बाबा साहेब का जीवन था संघर्ष की खान

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ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: रचनाकार
प्रेषण दिनांक: 14-04-2022
उम्र: 30
पता: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मोबाइल नंबर: 9453749772

बाबा साहेब का जीवन था संघर्ष की खान

।। संघर्ष की खान थे

बाबा साहेब अंबेडकर ।।

# 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के 

महू के एक गांव में इस महान विभूति जन्म

होना ।

कोई साधारण नही था । वो एक असाधारण

व्यक्तित्व और बहुमूल्य प्रतिभा के धनी थे ।।

बाबा साहेब का जीवन काल,

बचपन से ही गरीबी, संघर्षों,जातिवाद,भेदभाव और छूत अछूत की

विडंबनाओ की मानसिकता से घिरा रहा ।।

बाबा साहेब !

दृढ़ संकल्पी थे । उच्च शिक्षा का स्वप्न बचपन से ही आंखों

में लेकर चले थे ।।

लेकिन,विषम परिस्थितियों के कारण और गरीबी के कारण

उनकी,शिक्षा दीक्षा में बहुत व्यवधान और अड़चने थी ।

# भीम राव जी, के जीवन काल में छत्रपति साहू जी महाराज जी का अमूल्य योगदान रहा ।उन्होंने,उनकी शिक्षा से लेकर जीवन काल की छोटी से छोटी उपलब्धियां को प्राप्त करने में उनका भरपूर सहयोग  किया ।।

वैसे तो,

वो कोई मामूली से इंसान नही थे ।

उनके भीतर,

अनेक हुनर, जज़्बा और साहस कूट कूट के भरा था 

पर,वो भी कही ना कही 

सामाजिक तिरस्कार, दुर्व्यवहार और भेदभाव वाली मानसिकता के शिकार थे ।।

उन्होंने,अपना पूरा जीवन काल छुआछूत,जातिवाद और समानता के अधिकार या कहे

मानवाधिकार आंदोलनों के खिलाफ विजय हासिल करने

में खपा दिया ।।

बाबा साहेब, विद्वता की खान कहलाए ।।

वो केवल बुद्धिमान ही नही

एक विश्लेषक भी थे हालाकि उन्होंने बैचलर डिग्री अर्थशास्त्र में प्राप्त की ।

फिर,वो लंदन के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से 

मास्टर्स और डॉक्टर आफ साइंस की भी डिग्री लेने में सफल रहे ।। हालाकि

उन्होंने,दुनिया के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से डिग्री लेने के साथ साथ एक कुशल अर्थशास्त्री के रूप में भी अपनी प्रतिभा को

साबित किया ।।

और वो,एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले पहले अर्थशास्त्री भी कहलाए ।।

डॉक्टर भीम राव अंबेडकर,अब तक एक जाना माना नाम बन चुका था । वो,संविधान के जनक,निर्माणकर्ता कहलाए ।

क्योंकि,उन्होंने अनेक तरह की मानसिक और शारीरिक यातनाओं को सहा। अन्याय को झेला ।।

शायद ! ऐसी वजह से,उनके भीतर न्याय के प्रति इतनी संवेदना

जागी कि,

वो,संविधान का निर्माण कर बैठे ।।

और निर्माणकर्ता कहलाए ।।

डॉक्टर भीम राव अंबेडकर,एक प्रखर,ओजस्वी,तेजस्वी और असाधारण प्रतिभा के मालिक थे ।।

उन्होंने,अपना सर्वस्य न्याय,छूत अछूत और भेदभाव,बराबरी का दर्जा हासिल करने में बिताया ।।

वो,एक जन साधारण के लिए मिसाल थे ।बाबा साहेब!

का जीवन काल अमूल्य निधियों से जड़ा था ।

वो,एक प्रेरणा के स्रोत सिद्ध हुए ।।

एक,अद्भुत बेजोड़ अनेक पीढ़ियों के लिए 

मिसाल साबित हुए ।।

मैने,देखा है अक्सर

पढ़ा और सुना भी कि,

महान इंसान की महिमा की गाथा का गायन हमेशा

मरणोपरांत किया जाता हैं ।

बाबा साहेब को भी,

बड़े सम्मान से नवाजा गया लेकिन मरणोपरांत,

वो ,भारत रत्न के विजेता कहलाए ।।

डॉक्टर,भीम राव अंबेडकर

साधारण नही थे ।

वो तो,वाकई में संघर्षों से भरी एक खान थे।एक मिसाल थे ।।

ऐसी,महान विभूति को मेरा कोटि कोटि नमन हैं

वंदन हैं ।।

जय हिंद ।।

जय भारत ।।

स्नेहा की कलम से,

🙏🙏🙏🙏🙏

(एक रचनाकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक)

कानपुर उत्तर प्रदेश

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