| क्रम संख्या | ISBN | शीर्षक का नाम | लेखक/संपादक का नाम | उत्पाद सरंचना | संभावित प्रकाशन तिथि |
|---|---|---|---|---|---|
| 49 |
Coming Soon |
हास्य-व्यंग्य-तरंगिनी |
प्रयाग तिवारी |
लेखकीय |
02/11/2025 |
| 48 |
978-81-984282-1-9 |
आधुनिक भारत के निर्माण में संत सौरभ जी महाराज का योगदान |
डॉ. अभिषेक कुमार |
लेखकीय |
02/11/2025 |
| 47 |
978-81-984282-2-6 |
वतन के वास्ते, रामहर्ष की अमर कथा |
डॉ. अभिषेक कुमार |
लेखकीय |
02/11/2025 |
| 46 |
978-81-984282-9-5 |
पद्मश्री मुकुंद नायक और झारखंडी कला संस्कृति |
डॉ. चिंतामणि सांगा |
लेखकीय |
31/05/2025 |
| 45 |
978-81-984282-9-5 |
पद्मश्री मुकुंद नायक और झारखंडी कला संस्कृति |
डॉ. चिंतामणि सांगा |
लेखकीय |
31/05/2025 |
| 44 |
978-81-984282-0-2 |
नागपुरी भाषा साहित्य और शोध |
डॉ. चिंतामणि सांगा |
लेखकीय |
31/05/2025 |
| 43 |
978-81-984282-3-3 |
आस्था का संगम-महाकुम्भ 2025 |
सूर्य प्रकाश त्रिपाठी |
संपादकीय |
18/02/2025 |
| 42 |
978-81-984282-4-0 |
वीर पानी, भाग-3 |
डॉ. राम किशोर भगत |
संपादकीय |
07/03/2025 |
| 41 |
978-81-984282-7-1 |
झारखण्ड में हिंदी साहित्य और साहित्यकार |
रियाज अंसारी |
लेखकीय |
06/03/2025 |
| 40 |
978-81-972532-6-3 |
मध्यकालीन झारखण्ड में साझी विरासत |
मोईन अहमद |
लेखकीय |
17/01/2025 |
| 39 |
978-81-972532-1-8 |
आद्या से आराध्या |
पूजा सिंह |
संपादकीय |
09/01/2025 |
| 38 |
978-81-972532-8-7 |
गिरवी ज़मीर |
डॉ. अभिषेक कुमार |
लेखकीय |
24/11/2024 |
| 37 |
978-81-972532-3-2 |
बादलों के देश में |
मीना जैन |
लेखकीय |
28/11/2024 |
| 36 |
978-81-972532-2-5 |
रसिक तरंग |
प्रो. (डॉ) अजीत कुमार जैन |
लेखकीय |
23/08/2024 |
| 35 |
978-81-972532-7-0 |
विबोध वैभव |
प्रो. (डॉ) अजीत कुमार जैन |
लेखकीय |
18/07/2024 |
| 34 |
978-81-972532-4-9 |
नव्य निनाद |
प्रो. (डॉ) अजीत कुमार जैन |
लेखकीय |
27/07/2024 |
| 33 |
978-81-972532-5-6 |
हिंदी की ABCD |
सूर्य प्रकाश त्रिपाठी |
संपादकीय |
15/05/2024 |
| 32 |
978-81-972532-9-4 |
महिलाओं की प्रधानता और नेतृत्व, इनके हाथ में शासन सत्ता की बागडोर |
डॉ. अभिषेक कुमार |
संपादकीय |
14/03/2025 |
| 31 |
978-81-965901-0-9 |
पुरखा डण्डी (कुडूख लोक गीत संग्रह) |
डॉ. राम किशोर भगत, संजू लकड़ा |
लेखकीय |
14/02/2024 |
| 30 |
978-81-965901-1-6 |
वीर पानी |
डॉ. राम किशोर भगत |
लेखकीय |
13/02/2024 |
| 29 |
978-81-965901-2-3 |
उरांव जनजाति की पारंपरिक व्यवस्था |
डॉ. राम किशोर भगत |
लेखकीय |
09/02/2024 |
| 28 |
978-81-965901-3-0 |
जनजातीय नायक |
डॉ. राम किशोर भगत |
लेखकीय |
08/02/2024 |
| 27 |
978-81-965901-9-2 |
उरांव जनजाति की स्वशासन व्यवस्था |
मरकुस कुजूर |
लेखकीय |
31/01/2024 |
| 26 |
978-81-965901-4-7 |
श्री राम का राज्याभिषेक |
सूर्य प्रकाश त्रिपाठी |
संपादकीय |
22/01/2024 |
| 25 |
978-81-965901-6-1 |
वीर बुधू भगत जीवन दर्शन |
डॉ. राम किशोर भगत |
लेखकीय |
31/12/2023 |
| 24 |
978-81-965901-7-8 |
उत्कल दर्शन |
डॉ. त्रिलोक चंद फतेहपुरी |
लेखकीय |
23/12/2023 |
| 23 |
978-81-965901-5-4 |
वन्दे तव नारायणी |
सूर्य प्रकाश त्रिपाठी |
संपादकीय |
15/12/2023 |
| 22 |
978-81-962446-9-9 |
सुणते जाइयो रै |
दलबीर 'फूल' |
लेखकीय |
30/09/2023 |
| 21 |
978-81-962446-8-2 |
Shreshth Samaj Ke Nirman Men Santo Ka Yogdan |
SUNITA SINGH SAROVAR |
लेखकीय |
25/02/2024 |
| 20 |
978-81-962446-6-8 |
Namami Maa Bharti |
Surya Prakash Tripathi |
लेखकीय |
01/09/2023 |
| 19 |
978-81-962446-5-1 |
Exam Kranti Jharkhand Samanya Gyan Saar Sangrah |
Naresh Chandra |
लेखकीय |
18/08/2023 |
| 18 |
978-81-962446-4-4 |
Ekkisvin sadi ke chaynit upanyason me varg sangharsh aevn arthik vishamtayen |
Anita Kumari |
लेखकीय |
28/07/2023 |
| 17 |
978-81-962446-3-7 |
Vat Vriksh Ki Chhanv Men |
Surya Prakash Tripathi |
संपादकीय |
12/06/2023 |
| 16 |
978-81-962446-2-0 |
Dhany Tumhari Vani |
Mina Jain |
लेखकीय |
20/05/2023 |
| 15 |
978-81-962446-1-3 |
Awadh Me Shree Ram Aye hai |
Surya Prakash Tripathi |
संपादकीय |
02/04/2023 |
| 14 |
978-81-962446-0-6 |
Shajarnama |
Mehta Nagendra Singh |
लेखकीय |
05/04/2023 |
| 13 |
978-81-958448-8-3 |
Belpatra |
Mehta Nagendra Singh |
लेखकीय |
24/03/2023 |
| 12 |
978-81-958448-9-0 |
Ped Ki Chinta (Kavy Sankalan) |
Mehta Nagendra Singh |
लेखकीय |
24/03/2023 |
| 11 |
978-81-958448-7-6 |
Veer Pani |
Dr. Ram Kishor Bhagat |
लेखकीय |
22/02/2023 |
| 10 |
978-81-958448-4-5 |
Nilambhra Pari |
Maya Madkoriya |
लेखकीय |
19/01/2023 |
| 9 |
978-81-958448-3-8 |
Veer Budhu Bhagat Sangharsh Gatha |
Dr. Ram Kishor Bhagat |
लेखकीय |
22/12/2022 |
| 8 |
978-81-958448-2-1 |
Vidisha Manhare |
Vidisha Pawar |
लेखकीय |
30/11/2022 |
| 7 |
978-81-958355-9-1 |
Rajeev Bhardwaj Ke Vyang |
Rajeev Bhardwaj |
लेखकीय |
18/11/2022 |
| 6 |
978-81-958355-7-7 |
Chandravanshi (Rawani) Ke Vismrit Nayak |
Angad Kishor |
लेखकीय |
09/11/2022 |
| 5 |
978-81-958355-6-0 |
Varna Nikal Diye Jaoge Kokh Se |
Angad Kishor |
लेखकीय |
26/11/2020 |
| 4 |
978-81-958355-5-3 |
Panch Parmeshwar |
Angad Kishor |
लेखकीय |
17/11/2020 |
| 3 |
978-81-958355-4-6 |
Juban Ko Awaz Do |
Angad Kishor |
लेखकीय |
26/11/2020 |
| 2 |
978-81-958355-2-2 |
Atmsamman |
Angad Kishor |
लेखकीय |
31/10/2022 |
| 1 |
978-81-958355-2-2 |
Ye Jina Kya Jina Hai |
Angad Kishor |
लेखकीय |
29/10/2022 |