गुणवत्ता और महत्ता एक दूसरे के पूरक...
मानव जीवन के विविध विषयों पर ध्यान केंद्रित करें तो कहां नहीं गुणवत्ता और महत्ता विद्धमान है। मेरे समझ से जो वस्तु हम दैनिक जीवन में नित्य दिन इस्तेमाल करते हैं उन सभी में गुणवत्ता और महत्ता होती है। बिना गुणवत्ता और महत्ता के सृष्टि में कुछ भी नहीं है...
Read Moreसंगठन से कई गुना सरकार बड़ा...!
संगठन और सरकार दोनों के अपने-अपने महत्व और प्रभाव होते हैं। संगठन एक पंजीकृत, मान्यता प्राप्त, संरक्षित समूह होता है जो किसी विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए काम करता है, जैसे कि व्यापार, सामाजिक कार्य, राजनीति या अन्य गतिविधियाँ। समग्र रूप से समाज के..
Read Moreकक्षा पांचवीं
मैं पंकज बिंदास उत्तराखंड से हूँ, साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखता हूं, यहाँ प्रमुखता गद्य में रचनाएं संकलित कर रहा हूँ। हमारी आज की यथार्थता की कल्पना दस साल पहले किसी ने न की होगी;कौन क्या करेगा, कहाँ रहेगा किसी ने न समझा होगा और दस साल बाद की हमा...
Read Moreभविष्यवाणी
नास्त्रेदमस एव बाबा वेंगा कि भविष्यवाणियों के परिपेक्ष्य में नन्दलाल मणि त्रिपाठी कि ज्योतिषीय गणना एव परिणाम।। नास्त्रेदमस के इस क्वाट्रेन आसमान से आग गिरने का जिक्र है जिसे कुछ लोग एलियन या अंतरिक्ष यात्रा से सम्बंधित मानते है इसमें आकाश से हथियार एवं..
Read Moreजन प्रतिनिधि के निधियों की बहार, काश होता क्षेत्र में विकास के गंगा की बौछार...
असल में मतदाता जागरूक हो तो उनके पास यही उपयुक्त वक्त है अपने जन प्रतिनिधियों को अति प्रेम से अपने घर में बैठाकर पूछने का की आदरणीय विकास पुरुष माननीय नेता जी, सांसद जी, विधायक जी, पार्षद जी या मुखिया जी अपने पिछले पांच साल के कार्यकाल में प्रति वर्ष...
Read Moreआक्सीजन प्राण नही है।
प्राण आत्मा का गुण है आत्मा(जीवन) की प्रतीति प्राण से ही है।प्राण अगर शरीर से निकल जाता है तो प्राणांत अर्थात मृत्यु हो जाती है,जीवित प्राणियों में जीवन सांसों पर आधारित है।जब तक सांस चलती है,जीव जिंदा रहता है। शरीर आत्मा का वाहक है, जब तक ठीक है प्राण..
Read Moreबहन बेटियों पर होने वाले जघन्य अपराध
भारत में बहन बेटियों के साथ हो रहे जघन्य कुकृत्य अपराधों को देखते हुए यह आवश्यक है कि समाज में त्वरित और कठोर कानून लागू किए जाएं। इस लेख में विस्तार से कवर किया गया, जिसमें सऊदी अरब सरकार की तर्ज पर अपराधियों के खिलाफ कठोर कानून बनाने की आवश्यकता हैं..
Read Moreसबका प्यारा - अपना राजू
एक दिन एक लड़का जिसका नाम था राजू, वो घर पर अकेले में खेल रहा था। गर्मी का दिन था, बाहर लू चल रहा था। राजू बार बार घर से बाहर खेलने की जिद कर रहा था। राजू की मम्मी उसे बाहर जाने से मना कर रही थी, लेकिन राजू बाहर खेलने का जिद कर रहा था। राजू बाहर जाने के ल
Read Moreअंतर्राष्ट्रीय मगध गौरव सम्मान समारोह- 2024
मानद कुलपति सौहार्द शिरोमणि डॉ. सौरभ जी महराज के नेतृत्व मार्गदर्शन और राष्ट्र लेखक डॉ. अभिषेक कुमार जी के संयोजन तथा क्षेत्रीय स्तर पर श्री राजीव रंजन पाण्डेय जी के सहयोग से आगामी 16 और 17 नवंबर 2024 को बिहार राज्य अंतर्गत नालंदा जिले के राजगीर में दो...
Read Moreदर्द - ए - दिल
दर्द -ए -दिल भोरहरिया जब नींद खुला और बाहर निकला तो देखे की सब लोग महादेव थान के चबूतरा के तरफ दौड़ लगा रहा है। हम अकबका गए की गांव में कोई गुजर तो नही गया। हमहु फटाफट दौड़ के चबूतरा के पास गए। वहां जाकर देखा की बहादुर चा मार सिसक सिसक के रो रहे हैं। आंख
Read Moreबदनाम आदमी पार्टी
मैने अपने पूर्वजों के बारे में जाना तो पता चला आज तक मेरे खानदान में कोई राष्ट्र स्तर का नेता पैदा नहीं हुआ था। कारण सब सच बहुत बोलते थे। एक मैं ही कुलबोरन पैदा हो गया था अपने खानदान में। झूठ बोलने में मैं इतना माहिर था की वर्तमान वाले विधायक जी मुझे.....
Read Moreबिहार के शिक्षकों का हाल-ए-दर्द बयां...
मई जून की तपती महीना, आसमान से बरस रहे आग के भीषण जानलेवा गोले, जल रहा जमीन, झुलस रहा लोगों के गालों की लालिमा, पशु पक्षियों में भी अजीब सी व्याकुलता, ऊजड़ी हुई गुलसिता और घर के छांव में दुबके कामगार। आस पास के परिवेश से आ रही मौत की खबरे.. जी हां बिहार..
Read Moreप्रारब्ध का सत्य
प्रारब्ध का सत्य वर्तमान विज्ञान आध्यात्म एव आचरण संस्कार के परिपेक्ष्य में लिखा गया सत्यार्थ धर्म एव जीवन दर्शन है। प्रस्तुत कहानी में सुभद्रा से अजुर्न को किसी संतान का योग नही था मामा भगवान श्री कृष्ण स्वंय इंद्र का स्वरूप 16 वर्षो के लिए मांग कर..
Read Moreकाबा जाए कि काशी
सामाजिक बंधनो को तोड़ती नए अध्याय आयाम लिखती दो नौजवानों के जीवन पर आधारित घटना का सत्यार्थ। पंडित धर्मराज के तीन बेटे हिमाशु ,देवांशु ,प्रियांशु थे तीनो भाईयों में आपसी प्यार और तालमेल था पुरे गाँव वाले पंडित जी के बेटो के गुणों संस्कारो का बखान करते...
Read Moreसन्त का सच त्याग..
सन्त के सामाजिक कल्याआर्थ सच तप कि मर्मस्पर्शी कहानी। गोकुल खानाबदोश परिवार में जन्मा था जिसके समाज के लोग मन मर्जी के अनुसार जहां अच्छा लगा वहीं डेरा जमा लिया कुछ दिन रहे मन उबा तो दूसरी जगह चल दिए यही जिंदगी थी पेट भरने के लिए भीख मांगना कबूल नही हाथ..
Read Moreभ्रष्टाचार खत्म करने वाली मशीन की परिकल्पना...
भ्रष्टाचार विरोधी या भ्रष्टाचार खत्म करने की मशीन यह सुनने में अजीब और अटपटा जरूर लग रहा होगा परंतु भविष्य में एक दिन भ्रष्टाचार को नियंत्रण करने के लिए एक विशेष मशीन की जरूरत पड़ेगी। क्यों की जैसे जैसे कलयुग का समय बीतता जायेगा भ्रष्टाचार, पाप, अनाचार...
Read Moreमें भारत हूँ
भीम प्रजापति द्वारा लिखित पुस्तक मैं भारत हूँ कि समीक्षा पुस्तक का शीर्षक ही स्प्ष्ट करता है कि काव्य संग्रह के अंतर्गत सामाजिक ,राष्ट्रीय ,राजनीतिक समसामयिक ,प्राकृतिक आदि विभिन्न विषयों पर काव्य मोतियों को पिरोकर माला संग्रह के रूप में समाज समय...
Read Moreमहानिशां कि ममतामयी माँ
नारी महिमा गरिमा कि माँ के संघर्षों कि कहानी। जीवेश से जब भी उसके सहपाठी पूछते तुम्हारे पिता का नाम क्या है ? जीवेश कुछ भी बता पाने में खुद को असमर्थ पाता और सहपाठियों के बीच लज्जित होता लौट कर माँ से सवाल करता माँ मेरे पिता कौन है? स्वास्तिका बताती भी..
Read Moreहल्का फुल्का
देश में चुनावी माहौल, नेता जीतने के बाद उड़ाएंगे माखौल। वादा ......।
Read Moreसमसामयिक दोहे
समसामयिक दोहे, षड्यंत्र कि बात नही कहते सब सत्य निर्भय प्रजा जन सत्यार्थ लोक तंत्र।। 2- टांग खींचना परस्पर जन हित कि रार साथ खड़े मंच पर स्वांग प्रपंच कि बात।। 3- रैली रेला हुंकार बढ़ा चुनावी ताप विजय मान मैदान में जैसे हो निःष्पाप।। 4- जीवन..
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