
ब्लॉग प्रेषक: | अभिषेक कुमार |
पद/पेशा: | |
प्रेषण दिनांक: | 08-03-2022 |
उम्र: | 32 |
पता: | आजमगढ़, उत्तर प्रदेश |
मोबाइल नंबर: | 9472351693 |
देश में एक मूल्य निर्धारण प्रणाली की आवश्यकता
किसी भी राष्ट्र के निर्माण एवं आर्थिक सामाजिक व्यवस्था को संतुलन बनाये रखने में उस देश की उधोग निति का बड़ा महत्व है। कोई भी फर्म जब किसी उत्पाद को बनाती है तो उसके एवज में एक मूल्य का निर्धारण करती है और मूल्य का निर्धारण उस उत्पादित वस्तु के निर्माण में लगे लागत एवं समय के सापेक्ष होना चाहिय अर्थात किसी वस्तु के कुल उत्पादित लागत से अधिकतम 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत ही मुनाफा होनी चाहिए।
मूल्य निर्धारण में सरकार का सिकंजा होनी चाहिए। बहुत से फर्म ब्राण्डिंग गुणवत्ता के या यु ही मनमाने ढंग से अधिकतम मूल्य का निर्धारण कर रहे है जो किसी भी पिछड़े/विकाशील या विकसित देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने की दशा में शुभ संकेत नहीं है। कारण की उत्पादन में तो चंद लोग/फर्म लगी है परन्तु देश की बहुत बड़ी आबादी खरीदार है और वह किसी एक रूपए की वस्तु को गुणवत्ता और ब्राण्डिंग के नाम पर या किसी अज्ञात कारण के वजह से वह सौ रूपए में जब खरीदारी करेगा तो निसंदेह उसकी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा कारण की उस व्यक्ति की उस अनुपात में धनार्जन नहीं है। व्यक्ति से समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है और जब व्यक्ति अर्थव्यवस्था से जूझेगा तो राष्ट्र भी अर्थव्यवस्था से जूझेगा।
मनमाने मूल्य निर्धारण से चंद उत्पादन कर्ता फर्म/ब्यक्ति आशातीत धनार्जन करेंगे वही खरीदारों का एक बहुत बड़ा समूह नित्य गरीबी के चंगुल में फंसते चले जायेंगे। किसी भी सरकार को मूल्य निर्धारण पर एक ठोस कार्यनीति बना के उसे कड़ाई से पालन करवाना चाहिए तथा एक निर्धारित उचित मूल्य की अवधारणा होनी चाहिए। इसमें सभी का मंगल एवं देश का भी कल्याण है।
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अभिषेक कुमार
ब्लॉक मिशन प्रबंधक (आजमगढ़)
ग्राम्य विकास बिभाग, उत्तर प्रदेश सरकार
सह साहित्यकार, सामुदाय सेवी व प्रकृति प्रेमी
अंतर्राष्ट्रीय समाज सेवा अवार्ड से सम्मानित
कलम के जादूगर उपाधि से अलंकृत
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