अव्यक्त AVYAKT (PC Ram Model School)
समाज के अंतिम हासिय पर खड़े समुदाय मुशहर, वनटांगिया के टोले में शिक्षा के अलख जगाने का केंद्र बीर विरसा मुंडा मानव संसाधन केंद्र, पी सी राम मॉडल स्कूल आज कोई पहचान के मोहताज नहीं है।
खण्ड विकास अधिकारी BDO का परिकल्पना किसी भी जिले के ब्लॉक में इसी लिए किया गया था कि उस ब्लॉक के अंतर्गत जातिगत, आर्थिक, सामाजिक विकास की एक छाप छोड़े जो आने वाले भविष्य में एक प्रेरणास्रोत बने।
कई सरकारे आई और गई, समाज के मुख्य धारा से कटे, अति पिछड़े, वनवासी (मुशहर) समुदाय के उत्थान के लिए कई योजनाएं लाई गई, परंतु इन्हें समेकित विकास से जोड़ना कठिनाइयों से भरा रहा...
एकात्म मानववाद के उत्थानकर्ता, आदिवासियों वनवासियों के शिक्षा के अलख जगाने वाले तथा अपने वेतन के रुपये से उत्तर प्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले अंतर्गत ठेकमा ब्लॉक अंतर्गत क्रमशः चार प्रारम्भिक विद्यालय सरायमोहन, सद्दोपट्टी, वरदह और अवदह ग्राम में चलाने वाले तथा बेसहारा असहाय समाज के मुख्यधारा से पिछड़े आदिवासी वनवासी पिछड़े वंचित समुदायों को भोर सुहानी की ओर पथ-प्रदर्शित करने वाले वास्तविक महामानव पूर्व खण्ड विकास अधिकारी ठेकमा (आजमगढ़) और वर्तमान डिप्टी कमिश्नर (श्रम रोजगार) मैनपुरी (उ.प्र.) श्री पी सी राम ने सहजतापूर्ण सुलभ कर दिखाया एवं समाज के अन्य सक्षम व्यक्तियों के सामने आदर्श और मिशाल पेश किए है।
श्री पी सी राम सर्व प्रथम मुसहर टोले का परिभ्रमण करते और उनके नंग-धड़ंग बच्चों को पास बुलाते। सुरुआति दौर में वहाँ निवास करने वाले बच्चे बाहरी मनुष्यो को देख दूर भागते थें। उन्हें प्यार दुलार पूचकार के चॉकलेट टॉफियां के लालच देकर पास बुलाते फिर बड़े स्नेह प्रेम से उनके माथे-बदन पर हाँथ फेरते हुए पढ़ने के लिए स्कूल जाने के लिये प्रेरित करते। ऐसा प्रतिदिन सुबह शाम करते जिससे बच्चे विश्वास में आकर उसी टोले में किसी झुग्गी-झोपड़ी में पढ़ने को राजी हो जाते। कुछ दिन ऐसा ही चलता रहता है टॉफियां चॉकलेट के लालच में बच्चों की संख्या बढ़ने लगती है फिर देखते ही देखते नित्य नवीन प्रयास से मुशहर समुदाय के बच्चों में नवीन ऊर्जा, संचेतना, नियम, अनुशासन और विनम्रता कुछ कर गुजरने तथा एक नई पहचान बनाने की ललक समा गई। फिर क्या था खंड विकास अधिकारी रहते श्री पी सी राम ने खुद के वेतन रुपये एवं स्थानीय सहयोग से पक्की निर्मित भवन में बीर बिरसा मुंडा मानव संसाधन केंद्र की स्थापना कर दिया जहां स्थानीय सेवा धारी योग्य शिक्षकों के माध्यम से रोज उन लाचार असहाय बच्चों का व्यक्तिगत विकास किया जाता है तथा सरकारी स्कूल के समय में उन्हें प्रोत्साहित कर के सरकारी स्कूल भेजा जाता है। आज बच्चों में पूर्व के अपेक्षाकृत बहुत बदलाव देखने को मिल रहे हैं तथा वे सामान्य बच्चों में घुल मिल कर अपने सपने भी संजो रहे है। प्रतिदिन स्नान ध्यान प्राणयाम कर के साफ सफाई एवं अपने इर्द गिर्द परिवेश को भी साफ सुथरा रखते। यह बदलाव पी सी राम मॉडल स्कूल का ही प्रतिफल है।
इतना ही नही मुशहर वनवासियों के टोले में निःशुल्क प्रोत्साहित शिक्षा के साथ साथ, आवास, शौचालय, स्वच्छता, स्वास्थ्य, पक्की सड़क, मनरेगा, ग्राम विकास योजना से लाभान्वित, समाजकल्याण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका महिला समूह की अन्य योजनाओं से लाभान्वित करा के एक अभूतपूर्व बदलाव लाएं है जिसका संकलन "अव्यक्त" शिर्षक तले सम्पूर्ण समग्रता का दृष्टव्य है।
अति पिछड़े, वनवासियों के कल्याणार्थ कार्य हेतु पूरा श्रेय श्री पी सी राम को जाता है।
लेखक | Avishek Kumar |
पता | जयहिन्द तेंदुआ, औरंगाबाद, बिहार |
मोबाइल नंबर | +91 9472351693 |
ई-मेल | jaihindtendua@gmail.com |
सह लेखक | NA |
प्रकार | ई-बुक/ई-पठन |
भाषा | हिंदी |
कॉपीराइट | Copyrighted |
पठन आयु वर्ग | All |
कुल पृष्टों की संख्या | 66 |
ISBN(आईएसबीएन) | 978-93-5620-517-8 |
Publisher/प्रकाशक | दिव्य प्रेरक कहानियाँ, साहित्य विधा पठन एवं ईप्रकाशन केंद्र, जयहिंद तेंदुआ, औरंगाबाद, बिहार, भारत |
अन्य | NA |
प्रकाशित तिथि | 30-03-23 |
औसत स्टार रेटिंग
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Sonu Singh
17-10-21अति सराहनीय और प्रासंगिक
Divya Bharti
11-11-21समाज के मुख्य धारा से पिछड़े शिक्षणरत विद्यार्थियों के लिए यह पुस्तक अव्यक्त बड़ा ही सिखवर्धक ज्ञानवर्धक साबित होगा साथ ही साथ उन शिक्षको के लिए भी शिक्षा में गुणवत्ता तथा नवाचार के साथ कैसे बुलंदियों पर ले जाया जा सकता है आदि की समग्र जानकारी इसमे समाहित है। संकलनकर्ता को बहुत-बहुत धन्यवाद जो समाज के सामने उजागर किया।
Rajiv
21-02-22सहज, सरल लेखन। अभिषेक जी आपकी लेखन में करुणा, वास्तविकता झलकता है। आपके लेखन का मै दीवाना हूं। आप वर्तमान के प्रेमचंद है।