दिया हुआ दान हज़ार गुना फलदायी होकर सुख, समृद्धि, और वैभव को वापस लौटाता है। जिसका सुप्रभाव इस जन्म से लेकर अगले जन्म तक देखा जा सकता है।
हम सभी कर्मों के बंधन में बंध कर आये हैं और कर्मों के बंधन में बंध कर जाना है... कुछ सत्यकर्म कर चलें ऐसा कि जब तक सूरज, चाँद रहे नाम अमिट हो जाए।
धर्मानुरागी धन्नासेठ,भामाशाह,सम्पन्न पूँजीपतियों से अपेक्षा है कि मानवता के हितार्थ नैतिक मूल्यों के प्रतिस्थापना हेतु बनने वाले विश्व के अद्भुत, अद्वितीय एवं ऐतिहासिक "दिव्य प्रेरक कहानियाँ मानवता अनुसंधान केंद्र" की भव्य इमारत के लिए
चैरिटेबल ट्रस्ट को अपने सामर्थ्य के अनुसार स्वैच्छिक दान करें।
आपका दिया हुआ दान आयकर अधिनियम की धारा 80G, भारत सरकार के प्रावधानों के अनुसार कर (Tax) मुक्त होगा।