
ब्लॉग प्रेषक: | जयप्रकाश सूर्य वंशी |
पद/पेशा: | साहित्यकार एवं समाजसेवी |
प्रेषण दिनांक: | 23-05-2022 |
उम्र: | 24/01/1949 |
पता: | नागपुर, महाराष्ट्र |
मोबाइल नंबर: | ९४२३१२६२११ |
लेखक जयप्रकाश सूर्य वंशी जी का जीवन परिचय
लेखक का संक्षिप्त परिचय
--------------------------------
नाम- जयप्रकाश सूर्य वंशी, किरण, नागपुर
जन्म_२५ जनवरी १९४९
पैतृक गांव_भयावाडी पो. बोरदही
जिला. बैतूल मध्यप्रदेश।
पिता का नाम_बाबूलाल सूर्यवंशी
माता जी_देवकी सूर्य वंशी
शिक्षा_बी.ए. नागपुर पास१९७१ विश्वविद्यालय नागपुर महाराष्ट्र
पता_साकेत नगर नागपुर ४४००२७
मोबाइल ९४२३१२६२११
अभिरुचि_ साहित्य, सामाजिक कार्य, धार्मिक कार्य।योग प्रशिक्षक प्रचार प्रसार में योगदान
लेखन कार्य समाचार पत्र में रचनाएं प्रकाशित करना।
सेवाकाल_ मध्य रेलवे नागपुर से कार्य अधिक्षक पद से सेवानिवृत्त
पुरस्कार प्रशस्ति पत्र स्मृति चिन्ह अनेक प्राप्त।
प्रकाशित साहित्य_ काव्यसंग्रह किरण की यादें।
किरण की संवेदना ए लघुकथा संग्रह
आत्म कथा_जीवन का संघर्ष
संकलन_बिखरेमोती अनमोल वचन।
योग दर्शन योग विधा पर।
निहारिका ए।गधपध संग्रह।
करीबन १० सांझा संकलन में देश की अनेक पुस्तकों में रचनाएं प्रकाशित।
सदस्य_अखिल भारतीय लेखक संघ न ई दिल्ली।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन में सहभागिता योगदान।
सामाजिक कार्यकर्ता राष्ट्रीय कल्चुरी एकता महासंघ नागपुर द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में कन्या दान में सहभागी बनकर योगदान, कन्यादान में अभी त
क ७९ कन्यादान में सप्रेम भेंट।
देश की साहित्य संस्था ओ द्वारा सम्मानित। अनेकानेक पुरस्कार।
योग में पतंजलि योग पीठ हरिद्वार द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त।योग संचालन योग प्रचार प्रसार में योगदान।योग की कक्षाएं संचालित करना। निःशुल्क।
सामाजिक कार्य में सहयोग।
संपर्क_जयप्रकाश सूर्य वंशी नागपुर ९४२३१२६२११.
महाराष्ट्र।
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
26-06-2025
डिप्रेशन में जा रहे हैं।
डिप्रेशन में जा रहे हैं। पांच क्लास में पढ़ते थे, उसी समय हम दिल दे चुके सनम का पोस्टर देखा, अजय देवगन हाथ में बंदूक लेके दांत चिहारले था, मुंह खूने खून था, हम समझे बड़ी मार धाड़ वाला सनिमा होगा। स्कूल से भाग कॉपी पैंट में लुका के तुरंत सिनेमा हॉल भागे।
Read More05-06-2025
सनातन धर्म में कर्म आधारित जन्म जीवन का अतीत भविष्य।
अक्सर गाँव में मैंने अपने बाल्य काल में देखा है अनुभव किया है वास्तविकता का अंवेषण किया है जिसके परिणाम मैंने पाया कि ज़ब कोई जातक (बच्चा ) जन्म लेता है तो सबसे पहले माता को उसके स्वर सुनने कि जिज्ञासा होती है नवजात ज़ब रुदन करता है तो माँ के साथ परिजन..
Read More05-06-2025
सनातन धर्म में धर्म कर्म के आधर पर अतीत एवं भविष्य काया कर्म का ज्ञान।
सनातन धर्म के मूल सिद्धांतो में धर्म क़ो जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण मानते हुए मान दंड एवं नियमों क़ो ख्याखित करते हुए स्पष्ट किया गया है जिसके अनुसार...
Read More17-05-2025
हाय हाय बिजली
हाय हाय बिजली।। सर ई का है ? दिखाई नहीं दे रहा है, ई पसीना है, ई पसीना घबराहट में नहीं निकला है, न ही किसी के डर से निकला है, फौलाद वाला शरबत पीने से भी नहीं निकला है, ई निकला है गर्मी से, और अगर बिजली रहती तो ई देह में ही सुख जाता लेकिन पंद्रह से बीस
Read More11-05-2025
आदर्श व्यक्तित्व के धनी नरसिंह बहादुर चंद।
युग मे समाज समय काल कि गति के अनुसार चलती रहती है पीछे मुड़ कर नहीं देखती है और नित्य निरंतर चलती जाती है साथ ही साथ अपने अतीत के प्रमाण प्रसंग परिणाम क़ो व्यख्या निष्कर्ष एवं प्रेरणा हेतु छोड़ती जाती...
Read More23-04-2025
घटते जीवांश से खेतों को खतरा।
जैसे कि कृषि विकास दर में स्थिरता की खबरें आ रहीं हैं। यह चिन्ता का विषय है। तमाम आधुनिक तकनीक व उर्वरकों के प्रयोग के बावजूद यह स्थिरता विज्ञान जगत को नये सिरे से सोचने के लिए बाध्य कर रही है। अभी तक हमारी नीतियां तेज गति से बढ़ती जनसंख्या को भोजन देने..
Read More