प्रकृति की गोद में मॉं का आभा़स

Image
ब्लॉग प्रेषक: विशाल लोधी
पद/पेशा: छात्र
प्रेषण दिनांक: 11-05-2022
उम्र: 20
पता: ग्राम मगरधा तहसील पथरिया 470666जिला दमोह मध्यप्रदेश भारत
मोबाइल नंबर: 9691918011

प्रकृति की गोद में मॉं का आभा़स

मनसा माता

      नव वर्ष माघ मकरगत रवि जब होई मेला देखंहि आव सब कोई एहि प्रकार भरि माघ आयेंहि पुनि सब निज निज घर जाहिं प्रणाम पथरिया पुरी अति पावनि मनसा देवी कलि कलुष नसावनि वर्षा रितु माता की भगति जीवन जन्म सुफल मम भयऊ।

माता यह नये वर्ष की बात है जब विभिन्न गाँओ शहरों से लोंग गाडी वाहन पैदल मां के दर्शन करने के जाते हैं । नये वर्ष के लिए पहले से लोग तैयारीयाँ करते हैं और अपने मित्रों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करते हैं । जहाँ पर लोग अत्याधित खुश व अत्यंत प्रेम से जाते हैं और यह स्थान जिला दमोह के पथरिया ( तहसील ) से 6 से 7 किलो मीटर की दूरी परटोरिया पर स्थित एक अनोखा दृश्य देखने को मिलता है , जहाँ पर विभिन्न प्रकार की दुकाने और सामग्री मिलती है । यहाँ पर बहुत अधिक मात्रा में लोग आते हैं । और वहाँ की सुन्दरता की अनुभूति करते हो यहाँ पर एक अनोखी ऊर्जा महसूस होती है । यहाँ पर पलटू बाबा के सान्निध्य में कार्य किया गया था । विभिन्न यहाँ पर नाना प्रकार के पक्षी पशु , पक्षी पायें जाते है जैसे कोयल मोर , हिरण , आदि कोयल की आवाज मानो हम से कुछ कुछ रही हो ऐसा प्रतीत होता है और यहाँ पर चारों तरफ प्रकृति की सुन्दरता समाहित है । मानों जैसे माँ की गोद में जो आनंद की अनुभूति होती है उसी प्रकार की आनंद प्रेम बहता है जैसे नदी में जल बहता रहता है । उसी प्रकार वहाँ की अनोखा दृश्य हमारे मन में बार - बार आता रहता ह मनसा माता की मूर्ति अत्यंत तेज़ व मोहनीय हो । जिस तरह हम किसी भी वस्तु या अनोखा दृश्य देखने के आकृर्षित होते हैं वैसे ही माँ की छवि हमारी आखों में बार - बार वही दिखाई देता है । कि माँ के सामने हमारे मन में पूर्णत्मा , शुद्धता और प्रेम की भावना होती है । वह हमारे मन को अत्यंत आनंद की प्राप्ती होती है और हम सब मोह , माया , काम - क्रोध , लालच , पीढ़ा, अहंकार , यह सब से मुक्त होकर केवल मां की भक्ति में खो जाते हैं । यह जो आनंद की अनुभूति होती है वह हमे अत्यंते सुख  का प्रतीक होता है । मां की मूर्ति देखकर लोग अपनी सुध , बुध खो बैठते हैं और मां की भक्ति में खो जाते है । जिस तरह का वहाँ का वातावरण रसमये होता है और हम उसमें ही ढ़लते चले जाते हैं । यहाँ पर अनोखे पेड़ पौधे देखने को मिलते हैं। पेड़ो की सुन्दरता से मानों को कुछ बहुत कुछ हमारे साथ प्रेम वांटना चाहते हैं । नये वर्ष के साथ नये विचारों के साथ नये लोगों के साथ एक अनोखा दृश्य होता ही जब हम लोगों से मिलते हैं और भजन कीर्तन करते , जब लोग वहाँ पर पहाड़ियों के बीचों बीच में वाटिया  खाना बनाते हैं । और वहा की सुन्दरता का रस मिल जाता है अंत : खाना वहाँ का किसी भी रेस्टोरेन्ट से कम नहीं  लगता है जो कि पहाड़ियों के बीच में चारों तरफ छोटे बड़े पत्थर और हरे भरे पेड़ मानों  आपस में एक दूसरों को देखकर मुस्कुरा रहें हो ।


विशाल लोधी मगरधा पथरिया 470666

जिला दमोह मध्यप्रदेश

Gmail id- vishallodhi491@gmail.com

मोबाइल नंबर 9691918011

Share It:
शेयर
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।

नए ब्लॉग पोस्ट