डिप्रेशन में जा रहे हैं।
डिप्रेशन में जा रहे हैं। पांच क्लास में पढ़ते थे, उसी समय हम दिल दे चुके सनम का पोस्टर देखा, अजय देवगन हाथ में बंदूक लेके दांत चिहारले था, मुंह खूने खून था, हम समझे बड़ी मार धाड़ वाला सनिमा होगा। स्कूल से भाग कॉपी पैंट में लुका के तुरंत सिनेमा हॉल भागे।
Read Moreसनातन धर्म में कर्म आधारित जन्म जीवन का अतीत भविष्य।
अक्सर गाँव में मैंने अपने बाल्य काल में देखा है अनुभव किया है वास्तविकता का अंवेषण किया है जिसके परिणाम मैंने पाया कि ज़ब कोई जातक (बच्चा ) जन्म लेता है तो सबसे पहले माता को उसके स्वर सुनने कि जिज्ञासा होती है नवजात ज़ब रुदन करता है तो माँ के साथ परिजन..
Read Moreसनातन धर्म में धर्म कर्म के आधर पर अतीत एवं भविष्य काया कर्म का ज्ञान।
सनातन धर्म के मूल सिद्धांतो में धर्म क़ो जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण मानते हुए मान दंड एवं नियमों क़ो ख्याखित करते हुए स्पष्ट किया गया है जिसके अनुसार...
Read Moreहाय हाय बिजली
हाय हाय बिजली।। सर ई का है ? दिखाई नहीं दे रहा है, ई पसीना है, ई पसीना घबराहट में नहीं निकला है, न ही किसी के डर से निकला है, फौलाद वाला शरबत पीने से भी नहीं निकला है, ई निकला है गर्मी से, और अगर बिजली रहती तो ई देह में ही सुख जाता लेकिन पंद्रह से बीस
Read Moreआदर्श व्यक्तित्व के धनी नरसिंह बहादुर चंद।
युग मे समाज समय काल कि गति के अनुसार चलती रहती है पीछे मुड़ कर नहीं देखती है और नित्य निरंतर चलती जाती है साथ ही साथ अपने अतीत के प्रमाण प्रसंग परिणाम क़ो व्यख्या निष्कर्ष एवं प्रेरणा हेतु छोड़ती जाती...
Read Moreघटते जीवांश से खेतों को खतरा।
जैसे कि कृषि विकास दर में स्थिरता की खबरें आ रहीं हैं। यह चिन्ता का विषय है। तमाम आधुनिक तकनीक व उर्वरकों के प्रयोग के बावजूद यह स्थिरता विज्ञान जगत को नये सिरे से सोचने के लिए बाध्य कर रही है। अभी तक हमारी नीतियां तेज गति से बढ़ती जनसंख्या को भोजन देने..
Read Moreये जंगल तुम कितना खूबसूरत हो...
यह कविता जंगल की सुंदरता और प्रकृति के प्रति प्रेम को दर्शाती है। कवि जंगल की खूबसूरती से मंत्रमुग्ध है और उसके साथ एक हो जाना चाहता है। यह कविता प्रकृति के प्रति एक सुंदर श्रद्धांजलि है। यह हमें याद दिलाती है कि हमें प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना चाहि..
Read Moreबचपन के वह हसीन यादें।
वह क्या दौर था, ओ रे मनवा, वह क्या दौर था... जब ताड़ तर अनूप के साथे ताड़ी पीने नहीं, तड़खाजा खाने जाया करते थे। पुआल के गांज पर बैठ, धूप में तन को तपाया करते थे। गन्ने की मिठास चूसते, बेर झाड़ने की जुगत लगाया करते थे। अमराई में भटकते, कच्चे..
Read More"सनातन संस्कृति का दिव्य स्वरूप और समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी"
अति प्राचीन महाकुंभ कि परंपरा हो या अन्य सनातनी भारतीय सभ्यता संस्कृति के पर्व त्यौहार जहां करोड़ों, अरबों लोगों की आस्था और विश्वास वहीं दूसरी तरफ इक्का-दुक्का गिरी हुई तुच्छ मानसिकता के लोगों के वक्तव्यों पर हम अपना अमूल्य समय बर्बाद करें और देश...
Read Moreवे दिन भी क्या दिन थे
वे दिन भी क्या दिन थे, वे दिन भी क्या दिन थे। जब हमें कोई जिम्मेदारी न थी, जब हमें कोई परेशानी न थी, जब वक्त कटता था हंसने - हँसाने में, जब वक्त कटता था सुननें -सुनाने में, वे दिन भी क्या दिन थे। जब सुबह चिड़ियों की आवाजें कानों में गूँजती थी, जब शा..
Read Moreस्व प्रशंसा सुनने की लत, व्यसन समान गर्त..
आत्म प्रशंसा कह लीजिए या स्व प्रशंसा दोनों एक ही शब्द है जिसकी सुनने की आदत या चाहत किसी व्यक्ति को लग गई तो यह धूम्रपान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, शराब, शबाब, ज़ुआखोरी जैसे व्यसन से कम ख़तरनाक नहीं है..! धूम्रपान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, शराब, शबाब और ज़ुआखोरी..
Read Moreवेदना - हृदय की करुण व्यथा
वेदना - हृदय की करुण व्यथा। रोज रोज की किच किच और ताना ने मेरे हृदय को छेद दिया था। एक फैसला लेना था, कड़ा फैसला। क्योंकि संवारना था मुझे अपने बच्चे का भविष्य और चाह थी सुख शांति की। चलने फिरने में लाचार मेरी वयोवृद्ध माताजी जो मेरे घर पर बोझ बनी हुई थी.
Read Moreमहाकुंभ - मोक्ष मिल गया।
महाकुंभ - मोक्ष मिला गया। मुझे मोक्ष से ज्यादा जीवन की चिंता थी, तभी तो संगम के प्रवाहित जल में गिरे अमृत धारा में डुबकी लगाकर लंबी उम्र और पाप को प्रवाहित कर अतः शुद्धि करने की इच्छा जागृत हुई थी। सौभाग्य भी क्या बना कि जीवन भर बक बक करने वाला मै यानी
Read Moreपद से बड़ा उम्र होता है..
मेरा मानना है कि पद से बड़ा उम्र होता है। यदि कोई अधीनस्थ अपने से छोटे पद पर कार्यरत कर्मचारी उम्र में बड़ा हो तो किसी विशेष मौके पर उनका पैर छू लेने में कौन सा बुराई और शिकायत है..? ऐसा करने से निश्चित ही उनका आशीर्वाद तो मिलेगा ही साथ ही साथ उन कर्म...
Read Moreबस में यात्रा कसम से बस हो गया।
बस में यात्रा कसम से बस हो गया। शकील बदायूंनी का एक शेर में मेरे तरफ से जोड़ा गया "वादा करता हूं कल से बस में सफर करूंगा नहीं, और इस बस के सफर में फ़सूँगा नहीं, मगर वादा करने से पहले मेरे हमकदम बस एक सफर आखिरी आखिरी"। इस बार अपने दोस्त के साथ निकलना था
Read Moreदेवभूमि - उत्तराखंड संस्मरण
हिमालय की तीर्थ यात्रा पर जाने का मेरा कोई इरादा न था, लेकिन दिल की सच्ची प्यास ने मुझे उन कठिन रास्तों पर ले जाने को लालायित थी। मेरा मन किसी तलाश में था, और दिल को तरह तरह के शक घेरे हुए थे। मन में लालसा भी थी, इसीलिए मैं जगह जगह घुमा।
Read Moreसरकारी सार्वजनिक परिसंपत्तियों का खरीदार नहीं हो सकता मददगार..
देश, दुनियां के यदि शीर्ष उद्योगपतियों जैसे कि टाटा, बिरला, जिंदल, हिंडालको या फिर बिलगेट्स, एलन मस्क, मार्क जुकरबर्ग, जेफ़ बेज़ोस पर नजर डाले तो वे सब अपने-अपने कोई विशिष्ट उत्पाद या कर्मयोगीता से शीर्ष अमीर व्यक्तियों की सूची में शामिल हैं। एक व्यक्ति..
Read Moreएक अतुलनीय उपलब्धि।
कवि और लेखक श्री पी. यादव 'ओज' जी द्वारा लिखित काव्य संग्रह अंतर्नाद और नयंश को भारतीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने संरक्षित कर लिया है।जिससे भविष्य में भारत सरकार के सभी सरकारी पुस्तकालयों और UPSC एवं STATE PCS के पाठ्यक्रमों में इनकी पुस्तकों...
Read Moreवित्तीय सम्पन्नता हेतु लेखा-जोखा जरूरी।
वित्तीय सम्पन्नता के दृष्टिकोण से किसी भी संगठन, संस्थान या किसी व्यक्ति के बारे में गहराई से गैर करेंगे तो यह पाएंगे कि उन्होंने अपने वित्त को जितना सुव्यवस्थित, सुनियोजित या अच्छे तरीके से लेखांकन के उपरांत रिपोर्ट तैयार कर तथा तुलनात्मक अध्ययन से एक...
Read Moreसमोसा और जलेबी की सुगंध..
बात उन दिनों की है जब बैंक में सीसीएल कराने का रोज अभियान चल रहा था और ब्लॉक प्रबंधक होने के नाते इस अभियान का नेतृत्व मुझे करना पड़ता। वीसी के बाद ब्लॉक से ऐसे हाक दिया जाता जैसे बैलों को कठोर पथरीली जमीन को जोतने जाना हो.. ऐसा नहीं है की मेरे पास पैसे..
Read Moreपालनहार - मेरे सरकार।
पालनहार - मेरे सरकार। मा० सरकार, यहां मा के बाद जीरो इसलिए दिया गया ताकि आप सुविधापूर्वक माननीय या अन्य कोई उपसर्ग अपने दुःख या सुख के अहसास के बाद लगा लें। व्यायाम शरीर को स्वस्थ्य रखता है, सरकार भली भांति इस बात को जानती है। लेकिन साठ साल .....
Read Moreहर सवाल का जवाब एक सवाल।
आईए आईए, कह कर नेता जी ने एक गरीब किसान से हाथ मिलाया और बोले, देखिए एक गरीब आदमी से भी मै हाथ मिला लेता हूं। ये एक बड़े नेता की निशानी होती है। आप जैसे फटीचर और गरीब मेरे घर के दरवाजे के भीतर चुनाव के घोषणा के बाद निडर होकर आते हैं, ये मेरी .....
Read Moreपेपर बॉय टू मिसाइल मैन
डॉ. ए. पी.जे. अब्दुल कलाम को आज कौन नहीं जानता। ये भारत के राष्ट्रपति रह चुके हैं। और इन्हें लोग मिसाइल मैन भी कहते हैं। इनका जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा। इनके जीवन के बारे में थोड़ा सा प्रकाश डालना चाहूंगी। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931ई. में तमिलनाडु..
Read Moreपढ़िये सेंधा नमक की हकीकत...
भारत से कैसे गायब कर दिया गया... आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?? आइये आज हम आपको बताते है कि नमक मुख्यत: कितने प्रकार का होता है। एक होता है समुद्री नमक, दूसरा होता है सेंधा नमक "Rock Salt" सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया है..
Read Moreभोजपुरी के तुलसीदास रामजियावन दास
भोजपुरी भाषा के तुलसीदास कहे जाने वाले रामजियावन दास वावला जी का जीवन परिचय आद्योपांत। खले खले के जाती धरम करम रीति रिवाज बोली भाषा के मिलल जुलल बहुते विचित्रता से भरल बा भारत. भारत जईसन देशवा घर परिवार समाज की खतिर घमंड के बात बा.अईसन माटी ह जेकरे...
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