ਆਧੁਨਿਕ ਭਾਰਤ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਸਦਗੁਰੂ ਕਬੀਰ ਦਾ ਯੋਗਦਾਨ (पंजाबी भाषा)

ਆਧੁਨਿਕ ਭਾਰਤ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਸਦਗੁਰੂ ਕਬੀਰ ਦਾ ਯੋਗਦਾਨ (पंजाबी भाषा)

- ਪੰਜਾਬੀ ਵਿੱਚ ਅਨੁਵਾਦ - ਡਾ: ਸੁਨੀਲ ਬਹਿਲ, ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ।
₹250/- ₹49/-
  • लेखक: पुस्तक- आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान
  • श्रेणी: NA

ਡਾ: ਅਭਿਸ਼ੇਕ ਕੁਮਾਰ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਹਿੰਦੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀ ਪੁਸਤਕ "ਆਧੁਨਿਕ ਭਾਰਤ ਦੇ ਨਿਰਮਾ...... Read more

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ਆਧੁਨਿਕ ਭਾਰਤ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਸਦਗੁਰੂ ਕਬੀਰ ਦਾ ਯੋਗਦਾਨ (पंजाबी भाषा)

ਡਾ: ਅਭਿਸ਼ੇਕ ਕੁਮਾਰ ਜੀ ਦੁਆਰਾ ਹਿੰਦੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀ ਪੁਸਤਕ "ਆਧੁਨਿਕ ਭਾਰਤ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਿੱਚ ਸਦਗੁਰੂ ਕਬੀਰ ਦਾ ਯੋਗਦਾਨ" ਦਾ ਪੰਜਾਬੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਅਨੁਵਾਦ ਕਰਨ ਦਾ ਕੰਮ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੇ ਸ਼੍ਰੀ ਸੁਨੀਲ ਬਹਿਲ ਜੀ ਨੇ ਕੀਤਾ ਹੈ। ਇਸ ਪੁਸਤਕ ਨੂੰ ਪੜ੍ਹਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ, ਤੁਸੀਂ ਨਿਰਸੰਦੇਹ ਆਧੁਨਿਕ ਭਾਰਤ ਵਿਚ ਸਤਿਗੁਰੂ ਕਬੀਰ ਦੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਅਤੇ ਮਹੱਤਤਾ ਦੀ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਵਿਆਖਿਆ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦੇ ਯੋਗ ਹੋਵੋਗੇ।

लेखक पुस्तक- आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान
पता ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ
मोबाइल नंबर +91 94177 41122
ई-मेल dpkhrc@gmail.com
सह लेखक ਪੰਜਾਬੀ ਵਿੱਚ ਅਨੁਵਾਦ - ਡਾ: ਸੁਨੀਲ ਬਹਿਲ, ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ।
प्रकार ई-बुक/ई-पठन
भाषा ਪੰਜਾਬੀ, पंजाबी भाषा
कॉपीराइट हाँ
पठन आयु वर्ग सब लोग
कुल पृष्टों की संख्या 119
ISBN(आईएसबीएन) NA
Publisher/प्रकाशक दिव्य प्रेरक कहानियाँ, साहित्य विधा पठन एवं ई-प्रकाशन केंद्र, जयहिंद तेंदुआ, औरंगाबाद, बिहार, भारत
अन्य आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान" पुस्तक के प्रति मेरा मंतव्य माननीय भारत भूषण महंत श्री डॉ. नानक दास जी महाराज, सतगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान, बड़ी खाटू, राजस्थान जी के सानिध्य में श्री अभिषेक कुमार जो कि साहित्यकार होने के साथ-साथ समाजसेवी, प्रकृति प्रेमी व विचारक भी हैं, जी ने "आधुनिक भारत के निर्माण में सद्गुरु कबीर का योगदान" नामक पुस्तक साहित्य जगत अर्पित की है। सजग पाठक सदैव एक नयी पुस्तक को पढ़ने के लिए लालायित रहता है। अध्यात्म और समाज-सुधार के कार्यों में रुचि लेने वालों को यह पुस्तक अवश्यमेव पढ़नी चाहिए क्योंकि संत शिरोमणि कबीर साहिब जी के साहित्य मे से लेखक ने जो भी पुष्प चुने हैं, उनको एक नवीन शैली में प्रस्तुत करने की चेष्टा की है। इस पुस्तक की विशेषता भी यही है कि लेखक ने कबीर साहिब की वाणी को आधुनिक संदर्भों में प्रस्तुत किया है,जिससे सदियाँ बीत जाने के बाद भी कबीर साहिब साहिब वह उनका साहित्य आज भी प्रासंगिक प्रतीत होता है। लेखक द्वारा प्राचीन साहित्य की नवीनतम व्याख्या से व्यक्ति के पारावारिक, सामाजिक, आध्यात्मिक व राजनीतिक मूल्यों को एक नई दिशा मिलती है। मेरा ऐसा विश्वास है कि पाठक जब यह पुस्तक पढ़ेगा तो उसका लेखक से सहज ही तादात्म्य स्थापित हो जाएगा।
इस पुस्तक को पढ़कर मुझे यह भी प्रतीत हुआ कि लेखक कबीर साहिब की वाणी से भीतर तक घुल-मिल गए हैं। वे उनकी वाणी के माध्यम से लोगों के मन में फैली हुई अशांति, भेदभाव को दूर करके लोगों में समाज सेवा,प्रेम,त्याग,भाईचारा, परोपकार और विश्व बंधुत्व की भावना को विकसित करना चाहते हैं और अपने भारत देश को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करना चाहते हैं।
इस पुस्तक की लोकप्रियता की एक बड़ी विशेषता यह भी है कि इसका 25 विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है। इस पुस्तक का पंजाबी भाषा में मेरे द्वारा अनुवाद किया जा रहा है। इसके लिए मैं माननीय भारत भूषण महंत श्री डॉ.नानक दास जी का और लेखक अभिषेक कुमार जी का हृदय से धन्यवाद प्रकट करता हूँ, जिन्होंने मुझे यह सुअवसर प्रदान किया।
पुस्तक की विषय वस्तु के साथ-साथ इसकी छपाई, साज-सज्जा, चित्रांकन भी अनूठा है, जो कि पाठक वर्ग को पुस्तक पढ़ने के लिए आकर्षित करेगा।
एक बार पुनः इस पुस्तक के लेखक श्री अभिषेक कुमार जी को बधाई एवं पुस्तक के प्रकाशन व विमोचन के लिए शुभकामनाएँ।
डॉ.सुनील बहल चंडीगढ़
प्रकाशित तिथि 11-12-23

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