आधुनिक भारत के निरमान म कबीर के योगदान (छत्तीसगढ़ी भाषा)
अत्यंत हर्ष का विषय है कि आ. डॉ. अभिषेक कुमार जी द्वारा लिखित पुस्तक "आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान" का मुझे छत्तीसगढ़ी भाषा में अनुवाद करने का मौका मिला है।
छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा
है।भाषाशास्त्रियों ने छत्तीसगढ़ी को पूर्वी हिन्दी की एक शाखा माना है इसलिए 'छत्तीसगढ़ी' का विकास अन्य आधुनिक भाषाओं की भाँति प्राचीन आर्य भाषा (संस्कृत) से हुआ है। छत्तीसगढ़ी का अपना समृद्ध साहित्य व व्याकरण है।
रविंद्र दुबे बाबु
कोरबा,छत्तीसगढ
लेखक | पुस्तक- आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान |
पता | तहसील रोड, बालाजी मंदिर,रामपुर, कोरबा, जिला- कोरबा (छत्तीसगढ़) |
मोबाइल नंबर | 7987328495 |
ई-मेल | ravibalco@gmail.com |
सह लेखक | अनुवादक- रविंद्र दुबे बाबू |
प्रकार | ई-बुक/ई-पठन |
भाषा | छत्तीसगढ़ी भाषा |
कॉपीराइट | हाँ |
पठन आयु वर्ग | सब लोग |
कुल पृष्टों की संख्या | 164 |
ISBN(आईएसबीएन) | 978-93-5659-560-6 |
Publisher/प्रकाशक | दिव्य प्रेरक कहानियाँ, साहित्य विधा पठन एवं ई-प्रकाशन केंद्र, जयहिंद तेंदुआ, औरंगाबाद, बिहार, भारत |
अन्य | भारत साहित्य रत्न, राष्ट्र लेखक डॉ. अभिषेक कुमार जी द्वारा मूल हिंदी भाषा में मूल रूप से लिखित |
प्रकाशित तिथि | 11-12-23 |
औसत स्टार रेटिंग
5 out of 5
(1 रेटिंग)
Bhawana
11-02-23अत्यंत ही लाभकारी पुस्तक, कबीर के दोहों का आधुनिक भारतीय परिदृश्य से खूबसूरत साक्षात्कार,छत्तीसगढ़ी बोली का खूबसूरत प्रयोग बढ़ाई रविंद्र जी,