புதிய கால பாரதம் படைப்பதற்கு கபீரின் பங்களிப்பு. (तमिल भाषा)

புதிய கால பாரதம் படைப்பதற்கு கபீரின் பங்களிப்பு. (तमिल भाषा)

- தமிழ் மொழியில் மொழிபெயர்ப்பு :- சே.அனந்தகிருஷ்ணன். तमिऴ भाषा में अनुवाद : एस.अनंतकृष्णन
₹250 ₹49
  • लेखक: पुस्तक- आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान
  • श्रेणी: NA

अत्यंत हर्ष का विषय है कि महंत श्री डॉ. नानक दास जी महाराज के मार्गदर्शन में ड...... Read more

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புதிய கால பாரதம் படைப்பதற்கு கபீரின் பங்களிப்பு. (तमिल भाषा)

अत्यंत हर्ष का विषय है कि महंत श्री डॉ. नानक दास जी महाराज के मार्गदर्शन में डॉ. अभिषेक कुमार जी द्वारा लिखित पुस्तक आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान का मुझे तमिल भाषा में अनुवाद करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
तमिल दक्षिण भारत की एक प्रचलित भाषा है जो मुख्यतः तमिल नाडु तथा श्रीलंका में बोली जाती है। तमिऴ नाडु तथा पुदुचेरी में यह राजभाषा है। यह श्रीलंका तथा सिंगापुर की कई राजभाषाओं में से एक है। तमिऴ द्रविड़ भाषा परिवार और भारत की सबसे प्राचीन भाषाओं में गिनी जाती है। इस भाषा का इतिहास कम से कम 3000 वर्ष पुराना माना जाता है। प्राचीन तमिल से लेकर आधुनिक तमिल में उत्कृष्ट कई साहित्य की रचना हुयी है।
धन्यवाद
एस. अनंतकृष्णन
चेन्नई, तमिलनाडु

लेखक पुस्तक- आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान
पता चेन्नई, तमिलनाडु
मोबाइल नंबर +91 86101 28658
ई-मेल sanantha.50@gmail.com
सह लेखक तमिऴ भाषा में अनुवाद : एस.अनंतकृष्णन, தமிழ் மொழியில் மொழிபெயர்ப்பு :- சே.அனந்தகிருஷ்ணன்.
प्रकार ई-बुक/ई-पठन
भाषा तमिल தமிழ்
कॉपीराइट हाँ
पठन आयु वर्ग सब लोग
कुल पृष्टों की संख्या 234
ISBN(आईएसबीएन) NA
Publisher/प्रकाशक दिव्य प्रेरक कहानियाँ, साहित्य विधा पठन एवं ई-प्रकाशन केंद्र, जयहिंद तेंदुआ, औरंगाबाद, बिहार, भारत
अन्य एस.अनंतकृष्णन,अनुवादक संख्या---१३. आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान ग्रंथ के बारे में मंतव्य--- कबीर जी भारतीय भक्ति धारा में नया मोड़ लानेवाले बेजोड़ सुधारक थे। मानवता ही उनकी भक्ति का मार्ग था। वे अनपढ़ थे,पर वाणी के डिक्टेटर थे। तटस्थ भक्ति के मार्गदर्शक कबीर के सिवा और अगजग में और कोई नहीं है। हिंदु -मुस्लिम दोनों धर्मों के बाह्याडंबरों को तत्कालीन परिस्थितियों में खुल्लमखुल्ला प्रकट करने का धैर्य और सामर्थ्य और किसी में न रहे, न रहता है,न रहेगा। अतः वे विश्व वंद्य गुरु थे,है,युग युग तक रहेंगे। निस्वार्थ थे। उनको भगवान पर ही अटल विश्वास था। अगजग की दुश्मनी को अकेला एक आदमी सामना कर बाल बाल बच सकता है। वह कौन है? ईश्वर को ही रक्षक बनानेवाला। वहीं उनका रहस्यवाद था। बड़े बड़े ग्रंथों के अध्ययन से कोई लाभ नहीं है। स्नातक स्नातकोत्तर के अधिकारी स्वार्थवश धन जोड़ते हैं। भ्रष्टाचार करते हैं, भ्रष्टाचारियों को सलाम करके समर्थन करते हैं। मजहबी लड़ाई के कारक बनते हैं। इतना ही नहीं‌ पंडित ,मौलवी,पादरी ईश्वरीय संदेश के साथ साथ मानव मानव में मजहबी कट्टरता के बीज बोते हैं। एकता तोड़ते हैं । बड़े बड़े चित्रपट के कवि, लेखक जितेन्द्रियता को भंग कर रहे हैं। न्यायाधीश भी खुद बयान देता है मेरा फैसले में पक्षपात है।भय है, लोभ है। सांसद का, विधायक का बयान है यह पद सैकड़ों करोड़ों की पूंजी में मिला है। ऐसे वातावरण में आधुनिक भारत के निर्माण में कबीर का योगदान ग्रंथ आकाशदीप है, शक्ति पुंज है, दिशा दर्शक है, सुधारक है।विषैले वातावरण में अमृतपान पिलाने वाली है। मजहबी एकता का शंख नाद है। इस स्वर्ण अवसर पर लेखक साहित्यकार समाज सेवी अभिषेक कुमार जी, कबीर मठ संस्थापक, समन्वयक,संचालक महंत संत श्री डाॅ.नानक दासजी महाराज, इसके प्रोत्साहन में आशीषें भेजकर प्रोत्साहित करने वाले मंत्री, महामहिम राष्ट्रपति ,राज्यपाल, प्रधानमंत्री,मुख्य मंत्री , आर्थिक सहायता करने वाले उदार दानवीर सबको मेरा हार्दिक धन्यवाद समर्पण। सबके सब सानंद जुग जुग जीने गुरु, भगवान से प्रार्थना है। जय भारत!जय हिन्दी! स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक एस.अनंतकृष्णन। पुनः धन्यवाद आदरणीय।
प्रकाशित तिथि 11-12-23

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