03-08-2024

गुणवत्ता और महत्ता एक दूसरे के पूरक...

मानव जीवन के विविध विषयों पर ध्यान केंद्रित करें तो कहां नहीं गुणवत्ता और महत्ता विद्धमान है। मेरे समझ से जो वस्तु हम दैनिक जीवन में नित्य दिन इस्तेमाल करते हैं उन सभी में गुणवत्ता और महत्ता होती है। बिना गुणवत्ता और महत्ता के सृष्टि में कुछ भी नहीं है...

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       02-08-2024

सावन

यह सावन आधारित गीत है, सावन माह की विभिन्न अठखेलियों का सजीव चित्रण किया गया है। नाचे मेरा तन- मन- मोर मेघ- वेग से नभ आच्छादित वन में बेमन डाल चकोर तभी अचानक मेघ गगन से छँटे सो विधु दिखा हँसे चकोर। मरुत् नहाती युवती सम है जलकण शीतल लिए हुए, चहु

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       31-07-2024

संगठन से कई गुना सरकार बड़ा...!

संगठन और सरकार दोनों के अपने-अपने महत्व और प्रभाव होते हैं। संगठन एक पंजीकृत, मान्यता प्राप्त, संरक्षित समूह होता है जो किसी विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए काम करता है, जैसे कि व्यापार, सामाजिक कार्य, राजनीति या अन्य गतिविधियाँ। समग्र रूप से समाज के..

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       19-07-2024

कक्षा पांचवीं

मैं पंकज बिंदास उत्तराखंड से हूँ, साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखता हूं, यहाँ प्रमुखता गद्य में रचनाएं संकलित कर रहा हूँ। हमारी आज की यथार्थता की कल्पना दस साल पहले किसी ने न की होगी;कौन क्या करेगा, कहाँ रहेगा किसी ने न समझा होगा और दस साल बाद की हमा...

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भविष्यवाणी

नास्त्रेदमस एव बाबा वेंगा कि भविष्यवाणियों के परिपेक्ष्य में नन्दलाल मणि त्रिपाठी कि ज्योतिषीय गणना एव परिणाम।। नास्त्रेदमस के इस क्वाट्रेन आसमान से आग गिरने का जिक्र है जिसे कुछ लोग एलियन या अंतरिक्ष यात्रा से सम्बंधित मानते है इसमें आकाश से हथियार एवं..

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       05-07-2024

त्रिरंगम्

यह गीत मानव मात्र को देश के तिरंगे के प्रति उसके जिम्मेदारी हूं तथा कर्तव्यों का बोध कराने वाला है यह गीत संस्कृत भाषा में लिखा गया है इस जीत के मूल में यह भावना है कि सभी भारतीयों का तिरंगे के प्रति सम्मान हो ऐसी भावनाओं के साथ इस जीत का सृजन हुआ है..

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       24-06-2024

जन प्रतिनिधि के निधियों की बहार, काश होता क्षेत्र में विकास के गंगा की बौछार...

असल में मतदाता जागरूक हो तो उनके पास यही उपयुक्त वक्त है अपने जन प्रतिनिधियों को अति प्रेम से अपने घर में बैठाकर पूछने का की आदरणीय विकास पुरुष माननीय नेता जी, सांसद जी, विधायक जी, पार्षद जी या मुखिया जी अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में प्रति वर्ष...

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आक्सीजन प्राण नही है।

प्राण आत्मा का गुण है आत्मा(जीवन) की प्रतीति प्राण से ही है।प्राण अगर शरीर से निकल जाता है तो प्राणांत अर्थात मृत्यु हो जाती है,जीवित प्राणियों में जीवन सांसों पर आधारित है।जब तक सांस चलती है,जीव जिंदा रहता है। शरीर आत्मा का वाहक है, जब तक ठीक है प्राण..

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       16-06-2024

बहन बेटियों पर होने वाले जघन्य अपराध

भारत में बहन बेटियों के साथ हो रहे जघन्य कुकृत्य अपराधों को देखते हुए यह आवश्यक है कि समाज में त्वरित और कठोर कानून लागू किए जाएं। इस लेख में विस्तार से कवर किया गया, जिसमें सऊदी अरब सरकार की तर्ज पर अपराधियों के खिलाफ कठोर कानून बनाने की आवश्यकता हैं..

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       13-06-2024

सबका प्यारा - अपना राजू

एक दिन एक लड़का जिसका नाम था राजू, वो घर पर अकेले में खेल रहा था। गर्मी का दिन था, बाहर लू चल रहा था। राजू बार बार घर से बाहर खेलने की जिद कर रहा था। राजू की मम्मी उसे बाहर जाने से मना कर रही थी, लेकिन राजू बाहर खेलने का जिद कर रहा था। राजू बाहर जाने के ल

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अंतर्राष्ट्रीय मगध गौरव सम्मान समारोह- 2024

मानद कुलपति सौहार्द शिरोमणि डॉ. सौरभ जी महराज के नेतृत्व मार्गदर्शन और राष्ट्र लेखक डॉ. अभिषेक कुमार जी के संयोजन तथा क्षेत्रीय स्तर पर श्री राजीव रंजन पाण्डेय जी के सहयोग से आगामी 16 और 17 नवंबर 2024 को बिहार राज्य अंतर्गत नालंदा जिले के राजगीर में दो...

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       09-06-2024

भय -भाग-1

भय - भाग-1 मानवीय मनोविज्ञान भय अन्तर्मन कि गहराई से उत्पन्न वह विचार है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को झकझोर देता है और विचारों को अशांत उद्वेलित करता है विचारो कि उत्पति मनुष्य कि कल्पनाशीलता कि योग्यता है जो उसे अपने परिवेश परिस्थितियों के कारण उसे...

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       06-06-2024

दर्द - ए - दिल

दर्द -ए -दिल भोरहरिया जब नींद खुला और बाहर निकला तो देखे की सब लोग महादेव थान के चबूतरा के तरफ दौड़ लगा रहा है। हम अकबका गए की गांव में कोई गुजर तो नही गया। हमहु फटाफट दौड़ के चबूतरा के पास गए। वहां जाकर देखा की बहादुर चा मार सिसक सिसक के रो रहे हैं। आंख

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       03-06-2024

बदनाम आदमी पार्टी

मैने अपने पूर्वजों के बारे में जाना तो पता चला आज तक मेरे खानदान में कोई राष्ट्र स्तर का नेता पैदा नहीं हुआ था। कारण सब सच बहुत बोलते थे। एक मैं ही कुलबोरन पैदा हो गया था अपने खानदान में। झूठ बोलने में मैं इतना माहिर था की वर्तमान वाले विधायक जी मुझे.....

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       31-05-2024

बिहार के शिक्षकों का हाल-ए-दर्द बयां...

मई जून की तपती महीना, आसमान से बरस रहे आग के भीषण जानलेवा गोले, जल रहा जमीन, झुलस रहा लोगों के गालों की लालिमा, पशु पक्षियों में भी अजीब सी व्याकुलता, ऊजड़ी हुई गुलसिता और घर के छांव में दुबके कामगार। आस पास के परिवेश से आ रही मौत की खबरे.. जी हां बिहार..

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प्रारब्ध का सत्य

प्रारब्ध का सत्य वर्तमान विज्ञान आध्यात्म एव आचरण संस्कार के परिपेक्ष्य में लिखा गया सत्यार्थ धर्म एव जीवन दर्शन है। प्रस्तुत कहानी में सुभद्रा से अजुर्न को किसी संतान का योग नही था मामा भगवान श्री कृष्ण स्वंय इंद्र का स्वरूप 16 वर्षो के लिए मांग कर..

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       29-05-2024

काबा जाए कि काशी

सामाजिक बंधनो को तोड़ती नए अध्याय आयाम लिखती दो नौजवानों के जीवन पर आधारित घटना का सत्यार्थ। पंडित धर्मराज के तीन बेटे हिमाशु ,देवांशु ,प्रियांशु थे तीनो भाईयों में आपसी प्यार और तालमेल था पुरे गाँव वाले पंडित जी के बेटो के गुणों संस्कारो का बखान करते...

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नर नारायण

आत्मीय बोध और ईश्वरीय सत्य नर नारायण का सत्य। जो ब्रह्मांड का आधार है जिसमे पंच तत्व महाभूतों का सत्यार्थ परिलक्षित है जिसका प्रवाह पवन,पावक ,शून्य (आकाश) स्थूल (पृथ्वी) जल प्रावाह का सत्य है इन्ही के आधार पर प्राण का अस्तित्व निर्धारित होता है..

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सन्त का सच त्याग..

सन्त के सामाजिक कल्याआर्थ सच तप कि मर्मस्पर्शी कहानी। गोकुल खानाबदोश परिवार में जन्मा था जिसके समाज के लोग मन मर्जी के अनुसार जहां अच्छा लगा वहीं डेरा जमा लिया कुछ दिन रहे मन उबा तो दूसरी जगह चल दिए यही जिंदगी थी पेट भरने के लिए भीख मांगना कबूल नही हाथ..

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       18-05-2024

भ्रष्टाचार खत्म करने वाली मशीन की परिकल्पना...

भ्रष्टाचार विरोधी या भ्रष्टाचार खत्म करने की मशीन यह सुनने में अजीब और अटपटा जरूर लग रहा होगा परंतु भविष्य में एक दिन भ्रष्टाचार को नियंत्रण करने के लिए एक विशेष मशीन की जरूरत पड़ेगी। क्यों की जैसे जैसे कलयुग का समय बीतता जायेगा भ्रष्टाचार, पाप, अनाचार...

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       16-05-2024

में भारत हूँ

भीम प्रजापति द्वारा लिखित पुस्तक मैं भारत हूँ कि समीक्षा पुस्तक का शीर्षक ही स्प्ष्ट करता है कि काव्य संग्रह के अंतर्गत सामाजिक ,राष्ट्रीय ,राजनीतिक समसामयिक ,प्राकृतिक आदि विभिन्न विषयों पर काव्य मोतियों को पिरोकर माला संग्रह के रूप में समाज समय...

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महानिशां कि ममतामयी माँ

नारी महिमा गरिमा कि माँ के संघर्षों कि कहानी। जीवेश से जब भी उसके सहपाठी पूछते तुम्हारे पिता का नाम क्या है ? जीवेश कुछ भी बता पाने में खुद को असमर्थ पाता और सहपाठियों के बीच लज्जित होता लौट कर माँ से सवाल करता माँ मेरे पिता कौन है? स्वास्तिका बताती भी..

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       29-04-2024

हल्का फुल्का

देश में चुनावी माहौल, नेता जीतने के बाद उड़ाएंगे माखौल। वादा ......।

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आयुर्वेद

आयुर्वेद हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन की दिशा दिखा रहा है। प्राचीन भारत में आयुर्वेद को रोगों के उपचार और स्वस्थ जीवन शैली व्यतीत करने का सर्वोत्तम तरीका माना जाता था। आजकल के तेज जीवनशैली में, हमें अपने शरीर और मन का ध्यान रखने के लिए आयुर्वेदिक तरी

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       28-04-2024

समसामयिक दोहे

समसामयिक दोहे, षड्यंत्र कि बात नही कहते सब सत्य निर्भय प्रजा जन सत्यार्थ लोक तंत्र।। 2- टांग खींचना परस्पर जन हित कि रार साथ खड़े मंच पर स्वांग प्रपंच कि बात।। 3- रैली रेला हुंकार बढ़ा चुनावी ताप विजय मान मैदान में जैसे हो निःष्पाप।। 4- जीवन..

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