तो जा थोड़ा प्रीत के मीत में डुबकी लगा तो लें ज़रा
Read Moreस्वागत है मधुमास
नवसमवत्सर का स्वागत गीत नवसम्वत्सर की बेला है, नवऋतुओ ने श्रृंगार किये I आमों पर हैं खिली मंजरी, स्वागत है मधुमास प्रिये II
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