खामोशियां, बेजुबान नही होती

Image
ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: Lecturer
प्रेषण दिनांक: 17-05-2022
उम्र: 29
पता: Lucknow
मोबाइल नंबर: 9453749772

खामोशियां, बेजुबान नही होती

।। खामोशियां  बेजुबान, नही होती ।।


ज़बान अक्सर हो जाती हैं जब खामोश

 और धड़कने जैसे बेजान

ज़ख्म हो जब गहरे दिल में

ना कही आए चैन न ही आए सुकून


खामोशियां भी बहुत कुछ कहती हैं

जैसे,

उनकी भी अपनी एक दुनियां रहती हैं


सुनना,कभी गौर से

सन्नाटे में,ये खामोशियां बेवह 

ज़बान को यूं ही नही बांध के रखती हैं ।


खामोशियों की भी अपनी एक ज़बान होती हैं

अक्सर,

बिना कहे ही वो भावों के जरिए

बयां होती हैं ।।


ये,बिन ज़बान की खामोशियां ..................

हां,ये खामोशियां ।।

स्नेहा कृति

साहित्यकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक

कानपुर उत्तर प्रदेश

Share It:
शेयर
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।

नए ब्लॉग पोस्ट