| ब्लॉग प्रेषक: | कृष्ण गोपाल |
| पद/पेशा: | लेखक, पत्रकार |
| प्रेषण दिनांक: | 15-05-2022 |
| उम्र: | 53 |
| पता: | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश |
| मोबाइल नंबर: | 9839943649 |
लेखक कृष्ण गोपाल जी का जीवन परिचय
लेखक कवि व पत्रकार कृष्ण गोपाल का जन्म 07/04 /1969, को पिता श्री एच.पी. श्रीवास्तव,व माता श्रीमती श्यामा श्रीवास्तव, स्थान-प्रयागराज में हुआ । इन्हें किताबें पढ़ना और लिखना,संगीत एवं स्वयं गाना बहुत ही पसंद है । हमेशा ही कुछ अलग लिखते रहना आपकी रूचि है, लिखना जब शुरू किया तो पता नहीं था । कैसे लोगों को अपने दिल की बात पहुँचा सकेंगे । समय के साथ उन शब्दों को धीरे धीरे कविता का रूप देते गये और कविता संकलन के साथ जुड़ते रहें, इस बार प्यार रूपी परिभाषा को अलग रूप देने की कोशिश की है ।उम्मीद है आप सभी लोगों तक उनकी वो प्यार की कोशिश जरूर पहुँचेगी । कृष्ण गोपाल,ने एक ओर शिक्षा के क्षेत्र उच्च शिक्षा प्राप्त की है और दूसरी तरफ संगीत व साहित्य में अनेको पुरस्कार,प्रशंसा पत्र,सम्मान पत्र के साथ साथ मानद उपाधि भी प्राप्त किया है ।
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02-12-2025
जलना ही तो चलना है।
आंखें धसती है धसने दे, दुनिया हंसती है हंसने दे। कर्तव्य पथ ना छोड़ देना, जीवन रथ ना मोड़ लेना। गति ऐसी हो आस न रहे, चाहत ऐसी हो प्यास न रहे। धुएं सी निंदा कितना ढंकेगी, जलेगी आग वो खुद छंटेगी। अंदर की लौ जब बाहर आए, धधक उठे फिर सबको हरषाए। अब .....
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नेताओं की एक ही पुकार - हो हमारा विकसित बिहार।
बिहार चुनाव में वोटर और नेताओं की प्रजाति का मन जानने निकले थे हम। जी हां हम। एक तथाकथित व्यंग्यकार, जिसका गांव गर्दन का कुछ ठिकाना नहीं, अपने लिखते हैं, अपने पढ़ते हैं, और अपने ही, अपने लेख पर सकारात्मक टिप्पणी भी करते हैं। खैर अपनी प्रशंसा तो होते ही रह
Read More13-10-2025
कबीरा तेरे देश में ....।
हे ईश्वर, हे बऊरहवा बाबा, पीपर तर के बाबा तुमसे हाथ जोड़ कर बिनती है कि ई बार बिहार चुनाव में हमन लड़ोर सब के मान सम्मान रखना। 243 में बाकी जेकरा मन करे ओकरा जीतवा देना लेकिन हमन के पसंदीदा ई पांच उम्मीदवार के भारीमत से जीतवा कर मनोरंजन से लबरेज रखना।
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राजनीति में गालीवाद का उदय...
राजनीति, जो कभी, समाज के पिछड़े, वंचितों के उत्थान, बिना भेदभाव के समाज की सेवा, समेकित विकास और न्याय की धुरी हुआ करती थी, आज विभिन्न प्रकार के 'वादों' की गिरफ्त में आ चुकी है। हमने राजनीति में जातिवाद देखा है, जहां जातीय पहचान को वोट बैंक के रूप में...
Read More20-08-2025
प्रेमग्रंथ -लव गुरु का ज्ञान।
🌺🌺 चटुकनाथ - अंतराष्ट्रीय लव गुरु।💐💐 "ये इश्क नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए फ़िनाइल की गोली है और चूसते जाना है"। हिंदी के प्रख्यात प्राध्यापक अंतराष्ट्रीय लव गुरु चटुकनाथ जी को प्रेम दिवस पर हमारे शहर में बुलाया गया, प्रेम पर व्याख्यान के लिए। उन्हों
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