| ब्लॉग प्रेषक: | राजीव भारद्वाज |
| पद/पेशा: | व्यंग्यकार |
| प्रेषण दिनांक: | 13-10-2025 |
| उम्र: | 37 |
| पता: | गढ़वा झारखंड |
| मोबाइल नंबर: | 9006726658 |
कबीरा तेरे देश में ....।
हे ईश्वर, हे बऊरहवा बाबा, पीपर तर के बाबा तुमसे हाथ जोड़ कर बिनती है कि ई बार बिहार चुनाव में हमन लड़ोर सब के मान सम्मान रखना। 243 में बाकी जेकरा मन करे ओकरा जीतवा देना लेकिन हमन के पसंदीदा ई पांच उम्मीदवार के भारीमत से जीतवा कर मनोरंजन से लबरेज रखना। पेटकुनिए होके हाथ जोड़ के बिनती कर रहे हैं, ध्यान देना भगवान।
* श्री भोपाल मंडल - आह, केतना सुधर नेता हैं ई। राजधानी ट्रेन में एक बार पेट का गों गों किया की लंगटे होकर भरी महिलाओं के सामने से दौड़ कर शौचालय में शौच त्याग किया। इनका मानना है कि जन्म सभी नंगे ही लेते हैं हम नंगे होकर क्या गुनाह कर दिया। वैसे भी ये माननीय हैं, कानून बनाने वाले। इनके लिए चादरमोद, बहिनमोद गाली नहीं बिहार की मीठी बोली है। दुनिया जानती है कि हम सब अपने नेता का किस प्रकार अनुश्रवण करते हैं, इनके पद चिन्हों पर चलने का प्रयास करते हैं, इनका इतिहास पढ़ते हैं। ये आदरणीय नौवीं कक्षा से ही अपने स्कूल बैग में कट्टा लेकर जाते थे, किताब नहीं। ईश्वर अगर इस कलयुग में ऐसे नेताओं के प्रति सहानुभूति न रखें तो हम सड़क पर बेरोजगारी का दंश झेलने वाले सत्यवानों के प्रति नाइंसाफी होगी।
* भाई चिरेंद्र - नाम तो सुना ही होगा। पंचायत सेवक और इनका दूरभाष पर किया गया संवाद जब मोबाइल में पहुंचा तो सुन कर लगा कि बिहार में कोई शेर पैदा हुआ है। लेकिन ई पैदा काहे हुआ, ई कोई नहीं बताया। अनपढ़, जाहिलों जैसा संवाद इन्हें विशेष बनाता है।
इनसे संवाद करने से पहले आपको चरण छू कर प्रणाम बोलना अनिवार्य होगा, फिर इनके द्वारा बोले गए चादरमोद शब्द को तथास्तु समझ कर अहोभाग्य होना होगा। बताइए, इन्हें जीतना कितना अनिवार्य है, इन जैसे विभूतियों के लिए ही तो राजनीति है, वरना कहां आपके और हमारे पूर्वज इसमें गोता खाए हैं।
* गेज प्रताप माधव - कान्हा तेरे कितने रूप, हर रूप को देख कर जनता होते अनुभूत। कान्हा तेरे कितने रूप। आशिकों के गुरु, भक्तों के भगवान, अपने बाप के लिए लफ़न्दर, भाई का विभीषण, लेकिन जनता का जबरदस्त मनोरंजन। आपको जीतना होगा, जीतना ही होगा। आप हमारे उम्र के लीडर हैं, आपमें मासूमियत है। आप उन कर्णधारों में हैं जो बाप के वजह से टीके हुए हैं, वरना एक सरकारी कार्यालय का चपरासी भी आपसे बेहतर है।
* बलन्ठ सिंह - ओह, जब आपके मुखारविंद से यह कहते हुए सुनता हूं कि "लाओ सिगरेट रे" तो लगता है साक्षात् माधव को सुन रहा हूं। ....ड़ा के सरकार है, कह कर आपने जग पर विजय प्राप्त कर लिया था नाथ। प्रश्नोपरांत त्वरित उत्तर देने की विराट कला जो आपमें भगवान ने व्याप्त किया है वो अन्यत्र किसी भी इंसान में नहीं। मधुर बोली, ठेठ अंदाज, सात्विक विचार और सत्य बोलने की पराकाष्ठा आपको राजनीति में लंबे समय तक रहने के लिए प्रेरित करेगा। आप हैं तो राजनीति है, राजनीति का असली चेहरा है।
* ध्यान बहादुर सिंह - जब कभी हम जनता स्त्रियों के नृत्य से ऊब जाते थें, तो आपको लौंडा के रूप में नृत्य करते देख फुले न समाते थे। आप लौंडा नृत्य को विधान सभा में लाएं यह एक ऐतिहासिक क्षण था। जब कभी आप नृत्यांगनाओं को देखते, बेचैन होकर उनसे प्रतिस्पर्धा करने मंच पर उतर जाते थे। क्या कला था। आपके विशेष रूप से हम मुरीद थें। भाऊश्री विधायक चाचा आप लड़िये और जीतिए। हम सबों की शुभकामना आपके साथ है।
और अंत में एक महान प्रजनन विशेषज्ञ श्री नवीन कुमार जी। प्रोफेसर मस्तराम को भी जो मात दे दे ऐसी व्याख्या। चाचा आप फिर से ऊपर अंकित सभी महानुभावों का मुखिया बनिए और तार दीजिए बिहार को, राजनीति को। हम जनता का क्या है साहब, हम बने ही हैं पांच सौ रुपए, दारू और मुर्गभात खाकर वोट डालने के लिए।
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
02-12-2025
जलना ही तो चलना है।
आंखें धसती है धसने दे, दुनिया हंसती है हंसने दे। कर्तव्य पथ ना छोड़ देना, जीवन रथ ना मोड़ लेना। गति ऐसी हो आस न रहे, चाहत ऐसी हो प्यास न रहे। धुएं सी निंदा कितना ढंकेगी, जलेगी आग वो खुद छंटेगी। अंदर की लौ जब बाहर आए, धधक उठे फिर सबको हरषाए। अब .....
Read More27-10-2025
नेताओं की एक ही पुकार - हो हमारा विकसित बिहार।
बिहार चुनाव में वोटर और नेताओं की प्रजाति का मन जानने निकले थे हम। जी हां हम। एक तथाकथित व्यंग्यकार, जिसका गांव गर्दन का कुछ ठिकाना नहीं, अपने लिखते हैं, अपने पढ़ते हैं, और अपने ही, अपने लेख पर सकारात्मक टिप्पणी भी करते हैं। खैर अपनी प्रशंसा तो होते ही रह
Read More30-08-2025
राजनीति में गालीवाद का उदय...
राजनीति, जो कभी, समाज के पिछड़े, वंचितों के उत्थान, बिना भेदभाव के समाज की सेवा, समेकित विकास और न्याय की धुरी हुआ करती थी, आज विभिन्न प्रकार के 'वादों' की गिरफ्त में आ चुकी है। हमने राजनीति में जातिवाद देखा है, जहां जातीय पहचान को वोट बैंक के रूप में...
Read More20-08-2025
प्रेमग्रंथ -लव गुरु का ज्ञान।
🌺🌺 चटुकनाथ - अंतराष्ट्रीय लव गुरु।💐💐 "ये इश्क नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए फ़िनाइल की गोली है और चूसते जाना है"। हिंदी के प्रख्यात प्राध्यापक अंतराष्ट्रीय लव गुरु चटुकनाथ जी को प्रेम दिवस पर हमारे शहर में बुलाया गया, प्रेम पर व्याख्यान के लिए। उन्हों
Read More19-08-2025
क्या सरकार किसी व्यक्ति विशेष या सत्ताधारी दल के नाम हो सकती है..? एक चिंतन...
वास्तव में सरकार न तो किसी व्यक्ति विशेष की होती है और ना ही किसी राजनैतिक दल की होती है। सरकार एक संस्थागत व्यवस्था है जो देश के संविधान, नियमों और कानूनों के अनुसार कार्य करती है। यह जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के माध्यम से संचालित होती है, जो..
Read More