अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 को समर्पित ग़ज़ल

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ब्लॉग प्रेषक: अंगद किशोर
पद/पेशा:
प्रेषण दिनांक: 08-03-2022
उम्र: 55
पता: जपला, झारखण्ड
मोबाइल नंबर: 85409 75076

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 को समर्पित ग़ज़ल

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 को समर्पित
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            ग़ज़ल
                     अंगद किशोर

कितना दूर चला आया मैं, दिल में तेरी याद लिए।
लेकिन मन आकुल है अबतक, अंजुरी भर फरियाद लिए।

किसे बताऊं हालत अपनी, कैसे तनहा जलता हूं
कितनी रातें बीत चुकी हैं, आंसू की बरसात लिए।

बड़े वेग से एक  नदी पर्वत से मिलने आई थी
बीच राह में सूख गई  जो खुशियों की बारात लिए।

कसम खाई थी याद करो,जीवन भर साथ निभाने की
चलता-फिरता लाश बना मैं, जिंदा हूं अवसाद लिए।

माना राहें  अलग-अलग थीं, जैसे सूरज-चंदा हों
दोनों दिल धड़के थे लेकिन मिलने का उन्माद लिए।

सागर- सागर,चंदा-चंदा, जंगल-जंगल खोजा हूं
फिर भी तरसी आंखें मेरी,जख्मों का हिसाब लिए।

चाहत की उर्वर धरती में  यादें बोकर लौटा हूं
कभी तो चहकेंगी बुलबुलें  मीठी-सी आवाज लिए।

इंतजार उसदिन का यारो, पतझड़ जब रुखसत होगी
फिर-फिर फूल खिलेंगे दिल में,खूशबू की मिठास लिए।
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वरीय शिक्षक, स्तरोन्नत उच्च विद्यालय कामगारपुर हुसैनाबाद पलामू

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