स्त्री जग जननी है

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ब्लॉग प्रेषक: शेख रहमत अली
पद/पेशा:
प्रेषण दिनांक: 06-03-2022
उम्र: 29+
पता: बस्ती उ.प्र. (भारत)
मोबाइल नंबर: 7317035246

स्त्री जग जननी है

बे पर्दा रहना स्त्री को 

ये नहीं लिखा धर्म ग्रंथों में 

पर्दा का समर्थन क़ुरान करे 

गीता भी संस्कृत छंदों में

कौरव ने भी तो चाहा था 

बे पर्दा करना स्त्री को

मिट गई जड़ें भी कौरव की 

और लिखे गये अर्धनंगों में

जिन्हें धर्म का अपने ज्ञान नहीं 

वो लुच्चे और लफंगे हैं

जिसे स्त्री में बस हवस दिखे 

आँखों के रहते अन्धे हैं

चन्द वोटों की कुर्सी खातिर 

स्त्री की आबरू से खेले

ख़ुदगर्ज हैं वो इन्सान नहीं 

ख़ब्बीसों से भी गन्दे हैं

धर्मों का हवाला दे दे कर 

जिसने भी हमको बाँटा है

करते हैं यारी वोटों से 

ये राजनीति के फ़ण्डे  हैं

स्त्री ही तो जग जननी है 

अब स्त्री पर अत्याचार न हो

जो युगों-युगों से सहती आई 

वो ज़ुल्म तो अबकी बार न हो

स्त्री की सुरक्षा के खातिर 

आवाज़ उठाई "रहमत" ने

जो गूंज उठे दुनियाँ भर में 

हो सफ़ल लक्ष्य बेकार न हो

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मौलिक स्वरचित

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@ariyen_poet

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