ब्लॉग प्रेषक: | Er. Himanshu Badoni |
पद/पेशा: | कनिष्ठ अभियन्ता सिविल (JE Civil) |
प्रेषण दिनांक: | 29-12-2022 |
उम्र: | 28 |
पता: | मकान संख्या: 36, वार्ड संख्या: 08, लक्ष्मी नारायण मन्दिर मार्ग, निकट कोटद्वार रोड़, नगर: पौड़ी, जिला: पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड. पिन कोड: 246001. |
मोबाइल नंबर: | 8979675637 |
धन्यवाद कोरोना! (Thanks Corona!)
हम हैं सर्वशक्तिमान, इस दंभ को तोड़ा तुमने,
इस पुनर्जागृति हेतु तुम्हारा *धन्यवाद* कोरोना!
यहाॅं सबको समय व अपनों का महत्त्व समझाया,
ऐसे पुण्य हेतु हम सब करते हैं *अभिवाद* कोरोना!
जिनसे तुम सुदूर हो, उन्हें जीने की उम्मीद है शेष,
तुम्हारी उपस्थिति है भय व घोर *अवसाद* कोरोना!
आख़िर तुम्हारा जन्मदाता है कौन-सा राष्ट्र जग में,
व्यर्थ ही खड़ा हो गया है अब यह *विवाद* कोरोना!
प्रकृति का शोषण भी असीमित हो चला था शायद,
तो क्या यही प्रकृति के युद्ध का *शंखनाद* कोरोना!
जो कुछ बोया था कभी, वो तो काटना ही पड़ेगा,
यह है मात्र हमारी अंधभक्ति का *प्रसाद* कोरोना!
विचार व व्यवहार में स्वच्छता है मील का पत्थर,
याद रहेगी यह सीख हमको इसके *बाद* कोरोना!
जिनकी पहुॅंच थी कभी उस चाॅंद के फलक़ तक,
आज फ़ोन पर ही हो रहा उनका *संवाद* कोरोना!
स्वार्थ जब सेवाभाव संग मिला इस समाज में,
मानवता पर हावी हो गया *भौतिकवाद* कोरोना!
सबकी अखंड एकता का बल एकजुट जो हुआ,
चखाएंगे हम तुमको भी हार का *स्वाद* कोरोना!
तुम्हारा ये आतंक तो कुछ ही पल ठहरेगा यहाॅं,
फैलाया है तुमने हर तरफ़ *आतंकवाद* कोरोना!
बेफ़िक्री, नासमझी, ओछापन व अपरिपक्वता,
तेरी खिलती फ़सल की यही तो है *खाद* कोरोना!
खौफ़ की दास्तां जब भी कोई कलम लिखेगी,
न मिलेगा किसी को तुम्हारा *अनुवाद* कोरोना!
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
24-04-2024
मैं विभीषण।
जिनगी भर पार्टी के सेवा किए, घर से माड़ भात खा के आते थे, कुपोषण के शिकार हो गए, लेकिन जिंदाबाद जिंदाबाद हमेशा टनकार आवाज में लगाते थे। पूरा जिला जवार जानता था की सबसे अच्छा नारा हम ही लगाते थे, नेताजी के आगे चलते हुए दोनो पैर हवा में रहता था और हाथ आसमान
Read More07-04-2024
चुनावी जनसभा के भीड़ का विश्लेषण।
जैसा की हम सभी जानते हैं की भारत में लोक तंत्र, प्रजातांत्रिक व्यवस्था का आगाज बीसवीं सदी के मध्य में हुआ था। दो सौ वर्षो की अंग्रेजी हुकूमत और इसके पहले राजतांत्रिक व्यवस्था में चुनावी जनसभा का कोई नामो निशान नहीं था। भारत में जब से प्रजातांत्रिक...
Read More01-04-2024
....... और बिजली फिर गायब।
अरे जगमोहना के रोको, बांस लेके, गरियाते पता नही किसको खोज रहा है, कहते हुए रामबृक्ष भईया हाथ में लोटा लेके निकल पड़े स्वच्छता अभियान का मां बहन करने। तभी जगमोहन मुझे दिखाई दिया, वो हमसे पूछा बिजली विभाग के बड़े अधिकारी का नाम बताओ आज बांस ठेलना है। मैने क
Read More01-04-2024
रामभरोसे राम।
रामभरोसे को अपने राम पर पूरा भरोसा था, तभी तो रिटायरमेंट के पहले चल बसे और राम को अनुकम्पा का लाभ मिला। मतलब घर में एक नौकरी फिर से सुरक्षित। अपने पिता के सभी गुणों को अपने में आत्मसात किये राम, मधुर वाणी के स्वामी थे। रामभरोसे वैसे तो एक सरकारी कार्यालय
Read More28-03-2024
दिव्य निपटान स्थल - राष्ट्र चिंतन हो कर रहेगा।
दिव्य निपटान स्थल - राष्ट्र चिंतन हो कर रहेगा। एक सर्वे के अनुसार छिहत्तर प्रतिशत भारतीय कब्ज के शिकार हैं, ये सर्वे भारतीय सिनेमा के एक प्रसिद्ध अभिनेता ने अपने कार्यक्रम दस का दम में प्रदर्शित किया था एक प्रश्न के रूप में। सरकार आती गई, जाती गई लेकिन..
Read More