साहित्यिक लेख
!! लक्ष्य का निर्धारण !!
एक बार की बात है, एक निःसंतान राजा था, वह बूढा हो चुका था और उसे राज्य के लिए एक योग्य उत्तराधिकारी की चिंता सताने लगी थी। योग्य उत्तराधिकारी के खोज के लिए राजा ने पुरे राज्य में ढिंढोरा पिटवाया कि अमुक दिन शाम को जो मुझसे मिलने आएगा, उसे मैं अपने...
Read Moreमेले की महंगी कुल्फी
यह कहानी एक ऑफिसर बेटा और किसान पिता की है। गांव के आंचल में पला बढ़ा बेटा शहर में ऑफिसर बनता है। एक छोटे से गांव से शहर तक का सफ़ल सफ़र रोचक है। बेटा भले ही शहर में नाम शोहरत कमाता है। परंतु अपनी गांव की सादगी से बिछड़ता नहीं है। सरल स्वभाव उच्च विचार का
Read Moreरिश्तों की डोर
अंततः वो समय आ ही गया जिसकी प्रतीक्षा रवि को थी। फ़ोन पर साहित्यिक आयोजन से शुरू हुई बातचीत से यदा कदा चलने वाला सिलसिला कब अनजाने रिश्तों की डोर मजबूत करता चला गया कि पता ही न चला। अधिकार से किए आग्रह को अब रवि के लिए टालना संभव नहीं
Read Moreआहत स्त्री
।। आहत स्त्री ।। # स्त्री का मन होता हैं फूल सा कोमल उसके भीतर के अहसास भी होते छुईमुई से और नाजुक । क्यूं और कब,कैसे और कहां हो जाती हैं फिर वो आहत भीतर ही भीतर ।। कब और कैसे हो जाती हैं चोटिल उसके भाव ।। संस्कारों की खान बन चलती हैं मर्यादा का पालन करती
Read Moreवैदिक, बौद्ध और जैन काल की सशक्त विदूषी नारियां
प्राचीन भारत की सशक्त एवं विदूषी नारियों की जानकारी
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