सेठ जी … मुझे खुशी चाहिये….

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ब्लॉग प्रेषक: Piyush Goel
पद/पेशा: Service
प्रेषण दिनांक: 25-07-2022
उम्र: 55
पता: Gr Noida
मोबाइल नंबर: 9654271007

सेठ जी … मुझे खुशी चाहिये….

     एक दिन अचानक एक भिखारी सेठ जी की दुकान पर आया, सेठ ने जैसे ही भिखारी को पैसे दिए, भिखारी ने पैसे लेने से मना कर दिया नहीं साहेब मुझे पैसे नहीं मुझे ख़ुशी चाहिए. सेठ भिखारी से बोला मैं तेरे को ख़ुशी कहा से लाऊँ, मेरे पास तो पैसे हैं या जो तुझे कुछ खाना हैं वो खा ले, नहीं साहेब मुझे तो सिर्फ़ ख़ुशी चाहिए, ठीक हैं हम अभी तो तेरे को ख़ुशी नहीं दे सकते पर हाँ तुम्हें कुछ काम करना होगा अगर तैयार हो तो, भिखारी बोला साहेब मैं ख़ुशी के लिए कुछ भी करूँगा.इधर उधर घूमते -घूमते माँगते -माँगते अब थक गया हूँ. सेठ ने अपने एक सहकर्मी को बोला इसको अपने साथ ले जाओ और सब समझा दो. भिखारी सेठ के पास आकर बोला साहेब मैं तैयार हूँ.सेठ एक बहुत बड़े पंसारी थे उनके पास ५०-५५ लोग काम करते थे, सेठ अपने सभी सहकर्मियों का ध्यान रखते थे. सभी को रहने के लिए एक आहता जिसमें सभी अपने अपने बच्चों के साथ रहते थे, बच्चों के लिए स्कूल बिजली पानी सब चीज की व्यवस्था सेठ जी ने की हुई थी. कर्मचारी भी पूरे मन से सेठ जी का ध्यान रखते थे व काम के प्रति समर्पण देखने लायक़ था.सेठ जी के व्यापार में भी तरक़्क़ी हो रही थी. भिखारी भी अपने बच्चों के साथ आहते में रहने लगा और सेठ के व्यापार में बड़े ही मन से काम करने  लगा. धीरे -धीरे भिखारी की भी स्तिथि पहले से बढ़िया हो गई थी. एक दिन सेठ जी अपने सभी कर्मचारियों से मिलने आहते में गए सारे के सारे कर्मचारियों की ख़ुशी का ठिकाना न रहा .. सेठ जी ने एक -एक करके सभी से बात की और पूछा किसी को किसी बात की तो कोई दिक़्क़त नहीं हैं. सभी कर्मचारी एक साथ बोले ,सेठ जी आपके आशीर्वाद से हम सब बहुत सुखी व खुश हैं . तभी भिखारी सेठ जी के पैरों में बैठ गया,सेठ ने उसे ऊपर उठाया और कहा नहीं नहीं पैर मत पकड़ो ये बताओ कैसे हो.भिखारी बोला साहेब आप हम सब के सुख को देख कर इतने खुश हो और हम सब आपको देख कर खुश हैं. मुझे आज जो सुख के साथ जो ख़ुशी मिली हैं वो सेठ साहेब आपने हम सबको दी. सच में आज मिली मुझे ख़ुशी …

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