अंग प्रत्यंग की रात्रिकालीन सभा
श्री बी.के. मोहन जी के मुखारबिंद से कर्मयोग, भक्तियोग, प्रेमयोग और दिव्य ज्ञान योग विवेक की अमर ज्योति का प्रकाश पुंज पुस्तक *"अंग प्रत्यंग"* में समस्त शास्त्रों और विज्ञान का सूक्ष्म निचोड़ है तथा खुद अपनी मानव शरीर का जीवनोपयोगी उचित पोषण एवं रहस्मयी ज्ञान और चेतना की उच्च प्रकाष्ठा आपको आत्मीयता/मानवता की सर्वोच्च बिंदु पर अग्रसरित कर साधारण व्यक्तित्व से असाधारण व्यक्तित्व कर देगा।
लेखक | Avishek Kumar |
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सह लेखक | NA |
प्रकार | |
भाषा | हिंदी (ईबुक) |
कॉपीराइट | Copyrighted |
पठन आयु वर्ग | All |
कुल पृष्टों की संख्या | |
ISBN(आईएसबीएन) | 978-93-5593-057-6 |
Publisher/प्रकाशक | दिव्य प्रेरक कहानियाँ, साहित्य विधा पठन एवं ईप्रकाशन केंद्र, जयहिंद तेंदुआ, औरंगाबाद, बिहार, भारत |
अन्य | |
प्रकाशित तिथि | 06-01-22 |
औसत स्टार रेटिंग
5 out of 5
(1 रेटिंग)
PD
22-11-21बहुत ही शानदार अद्भुत खुद के कल्याणार्थ हेतु। लेखक को बहुत बहुत बधाई, सभी NRLM कर्मी एवं आम जनमानस जरूर पढ़ें।