ब्लॉग प्रेषक: | डॉ. अभिषेक कुमार |
पद/पेशा: | साहित्यकार व विचारक |
प्रेषण दिनांक: | 15-12-2024 |
उम्र: | 35 |
पता: | आजमगढ़, उत्तर प्रदेश |
मोबाइल नंबर: | 9472351693 |
वित्तीय सम्पन्नता हेतु लेखा-जोखा जरूरी।
वित्तीय सम्पन्नता हेतु लेखा-जोखा जरूरी।
- डॉ. अभिषेक कुमार
वित्तीय सम्पन्नता के दृष्टिकोण से किसी भी संगठन, संस्थान या किसी व्यक्ति के बारे में गहराई से गौर करेंगे तो यह पाएंगे कि उन्होंने अपने वित्त को जितना सुव्यवस्थित, सुनियोजित या अच्छे तरीके से लेखांकन के उपरांत रिपोर्ट तैयार कर तथा तुलनात्मक अध्ययन से एक निष्कर्ष और निर्णय पर पहुंचे और अमल किए वे उतना ही अपने क्रियाकलाप में सफल हुए हैं। तथा दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर खुद या अपने व्यवसाय, संस्थान या संगठन के धन के अगम को सुदृढ़ और मजबूत बनाए हैं। आय व्यय, दायित्व संपति के सटीक अंकन, विश्लेषण और तुलनात्मक अध्ययन ही किसी व्यक्ति विशेष या उनके संगठन, संस्थान के सफलता का राज है। निसंदेह आर्थिक सम्पन्नता से ही सामाजिकता और बौद्धिकता में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है।
बहुत सारे व्यक्ति व्यावसायिक फर्म, सामाजिक संस्थान या संगठन का निर्माण तो कर लेते हैं पर वे मूल भूत ढांचागत आवश्यक अवयव धन की आवागमन या उसके सटीक लेखांकन के प्रति संवेदनशील नहीं रहते जिसका नतीजा यह होता है कि धन के अभाव में उस संस्था या संगठन के मूल उद्देश्य और स्वरूप वैसे विलीन हो जाते हैं जैसे बालू के रेत से बनाया हुआ खूबसूरत महल। सरकार के नियमानुसार तो प्रत्येक वर्ष ऑडिट करानी है, परंतु संस्था के आय व्यव, दायित्व संपति वास्तविक में कुछ है और उचित लेखा-जोखा संधारण न होने के कारण तथा कोई हिसाब किताब न मिलने के कारण बहुत सारे छोटे एवं माध्यम स्तर के संस्थान, संगठन एक अनुमानित, कामचलाउ और औसत आय व्यव, लाभ हानि, बैलेंस शीट का तलपट तैयार करा लेते हैं। चूंकि वास्तव में यह कृत्य अपने आप को धोखा देने जैसा है..! कोई भी व्यक्ति या समूह कोई भी संगठन या संस्थान को निर्माण करता है तो उनका मुख्य उद्देश्य यही होता है कि अपना संगठन या संस्थान लाखों, करोड़ों, अरबों रुपए का सालाना टर्नओवर करे..! पर जब तक उस संगठन या संस्थान में वास्तविक लेखा जोखा, हिसाब किताब का विश्लेषण अध्ययन हेतु रिपोर्ट न हो तो वह कैसे निष्कर्ष पर पहुंच सकता है कि किन पहलुओं पर विशेष ध्यान आकृष्ट करने व सुधार की जरूरत है..?
सभी को पैसे की जरूरत है, बिना पैसा के फूटी कौड़ी भी नहीं मिलती। जो कोई व्यक्ति अपना कोई व्यावसायिक फर्म खोलकर बैठा है या कोई संगठन या संस्थान चला रहा है, उससे लाभ की इच्छा जरूर है ताकि व्यक्तिगत आवश्यक जरूरतों को पूरा किया जा सके एवं सामाजिक सरोकार से संबंधित भी कार्य किया जा सके। किसी भी उद्यम या संगठन, संस्थान जब निर्मित हो गया है तो उससे कुछ न कुछ आय व्यव तो होगा ही..! उसका उचित लेखांकन और प्रबंधन के बगैर कुछ रुपए पैसे अपने हितार्थ में कुछ पैसे उस उद्यम संगठन या संस्थान के बढ़ाने में बिना कोई उचित लेखा-जोखा किए लगाना यही है वित्तीय प्रबंधन कि अव्यवस्था, अकुशलता। जिस व्यक्ति या संगठन, संस्थान व्यवसायिक उद्यमों के पास उचित हिसाब-किताब का लेखांकन और सकारात्मक सोच होता है वे जोखिम तथा प्रतिस्पर्धा भरे बाजार और समाज में भी जल्दी से पनप जाते हैं। यह आम तौर पर देखा और अनुभव किया जा सकता है।
जाने-अनजाने में किसी उद्यम, संस्थान, संगठन के भीतर इन्हीं सब वित्तीय अव्यवस्थाओं और अकुशलताओं के मध्यनजर *"दिव्य प्रेरक कहानियाँ मानवता अनुसंधान केंद्र न्यास"* ने *डिजिटल बुककीपिंग मैनेजमेंट सिस्टम ऑनलाइन* एक नवीन पद्धति का शुरुआत किया है। जहां कोई भी व्यक्ति, संगठन, संस्थान या व्यवसायिक फर्मों के मालिक या फिर लेखाकार को महीना, तीन महीना, छः महीना, या वर्ष भर के अकाउंटिंग का कोर्स करने की जरूरत नहीं है बल्कि महज कुछ मिनटों के मामूली प्रशिक्षण के उपरांत मदवार प्राप्ति भुगतान के विवरण प्रविष्ट करने के पश्चात अपने आप लेखा-जोखा विवरण सुव्यवस्थित और तुलनात्मक अध्ययन हेतु विभिन्न प्रकार के रिपोर्ट स्वचालित रूप तैयार हो जायेगा।
यह काम कैसे करता है..?
बस आपको आधिकारिक वेबसाइट www.dbmsonline.in पर जाना है और महज मामूली कीमत में अपने फर्म, संगठन या संस्थान के नाम से DBMS Online सॉफ्टवेयर की खरीदारी करनी है। सफलतापूर्वक लॉगिन के पश्चात अपने व्यवसाय, उद्यम या सेवा से संबंधित प्रोफाइल को भरते हुए बस रुपए पैसे कहां से किस मद में प्राप्त हो रहे हैं अथवा भुगतान हो रहें हैं बस यही आपको दर्ज करना है। कृत्रिम बुद्धिमता (AI) युक्त प्रणाली स्वत: और त्वरित गणना कर लेगी और आपको निधि प्रवाह रजिस्टर (कैशबुक), लेजर, प्राप्ति और भुगतान, लाभ हानि तथा बैलेंस शीट क्षण भर में तैयार करके प्रदर्शित कर देगी। इतना ही नहीं आपके संगठन, संस्थान या फर्म को मामूली शुल्क अदायगी में अनुभवी और प्रतिष्ठित CA टीम के द्वारा ऑडिट कराने में भी मदत करेगा।
इतना ही इंट्री और विभिन्न रिपोर्ट जैसे कि आय व्यव, लाभ, हानि, बैलेंस शीट, दायित्व, स्थाई तथा चालू संपति, दान, अनुदान, अंशपूजी और निवेश का विश्लेषण और अध्ययन कर सकते हैं तथा एक महत्वपूर्ण निर्णय और कार्ययोजना पर पहुंच सकते हैं।
अकाउंटिंग के अलावा अपने कार्यालय के महत्वपूर्ण रजिस्टर जैसे कि मीटिंग व कार्यवाही रजिस्टर, डाक प्राप्ति और प्रेषण रजिस्टर, चेक निर्गत/भुगतान रजिस्टर, दान/अनुदान रजिस्टर, ऋण व भुगतान रजिस्टर आदि को प्रबंधित कर सकते हैं।
इतना ही नहीं आप अपने संस्थान संगठन के कर्मचारियों अधिकारियों के उपस्थिति, अवकाश, वेतन पे स्लिपआदि भी प्रबंधित कर सकते हैं। GST नॉन GST बिल, ई वे बिल, चलान आदि भी निर्माण व प्रबंधित कर सकते हैं तथा उत्पादन इकाई में इन्वेंटरी मैनेजमेंट व वितरण मैनेजमेंट के सभी आवश्यक मॉड्यूल सेल परचेज, प्रोडक्शन, स्टॉक सब कुछ नियंत्रण कर सकते हैं। आप निश्चिंत रहे कि क्लाउड आधारित इस सॉफ्टवेयर में आपका डेटा पूर्णतः सुरक्षित और गोपनीय भी रहता है।
अंततः मेरे समझ से नवोदित संगठन, संस्थान, फर्म के वित्तीय और अन्य कार्यालय प्रबंधन हेतु सबसे सहज, सरल और सस्ता DBMS Online सॉफ्टवेयर उपयोगी ही नहीं आर्थिक सामाजिक व बौद्धिक उत्थान में एक मिल का पत्थर साबित हो सकता है।
DBMS Online सॉफ्टवेयर का शुभारंभ दिनांक 01 दिसंबर 2024 को बिहार राज्य के नालंदा जिले के राजगीर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मगध गौरव सम्मान समारोह में किया गया। इस कार्यक्रम में नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय कुमार, धराधाम अंतर्राष्ट्रीय के मानद कुलपति डॉ. सौरभ पाण्डेय जी महराज, अयोध्या धाम के महंत श्री सुधीर दास शास्त्री जी महराज, बाल साध्वी माधव श्वेतिमा प्रिया जी, पर्यावरणविद श्री मेहता नगेंद्र सिंह, ज्योतिषाचार्य श्री नंदलाल मणि त्रिपाठी जी, राष्ट्रीय महिला शक्ति समूह दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती मंजू कश्यप जी एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सदस्य श्री एहसान अहमद जी आदि कि गरिमामयी उपस्थिति रही। यह आयोजन दिव्य प्रेरक कहानियाँ मानवता अनुसंधान केंद्र आजमगढ़, धराधाम अंतर्राष्ट्रीय गोरखपुर, गौरैया विहग फाउंडेशन नालंदा और एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड श्रीलंका के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया था।
डॉ. अभिषेक कुमार
परिकल्पनाकार व मुख्य प्रबंध निदेशक
DBMS Online
दिव्य प्रेरक कहानियाँ मानवता अनुसंधान केंद्र न्यास
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
www.dbmsonline.in
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
06-12-2024
समोसा और जलेबी की सुगंध..
बात उन दिनों की है जब बैंक में सीसीएल कराने का रोज अभियान चल रहा था और ब्लॉक प्रबंधक होने के नाते इस अभियान का नेतृत्व मुझे करना पड़ता। वीसी के बाद ब्लॉक से ऐसे हाक दिया जाता जैसे बैलों को कठोर पथरीली जमीन को जोतने जाना हो.. ऐसा नहीं है की मेरे पास पैसे..
Read More04-12-2024
पालनहार - मेरे सरकार।
पालनहार - मेरे सरकार। मा० सरकार, यहां मा के बाद जीरो इसलिए दिया गया ताकि आप सुविधापूर्वक माननीय या अन्य कोई उपसर्ग अपने दुःख या सुख के अहसास के बाद लगा लें। व्यायाम शरीर को स्वस्थ्य रखता है, सरकार भली भांति इस बात को जानती है। लेकिन साठ साल .....
Read More22-10-2024
हर सवाल का जवाब एक सवाल।
आईए आईए, कह कर नेता जी ने एक गरीब किसान से हाथ मिलाया और बोले, देखिए एक गरीब आदमी से भी मै हाथ मिला लेता हूं। ये एक बड़े नेता की निशानी होती है। आप जैसे फटीचर और गरीब मेरे घर के दरवाजे के भीतर चुनाव के घोषणा के बाद निडर होकर आते हैं, ये मेरी .....
Read More15-10-2024
पेपर बॉय टू मिसाइल मैन
डॉ. ए. पी.जे. अब्दुल कलाम को आज कौन नहीं जानता। ये भारत के राष्ट्रपति रह चुके हैं। और इन्हें लोग मिसाइल मैन भी कहते हैं। इनका जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा। इनके जीवन के बारे में थोड़ा सा प्रकाश डालना चाहूंगी। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931ई. में तमिलनाडु..
Read More11-10-2024
पढ़िये सेंधा नमक की हकीकत...
भारत से कैसे गायब कर दिया गया... आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?? आइये आज हम आपको बताते है कि नमक मुख्यत: कितने प्रकार का होता है। एक होता है समुद्री नमक, दूसरा होता है सेंधा नमक "Rock Salt" सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया है..
Read More06-10-2024
भोजपुरी के तुलसीदास रामजियावन दास
भोजपुरी भाषा के तुलसीदास कहे जाने वाले रामजियावन दास वावला जी का जीवन परिचय आद्योपांत। खले खले के जाती धरम करम रीति रिवाज बोली भाषा के मिलल जुलल बहुते विचित्रता से भरल बा भारत. भारत जईसन देशवा घर परिवार समाज की खतिर घमंड के बात बा.अईसन माटी ह जेकरे...
Read More