सब्र कहां है जरा सा

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ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: Lecturer
प्रेषण दिनांक: 15-05-2022
उम्र: 29
पता: Lucknow
मोबाइल नंबर: 9453749772

सब्र कहां है जरा सा

।। सब्र ।।

 कहा रहता हैं धैर्य

जब होता है,दिल बेकल सा ।

कहां,रुकता हैं एक जगह मन

जब,भीतर का धीरज हो  जाए अधीर सा ।।


प्रेम

का ही उदाहरण लीजिए,

दीदार हो या हो इंतजार

सब्र का बांध ना बांधे बंधता हैं ।।


ये,

सब्र भी बड़े बड़े कारनामे में सरीक सा होता हैं

हद से ज्यादा,झुकने वाला भी

सब्र ही तो करता हैं ।

अपनेपन की लालसा में ।।


खुदा के दर पर

झोली फ़ैलाकर मांगने वाला भी

सब्र ही करता हैं,

अपनी मनचाही मुराद के वास्ते!


ये,

सब्र,हैं नही सबके बस का

दिल बेचारा हो जाता हैं इसमें,

बेबस सा  ।।

शुक्रिया


स्नेहा कृति

साहित्यकार, पर्यावरण प्रेमी

कानपुर उत्तर प्रदेश

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