महबूब सा चांद या चांद सा महबूब

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ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: Lecturer
प्रेषण दिनांक: 27-04-2022
उम्र: 30
पता: Lucknow
मोबाइल नंबर: 9453749772

महबूब सा चांद या चांद सा महबूब

।। चांद महबूब सा

या,महबूब चांद सा ।।

जब जब,देखता हूं मैं

फलक की ओर

चांद में भी महबूब का अक्स नजर आता हैं ।

चहु ओर ।

ये,चांद महबूब सा हैं या महबूब सा चांद

मेरा,ये नादान दिल फर्क ही ना कर पाता हैं ।।

चमक, चांद की नूर जैसे

 महबूब के चेहरे का

और हैं जो दाग़ चांद पर

लगता हैं ऐसा,

जैसे,हो काजल का टीका हिफाजत का

महबूब की खूबसूरती का ।।

मैं,

जब जब देखता हूं फलक की ओर

आता हैं नज़र चांद में

महबूब का अक्स सा ।

उजली, दूधियां रोशनी चांद की ऐसी

जैसे,हो

रोशन समा मेरे महबूब के घर आंगन का ।।

मैं ! देखता हूं जब जब

चांद को ताक कर फलक की ओर .........................

स्नेहा कृति

(साहित्यकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक)

कानपुर उत्तर प्रदेश

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