
ब्लॉग प्रेषक: | राष्ट्रीय संत, विश्व शांति दूत, भारत भूषण महंत संत श्री डॉ. नानक दास जी महाराज |
पद/पेशा: | समाजसुधारक संत |
प्रेषण दिनांक: | 16-05-2022 |
उम्र: | 30-09-1975 |
पता: | सतगुरु कबीर सेवा संस्थान, बड़ी खाटू, नागौर राजस्थान |
मोबाइल नंबर: | 99834 61251 |
राष्ट्रीय संत, विश्व शांति दूत, भारत भूषण महंत संत श्री डॉ. नानक दास जी महाराज का जीवन परिचय
नाम - महंत डॉक्टर नानकदास की महाराज
पिता/गुरु - महंत श्री 1008 देवीदास जी महाराज साहब
योग्यता- BA,MA, डबल डॉक्टरेट मानद उपाधि, भारत भूषण सम्मान
पद- संस्थापक अध्यक्ष सतगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान(रजि.) बडी खाटू (नागौर) राजस्थान
पूर्व केंद्रीय टी बोर्ड सदस्य , भारत सरकार
संरक्षक -संत सेवा परिषद् भारत
संरक्षक- वन्य जीव वन पर्यावरण
ग्रामीण विकास संस्थान बडी खाटू (नागौर) राजस्थान
राष्टीय संगठन मंत्री- राष्ट्रीय संत सुरक्षा मिशन भारत
जन्म तिथि 30- 09-1975
उम्र-46
पता- कबीर मठ
सतगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान बडी खाटू
मु/पो.- बडीखादू,संत कबीर नगर
जिला नागौर (राज.) 341301
मोबाइल नंबर 9983461251
जगतगुरु रामानंदाचार्य जी महाराज के द्वादश शिष्य परंपरा में सबसे प्रमुख संत शिरोमणि संत सम्राट निर्गुण भक्ति धारा के प्रथम वह भक्ति आंदोलन के प्रमुख तथा संत प्रवर्तक विश्ववंदनीय संत सम्राट सतगुरु कबीर साहेब *अखिल भारतीय कबीर पंथ शिरोमणि गुरुद्वारा काशी* (कबीर चौरा मठ)के परम्परा में संत *महंत डॉ नानक दास महाराज* बीजकपाठी का जन्म राजस्थान प्रांत के नागौर जिले की जायल तहसील के धिजपुरा (बडी खाटू) गांव में एक साधारण ग़रीब परिवार पिता श्री मदनलाल मेघवाल माता श्री धापूबाई के कोख से 30 सितंबर सन् 1975 को जन्म हुआ ।
प्रज्ञा बुद्धि होने के कारण आप 10 वर्ष की आयु में ही अपने गुरु परमहंस ब्रह्मनिष्ठ तत्वदर्शी परम सिद्ध महंत श्री देवीदास जी महाराज के सानिध्य में रहने लगे । विद्याध्ययन करते हुए जैन विश्व भारती से B.A./M.A., तथा ITl,पॉलीटेक्निक पत्रिकारिता डिप्लोमा तथा दो बार मानद डॉक्टरेट उपाधि सहीत भारत भूषण से सम्मानित हुए ।
सतगुरु श्री 1008 श्री भोलाराम जी महाराज जीवित समाधि स्थल देवरी धाम में बीजक पाठ व संतवाणी का गहन अध्ययन किया, साथ ही साथ योगा अभ्यास, मौन साधना, सहज योग, शब्द सुरती योग , सत्संग करते रहे तथा संत समाज गुरु धाम तालनपुर तथा अखिल भारतीय कबीर पंथ शिरोमणि गुरुद्वारा काशी के 23वें गादीपति *आचार्य श्री गंगा शरणदास शास्त्री* जी महाराज के पावन सानिध्य में बीजक पाठ का अनुष्ठान ,अध्ययन करते हुए, सदगुरु कबीर गुरुद्वारा गुरु गादी श्रीमठ काशी के *जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री 1008 श्री रामनरेशाचार्य जी महाराज* का पावन सानिध्य में रहे कर सनातन धर्म की शिक्षा प्राप्त की ।
संत श्री मात्र पांच साल की उम्र में सन् 1980 मे ब्रह्मनिष्ट परम पूज्य सतसद्गुरु 1008 श्री देवी दास जी महाराज से गुरु दीक्षा ली । पूरा जीवन त्याग तपस्या साधना में व्यतीत करते हुए सनातन धर्म संस्कृति रक्षा,मानव समाज के उत्थान के लिए भ्रमण, सत्संग प्रवचन करते हुए नशा मुक्ति , पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव जीव जंतु संरक्षण, जल संरक्षण, सामाजिक समरसता सद्भावना और समभाव आंदोलन को चलाया । एवम आदिकाल से ऋषि काल से पवित्र स्थल टिकोरिया नामक स्थान पर पुनः धर्म स्थल का जीर्णोद्धार सन् 2007 में बड़ी खाटू की छापरी की डूंगरी पर (जन सहयोग से) काशी कबीर चौरा मठ परम्परा में सतगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान की स्थापना की और साथ साथ, प्रकृति एवम् पर्यावरण की रक्षा के लिए " वन्य जीव एवं वन पर्यावरण ग्रामीण विकास संस्थान की स्थापना भी की। एवम जल ही जीवन हैं " वाक्य को सार्थक बनाने के लिए राष्ट्रीय संत कबीर सरोवर का निर्माण कार्य तत्कालीन जिला कलेक्टर डॉ समित शर्मा के सानिध्य में खुदाई कार्य का शुभारंभ किया। पर्यावरण रक्षा/समाज सेवा के क्षैत्र में अति प्रशंसनीय कार्यों लिए सरकार से एवं देश विदेश में विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मान पत्र ,प्रशंसनीय पत्रों से तथा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ,राज्यपाल ,केंद्रीय मंत्रियों ,मुख्यमंत्रियों ,सांसद ,विधायकों द्वारा धन्यवाद पत्र से सम्मानित भी किए गए। संत समाज में एक अलग पहचान बनाई।
आप जहां भी जाते हैं भारतीय सभ्यता, संस्कृति और हिंदी का प्रचार प्रसार करते हैं। अपनी,आत्मीय,प्रेम,उत्साह,ओजस्वी प्रवचन द्वारा शीघ्र ही ऐसे लोगों का हृदय जीत लेते हैं जो सत्संग एवम सत्य पथ पर चलने से हिचकिचाते हैं। आप,आध्यात्मिक साधकों को भजन ,नाम सुमिरन की विधि बता कर सत्संगियों,योगाभ्याशियों का मार्गदर्शन सतगुरु कबीर साहब की शिक्षाओं के अनुसार ही करते हैं। उन्हें आत्मसाक्षात्कार की ओर ले जाते हैं।
जाति, धर्म, संप्रदाय ,पंथ वाद से ऊपर उठकर के आडंबर पाखंड से मुक्त करवाकर सत्य का ज्ञान कराने का काम कर रहे हैं।
संत श्री नियमित रूप योगा अभ्यास करते हुए गुरु जी के सानिध्य में रहे कर आत्म साक्षात्कार किया।
अपनी मातृभूमि की रक्षा में आध्यात्मिक और मानवतावादी कार्यों के प्रति स्वयं को पूर्ण रूप से समर्पित करते हैं। आपने बड़ी खाटू में संत कबीर उद्यान बनाया ,संत कबीर सहज योग साधना केंद्र, संत कबीर संत कबीर बीजक वैदिक शिक्षण शोध संस्थान गुरूकुल ,तथा संत कबीर महाविद्यालय , गौ शाला चिकित्सालय अनुसंधान केन्द्र बनाना प्रस्तावित है। जो कि,राजस्थान प्रांत के बड़ी खाटू छोटी खाटू के बीच छापरी डुगंरी बडीखाटू NH- 458 पर स्थित है । ये कबीर मठ ,आश्रम,एक ऐसा सशक्त और सजीव आध्यात्मिक और पर्यावरण केंद्र होगा जिसमें सतगुरु श्री कबीर साहब का संदेश और कर्मठता एवम् सहज योग का प्रकाश संपूर्ण विश्व में प्रसारित होगा ।।
राजनैतिक गुरू के रूप में ईमानदार ,साफ छवि , नशा मुक्त चरित्रवान, सभ्य श्रीमान सी आर चौधरी साहब के आशीर्वाद से राजनीतिक जीवन का की शुरुआत होती हैं
महाराज श्री राजनीतिक क्षेत्र में केंद्रीय टी बोर्ड ऑफ इंडिया , भारत सरकार में सदस्य पद पर मार्च 2019 से फरवरी 2022 तक रहे कर ईमानदारी से सेवा कार्य किया है।
महाराज श्री के हृदय के विचारों को लेखनीबद्ध का कार्य बिहार से विश्व संत कबीर अवार्ड एवं भारत साहित्य रत्न प्राप्त अभिषेक कुमार कर रहे हैं।
आधुनिक भारत निर्माण में संत कबीर का योगदान नामक पुस्तक समाज के लिए और आधुनिक भारत निर्माण में बहुत सार्थक होगी।
विश्व शांति, सद्भावना ,सामाजिक समरसता ,सद्भाव , समभाव के लिए अलग ही पहचान बनाई है ।
वसुधैव कुटुंबकम की भावना से विश्व का कल्याण हो।
सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मा कश्चित् दुख भाग भवेत।।
ओम शांति
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