सप्तकृति प्रेमाग्रह सप्तरंग संग्रह

सप्तकृति प्रेमाग्रह सप्तरंग संग्रह

- साहित्यकार श्री अभिषेक़ कुमार की सात रचनाओं का संग्रह (e-Book))
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  • लेखक: Avishek Kumar
  • श्रेणी: संग्रह

अंतर्राष्ट्रीय समाज सेवा अवार्ड से सम्मानित, उत्कृष्ट लेखनी के धनी, कलम के ज...... Read more

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सप्तकृति प्रेमाग्रह सप्तरंग संग्रह

अंतर्राष्ट्रीय समाज सेवा अवार्ड से सम्मानित, उत्कृष्ट लेखनी के धनी, कलम के जादूगर, प्रखर वक़्ता, प्रकृति प्रेमी एवं समरसता-मधुरता का प्रख्यात युवा हिंदी साहित्यकार श्री अभिषेक़ कुमार कोई पहचान की मुहताज नहीं हैं। ये संघर्षरत एवं उदार जज्बा के धनी हैं। इन्होंने सकारात्मक एवं धर्मपूर्ण जीवन जीते हुए नित नवीन नवाचार कार्यो से एक अलग ही पहचान बनाई है। आत्मीयता/मानवता के सर्वोच्च बिंदु पर पथ प्रदर्शक साहित्यिक लेखनी के साथ-साथ पिछले आठ वर्षों में एक से बढ़ कर एक ग्रामीण विकास के परिपेक्ष्य में उद्यमिता एवं सामाजिक कार्यो का नमूना पेश किया है, जो जनसमुदाय को आज तक परिप्लावित कर रहा है।

*प्रेमाग्रह* श्री अभिषेक़ कुमार की सात रचनाओं का एक ऐसा संग्रह है, जिससे सप्तरंगी किरणें प्रस्फुटित होती हैं। "प्रेमाग्रह" शीर्षक के अंतर्गत सात रचनाएँ क्रमशः "अंग प्रत्यंग की रात्रिकालीन सभा", "सहनशील नदियाँ", "जंगल की चीख पुकार", कीट पतंगो के मौलिक अधिकार", "राँझे की जीत" "विवशता", और "उमंग के हिलोरें" हैं।ये रचनाएं सभी प्रेम रूपी माला से गुंथे हुए हैं। जैसा कि सर्वविदित है कि प्रेम सृष्टि का मूल आधार है और प्रेम से ही धरती-आकाश, पशु-पक्षी, मानव-ईश्वर का संतुलन परस्पर बना हुआ है। लेखक की प्रस्तुत रचनाओं में चाहे मानव शरीर का खुद तन हो या अंग, प्रत्यंग, उपांग या इन्द्रियाँ या प्रकृति के उन सभी प्रदत रचनाएं जैसे कि जीवनदायनी नदियाँ, जंगली जीव जंतुओं से लेकर कीट पतंगों के जीने का अधिकार तथा शुद्ध सात्विक मानवीय प्रेम एवम् विभिन्न परिस्थितियों में प्रकृति के सम्पूर्ण रचनाओं कण-कण से प्रेम करना तथा उसके प्रति उदारता की भावना को पुष्ट करना ही अंतरात्मा से "प्रेमाग्रह" की पुकार है।

*अंग प्रत्यंग की रात्रिकालीन सभा*
इस रचना में आप बाराबंकी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के डिप्टी कमिश्नर श्री बी.के. मोहन जी के मुखारबिंद से कर्मयोग, भक्तियोग, प्रेमयोग और दिव्य ज्ञान योग विवेक की अमर ज्योति का प्रकाश पुंज पुस्तक *"अंग प्रत्यंग"* में समस्त शास्त्रों और विज्ञान का सूक्ष्म निचोड़ है तथा खुद अपनी मानव शरीर का जीवनोपयोगी उचित पोषण एवं रहस्मयी ज्ञान और चेतना की उच्च पराकाष्ठा है, जो आत्मीयता/मानवता की सर्वोच्च बिंदु पर अग्रसरित कर साधारण व्यक्तित्व से असाधारण व्यक्तित्व कर देगा।

*सहनशील नदियाँ*
प्रकृति, पर्यावरण संतुलन रचनाएँ अंतर्गत नदी संरक्षण, जल संचयन एवं पर्यावरण में नदियों का महत्व से अवगत कराएगी। साथ ही साथ खुले में शौच से मुक्ति, जल प्रदूषण पर समझ विकसित करेगी। नदियाँ हमारे जीवन में किस प्रकार प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष डोर से बंधी हुई हैं, उसकी विस्तृत जानकारी इस रचना में मिलेगी। नदी-हाथी के माँ पुत्र का वात्सल्य तथा जंगलो में निवास करने वाले हाथियों के भी समस्याओं से अवगत होंगें। पर्यावरण तथा सृष्टि संतुलन में नादियों का महत्व/उपयोगिता एवं इसमें निवास करने वाले नाना प्रकार के जलचर जीवों के जल प्रदूषण से पड़ने वाले प्रभावों को आप समझ सकेंगें। इस पुस्तक के पढ़ने के उपरांत नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रेरित होंगे एवं नदी से जुड़े जीव जंतुओं के प्रति दयालुता की भावना विकसित होगी।

*जंगल की चीख पुकार*
साधारण मानव को ईंधन एवं अन्य सामग्री निर्माण के लिए लकड़ी चाहिए तो वह जंगल तब तक काटता रहेगा जब तक जंगल पूरी तरीके से समाप्त न हो जाये। परंतु विवेकी एवं संवेदनशील मानव प्रकृति में जंगल के महत्व के बारे में सोचता है, प्रकृति के संतुलन के विषय मे सोंचता है, वनों और ऋतुओं के संबंध के विषय मे सोंचता है, जंगल और उसमें निवास करने वाले जीव-जंतुओं के विषय मे सोचता है। जंगल की चीख पुकार कथा पूरा पढ़ने के उपरांत आपको साधारण व्यक्तित्व से ऊपर उठा असाधारण व्यक्तित्व की ओर अग्रसर करेगा तथा एक नवीन संचेतना गहराई, अनुभूति, संवेदना और अभूतपूर्व अवचेतन मन की मानवीय पक्ष का उभार जंगल तथा उसके जीव जंतु एवं पर्यावरण, जल, जमीन, एवं प्राकृत संतुलन के महत्व से आपको अवगत कराएगा। ये कथा पुरे पढने के उपरांत युवा अवस्था के विधार्थी एवं बाल्यकाल के विधार्थी में भी पर्यावरण सरंक्षण के प्रति निसंदेह मानसिक मनोवृति में बदलाव होगा तथा अपने पुरे जीवन काल में जल,जंगल,जमीन, हरियाली, जीव जंतु के प्रति उदार भावना विकसित होगी।

*कीट पतंगो के मौलिक अधिकार*
सामान्य लोगो की सोंच से परे यह रचना पढने से आपको किसानो के मित्र कहे जाने वाले कीट पतंग/जीव के प्राकृतिक स्वरुप से आपको अवगत कराएगी, प्राकृत संतुलन में उनका योगदान से आपको अवगत कराएगी तथा इनके सरक्षण हेतु आपके अन्दर निसंदेह आत्मबल विकसित होगा।

*राँझे की जीत*
यह लघु उपन्यास शुद्ध सात्विक प्रेम की गाथा है एवं दहेज़ विरोधी उदार जज्बे का बेमिसाल नमूना है, इस रचना अंतर्गत समाहित वर्तमान परिवेश के अवसरवादी प्रेम, तथा वासनाग्रसित प्रेम से ऊपर उठ कर एक दिव्य प्रेरक ज्ञान की ओर अग्रसरित करता है तथा सामाजिक कुरीति दहेज़ कुप्रथा पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया है तथा रुढ़िवादी परम्परावादी वैवाहिक कार्यक्रम में लड़की पक्ष के अत्यधिक खर्च से पड़ने वाले आर्थिक सामाजिक दबाव को भी आप महसूस करेंगें तथा दहेज़ कुप्रथा उन्मूलन हेतु एक आत्मबल विकसित होगा।

*विवशता*
विवशता (नेशनल हाईवे पर एक रात दिन के अनुभव की लघु कथा) इस कथा में भयंकर सड़क जाम से उत्पन्न दर्द को आप अनुभव कर सकेंगे वहीँ वर्तमान अत्यधिक टैक्स कटौती के सन्दर्भ में भी ज्ञान मिलेगा की आम आदमी कितना महंगाई के मध्यनजर मजबूर है। साथ ही साथ घर से दूर नौकरी करने वाले लोगो के लिए भी माँ का वात्सल्य प्रेम अपने जन्मभूमि बचपन के बीते उन दिनों वो गलियों वो रास्ते दादा दादी नाते रिश्तेदारों के प्रेम सम्बन्ध को भी अवगत कराएगी।

*उमंग के हिलोरें*
उत्तर प्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले के ठेकमा ब्लॉक में तैनात पूर्व खण्ड विकास अधिकारी एवं वर्तमान डिप्टी कमिश्नर- श्रम रोजगार श्री पी सी राम जी, जो ऐश्वर्य भाव को त्याग माधुर्य भाव से जनमानस, समाज के अंतिम हासिय पर खड़े वर्ग के समेकित विकास के लिए प्रतिबद्ध है जो एक प्रशासनिक अधिकारी होने एवं अति व्यस्त दिनचर्या होने के बावजूद भी मुशहर एवं अति गरीब परिवार के बच्चो को उन्ही के बस्ती में अपने पैसे से भवन निर्माण कर मुफ्त शिक्षा दे रहे है जो अन्य सक्षम व्यक्तिओं के सामने मिशाल कायम है l उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले श्री प्रेम चंद राम जी का जन्म अति गरीब अभावग्रस्त परिवार में हुआ था, इनके अन्दर कभी न हार मानने वाली उदार जज्बा, इनके मन में उठती सदैव उमंग के हिलोरों ने यह साबित कर दिखाया कि तमाम अभाव गरीबी के बीच इन्सान कैसे जीवन के मूल उद्देश्यों को प्राप्त करता है तथा एक ख्याति प्राप्त करता है। इनकी जीवनी पढने से निसंदेह निराशा से भरे जीवन में एक उम्मीद की किरण जगमगा उठेगी।

हम आशा करते है कि साहित्यकार श्री अभिषेक़ कुमार जी की रचनाओं का यह संग्रह *"प्रेमाग्रह"* आपको पढ़ कर अच्छा लगेगा एवं एक नवीन ऊर्जा संचेतना से भर देगा।

लेखक Avishek Kumar
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सह लेखक NA
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भाषा हिंदी (ईबुक)
कॉपीराइट Copyrighted
पठन आयु वर्ग All
कुल पृष्टों की संख्या
ISBN(आईएसबीएन) 978-93-5593-809-1
Publisher/प्रकाशक दिव्य प्रेरक कहानियाँ, साहित्य विधा पठन एवं ईप्रकाशन केंद्र, जयहिंद तेंदुआ, औरंगाबाद, बिहार, भारत
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प्रकाशित तिथि 27-02-22

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Sonu Singh
29-01-22

अद्भुत साहित्य संग्रह कृति जितनी प्रसंसा की जाए कम है l बहुत सुन्दर समावेश है l ज्ञान की उच्च पराकाष्ठा से लबरेज है l

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