दंगे का दावानल

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ब्लॉग प्रेषक: आर सी यादव
पद/पेशा: शिक्षक/ मोटिवेशनल स्पीकर/ फ्रीलांस जर्नलिस्ट
प्रेषण दिनांक: 18-04-2022
उम्र: 48
पता: डोभी केराकत जौनपुर यूपी
मोबाइल नंबर: 9818488852

दंगे का दावानल


हिंदू न मरता है न मुसलमान मरता है।

दंगे के दावानल में एक इंसान मरता है ।।


क्यों आग लगी , कैसे लगी

किसने लगाई

प्रश्नों के समंदर में

बस ईमान मरता है ।।


जिन्होंने खड़ी की है

मजहब की दीवारें

उनको क्या खबर थी 

घातक होंगी दरारें 

धर्म के ठेकेदारों को स्वाभिमान दिखता है।


उनको कहां खबर थी 

इस जुल्मों सितम की 

होशोहवास न थी उन्हें

उन गहरे जख्म की 

ज़ख्मों की पीड़ा सहकर हर इंसान जीता है ।


मजहब की दीवारों से परे 

अमन चैन की सांसें 

चंद रातों ने बदल दी 

धर्म की बातें 

धर्म और मजहब के बीच में इंसान पिसता है ।


'ककहरा' लिखना सिखाया 

हमें कभी जिसने 

'अलिफ बे' की तामील दी 

हमें कभी जिसने 

उस्ताद का शागिर्द और कभी शिष्य मरता है ।।


गर खुदा के हम सभी हैं

नेक ही बंदे 

या परमात्मा की निहायत

काबिल हैं औलादें

अपनों का बहा रक्त , हर कातिल ही हंसता है ।

सोचता हूं मैं सदा 

क्या इंसान का मजहब 

धर्म संप्रदाय का यह खेल है अजब

खेल, खेलते सभी बस ईमान मरता है।

दंगे के दावानल में एक इंसान मरता है।।

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