दिखावे की मोहब्बत

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ब्लॉग प्रेषक: शेख रहमत अली
पद/पेशा:
प्रेषण दिनांक: 07-03-2022
उम्र: 29
पता: बस्ती उ,प्र, (भारत)
मोबाइल नंबर: 7317035246

दिखावे की मोहब्बत

काम की बातें थे करते 

जाम उनको चाहिये

मज़हबी नफ़रत फैला कर 

नाम उनको चाहिये


हमने है माना कि वो 

तक़रीर अच्छी करते हैं

महफ़िलों की वाह-वाही 

शान उनको चाहिये


अपनी नाक़ामी छुपाना 

कोई उनसे सीख ले

दूसरों का नाम बस 

बदनाम उनको चाहिये


सरबराही में उन्हीं के 

रोज़ होतीं मज़लिशें

मज़लिशों में धूम वाली 

शाम उनको चाहिये


दुस्मनों के भी गले 

लग जाते हैं ख़ुदगर्ज़ी में

रिश्ते नाते दुस्मनी 

ग़ुमनाम उनको चाहिये


काम में मशरूफ़ अपनी 

नाम के लोभी हैं वो

दुनियाँ भर में हो अलग 

पहचान उनको चाहिये


बंद आँखों से क़ुबूली 

कर ले उनकी बात जो

अंध भक्ति में मुब्तिला 

अवाम उनको चाहिये


आज "रहमत" लिख रहे 

फ़िर उन्हीं की शान में

दर महीनें ईक न ईक 

उड़ान उनको चाहिये

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~शेख रहमत अली "बस्तवी"

बस्ती उ,प्र, (भारत) 

@ariyen_poet

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मेरा मक़सद किसी के दिल को ठेस पहुँचाना नहीं है यह कविता किसी राजनीतिक व्यक्ति या किसी राजनेता पर नहीं लिखा गया है इस कविता की सारी पंक्तियाँ काल्पनिक हैं🙏

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