| ब्लॉग प्रेषक: | रविंद्र दुबे |
| पद/पेशा: | नौकरी |
| प्रेषण दिनांक: | 31-01-2023 |
| उम्र: | 40 |
| पता: | परिचय :*नाम:* रविंद्र दुबे |
| मोबाइल नंबर: | 7987328495 |
कबीर का आधुनिक भारत निर्माण में योगदान पुस्तक समीक्षा
*अनुवाद के संदर्भ में :*
अत्यंत हर्ष का विषय है कि आ. अभिषेक कुमार जी द्वारा लिखित पुस्तक "आधुनिक भारत निर्माण में सद्गुरु कबीर जी का योगदान" का मुझे छत्तीसगढ़ी भाषा में अनुवाद करने का मौका मिला है।
छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा
है।भाषाशास्त्रियों ने *'छत्तीसगढ़ी'* को पूर्वी हिन्दी की एक शाखा माना है इसलिए 'छत्तीसगढ़ी' का विकास अन्य आधुनिक भाषाओं की भाँति प्राचीन आर्य भाषा (संस्कृत) से हुआ है। छत्तीसगढ़ी का अपना समृद्ध साहित्य व व्याकरण है।
*“कबीरा खड़ा बाजार में सबकी मांगे खैर, न काहू से दोस्ती न काहू से बैर”*
विश्व के महान दार्शनिक विचारक और महान कवि संत कबीरदास जी को समर्पित अभिषेक कुमार जी की यह पुस्तक हिंदी भाषा में रचित है।मेरा सौभाग्य है कि राष्ट्रीय भाषा हिंदी मे अभिषेक कुमार जी लिखित "आधुनिक भारत के निर्माण में कबीर जी का योगदान " का छत्तीसगढ़ी भाषा में अनुवाद करने का दायित्व मुझे किया। छत्तीसगढ़ में कबीर पंथ का व्यापक प्रभाव रहा है।उनकी रचनाओं और विचारो का अनुसरण आज भी छत्तीसगढ के कबीर अनुयायी करते है ।लगभग प्रादेशिक भाषाओं में अनुवाद हो रही यह पुस्तक कबीरदास की जीवनी और वाणी को जन मन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।इस पुस्तक में लिखी कबीर की रचनाओ का सटीक उदाहरण आधुनिक भारत के निर्माण हेतु मनुष्यों में शुध्द -हृदयता, सामाजिक समरसता तथा सबसे बढ़कर सात्विक जीवन शैली को अपनाने की प्रेरणा और उन्हें आदर्श मानव जीवन के सफल निर्माता के रूप में स्थापित करने की प्रेरणा प्रदान करेगी । अपनी आम बोली के माध्यम से भक्ति के मूल तत्वों से जुड़ने और कबीर के संदेशों को स्थानीय भाषा छत्तीसगढ़ी में पढने और सुनने से कबीर के संदेशों से जागृति लाने का प्रयास सफल होगा । इस दिशा में प्रादेशिक भाषाओ में कबीर जी के पुस्तक का अनुवाद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और यही आधुनिक भारत के निर्माण में स्थानीय साहित्यकारों का योगदान और प्रयास होगा l
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