ब्लॉग प्रेषक: | ए.एन. रमेशजी गुब्बि |
पद/पेशा: | साहित्यकार |
प्रेषण दिनांक: | 20-05-2022 |
उम्र: | 46 |
पता: | कारवार, कर्नाटक-581400 |
मोबाइल नंबर: | 9448774867 |
लेखक ए.एन. रमेशजी गुब्बि जी का जीवन परिचय
लेखक ए.एन. रमेशजी गुब्बि जी का जीवन परिचय
कर्णाटक प्रांत के तुमकूर जिला, गुब्बी में जन्मे श्री ए.एन. रमेशजी, पेशे में भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम में काम करते हैं। वे प्रवृत्ति में साहित्यकार हैं।
श्रीरमेशजी - राष्ट्रस्तर के कवि हैं।
वे कविता, कहानी, नाटक, चित्रकथा जैसे विभिन्न प्रकारों के साहित्य रचना में माहिर हैं।
वे अभिनय, निरूपण , निर्देशन के क्षेत्र में भी पारंगत हैं।
रमेशजी की हर रचना में ह्रदय को प्रभावित और उत्साहित करने की पूर्ण क्षमता है। इनकी भाषा सजीव और विषय के अनुकूला है।
श्रीरमेशजी की प्रमुख रचनाएँ हैं ,
'गुब्बिया कलरव'
चुटुकु-चित्तारा',
'एडनीरोडयनिगे चुटुकु पुष्पार्चने',
'केशवनामा चैतन्यधामा'आदि बहुत प्रसिद्ध हैं।
लघु संकलन, 'हनि-हनि' नामक बूंदों का एक संग्रह कविताएँ -
'भावादंबारी नाम के कथा संकलन,
शक्ति और अंत नामक जुड़वां नाटक संकलन,
किस्स मात्रे(चुम्बन गोली) हास्य संकलन,
संसारवेम्बा हररमोनियम
'हूवाडिगा'(फूलवाला),
काडुव कवितेगलु आदि कविता संग्रह प्रकाशित हो चुकी हैं।
अब मातु-मौनगला नडुवे('बात और मौन के बीच') कविता संकलन लोकार्पण होने के लिए तैयार किया जा रहा है।
बुद्ध नगुत्तिद्दाने(बुद्ध मुस्कुराते हुए )कविता संकलन लोकार्पण के लिए सिद्द हुआ है।
जुड़वा नाटकों का संकलन तैयार किया जा रहा है।
केरल के कासरगोड में आयोजित अंतर-राज्य छोटी कवितावों का साहित्य सम्मलेन' में श्री रमेशजी को चुटुकु भार्गव का उपाधि देकर पुरस्कृत किया गया है।
गुब्बिया कलरव कृति को, बी.कृष्णा पै बदियाडका मेमोरियल अवार्ड उन्हें मिला है।
केरल राज्य 5वां कन्नड़ सम्मेलन और केरल-कर्नाटक साहित्य महोत्सव करावली साँस्कृतिक प्रतिष्ठान से रमेशजी को काव्य प्रशस्ति मिला है।
2012 में मंड्या के अडवाइसर पत्रिका 2012 के अडवाइसर साहित्य पुरस्कार बेंगलुरु के भारत रत्न सर एम. विश्वेश्वरय्या इंजीनियरिंग फाउंडेशन ट्रस्ट (R) और सुर्वे समाचार पत्र द्वारा एडनीरोडयनिगे चुटुकु पुष्पार्चने कृति के लिए राज्य स्तरीय विश्वेश्वरय्या साहित्य पुरस्कार और रजत पदक पुरस्कार उन्हें मिला है।
बिजापुर बसवजयंती शताब्दी समारोह - 2013 में प्रतिष्ठित बसवज्योति राज्य स्तरीय कवि पुरस्कार उन्हें मिला है।
के.आर. नगर ग्रामीण बुद्दिजीवीयों द्वारा के.एस. न. राज्य स्तरीय काव्य पुरस्कार उन्हें मिला है।
अखिल भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम की राष्ट्रीय स्तर की सांस्कृतिक प्रतियोगिता 2009 2013, 2016, 2018, 2020 के सांस्कृतिक स्पर्धा में 'स्व-रचित' कवन वाचन में प्रथम पुरस्कार श्रीरमेशजी को प्राप्त हुआ है।
2019 में कन्नड़ के बेंकिय बले पत्रिका द्वारा 15वीं वर्षगांठ के राज्य स्तरीय कविता सम्मेलन समारोह में सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में पद समाले हैं।
तुमकूरु के महासंत सिद्धगंगा श्री पर रचित कविता के लिए 2019 में काव्य श्री पुरस्कार उन्हें मिला है।
2019 में कस्तूरी सिरिगन्नड वेदिके (R)बेलगावी में आयोजित राष्ट्रीय स्तर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय ग्रामीण साहित्य सम्मलेन में श्री रमेशजी के साहित्य सेवा के लिए साहित्य भूषण पुरस्कार देकर सम्मानित भाजन हैं।
मंडया के करुनाडु सेवा ट्रस्ट (R)द्वारा आयोजित सम्मलेन में करुनाड़ साहित्य सेवा रत्न पुरस्कार को भाजन हैं।
2020 में भत्तद नाडिन बवणे (R) कृष्णराजनगर द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कविता सम्मलेन में पुरस्कार के लिए भाजन हैं।
2020 में कन्नड़ साहित्य सागर संस्था (R) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कन्नड़ साहित्य सुरभि की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
2020 में नवपर्व फाउंडेशन (R) बैंगलोर, द्वारा आयोजित साहित्यिक सेवा के लिए विशेष पुरस्कार मिला है।
गदग के विश्व प्रसिद्ध पुत्तर्जगवायी पुण्याश्रम में विश्वविजेता पत्रिका की वर्षगांठ पर साहित्य रत्न राष्ट्रीय पुरस्कार- 2021के लिए भाजन हैं।
यादगिरी जिला के साहित्य चिंतकर बलग़ा सुरपुर और श्री सिद्धिविनायक महिला मंडळी (R)बोम्मागुड्डा द्वारा आयोजित साहित्य चिंतक बलग़ा- 2021 की दूसरी वर्षगांठ में साहित्य सिरि' उपादि से अलंकृत किया गया।
साहित्य क्षेत्र की साधना के लिए गुरुकुल कला प्रतिष्ठान (R) तुमकूरु द्वारा आयोजित 2021 के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में गुरुकुल सार्वभौम कविताकृष्ण साहित्य पुरस्कार
बेंगलूरु विश्व कन्नड़ साहित्य और सांस्कृतिक संस्था (R) द्वारा आयोजित 2021 राज्य स्तरीय बसवेश्वर पुरस्कार
हुबली के चेतना फाउंडेशन (R) द्वारा आयोजित धारवाड़ दशहरा महोत्सव 2021 में राज्य स्तरीय हेम्मेया कन्नडिगा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
नाटक निर्माण और निर्देशन में राष्ट्रीय स्तर पर माहेर श्रीरमेशजी को 1999 में कलकत्ता में हृदयांजलि के लिए सर्वश्रेष्ठ नाटक-निर्माता पुरस्कार
2003 में उन्हें तारापुर (महाराष्ट्र) में हत्या नाटक के लिए राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार मिला है।
2005 और 2013 में उन्हें कैगा में किडि नाटक के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ निर्देशन सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी निर्माण सर्वश्रेष्ठ रंगमंच प्रदर्शन के साथ प्रथम पुरस्कार मिला है।
2011 में आंध्र प्रदेश के मनुगुरु में गांधीगिरी नाटक के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता सर्वश्रेष्ठ निर्देशन सर्वश्रेष्ठ प्रबंधक के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
श्रीरमेशजी के स्व-रचित किचु नाटक के लिए - 2016 में मुंबई में राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय पुरस्कार मिला है।
बाद में इस नाटक का मुंबई हैदराबाद काकरापार (सूरत) गोवा और कारवार में अच्छा प्रदर्शन हुआ है। इस नाटक का सर्वश्रेष्ठ रंगमंच प्रदर्शन देख कर दर्शकों और विमर्शकों से बहुत तारीफ़ भी मिली है।
2015 में अखिल भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम की विजिलेन्स लघु फिल्म प्रतियोगिता में श्रीरमेशजी द्वारा लिखित और निर्देशित लघु फिल्म ड्रीम हाउस के लिए प्रथम पुरस्कार और सराहना मिली है।
2016 में पतिष्ठित तटीय महोत्सव - 2016 द्वारा - भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सामाजिक जागरूकता अभियान के लिए श्रीरमेशजी द्वारा लिखित और निर्देशित
राजा की लंगोटी नाटक 10 बार प्रदर्शित हुआ और दर्शकों की प्रशंसा के लिए पात्र हुआ।
▪ 2016 में स्वच्छता अभियान के बारे में स्वच्छ-पथ नाम के एक लघु फिल्म को श्रीरमेशजी द्वारा लिखित और निर्देशित हुआ है और इस लघु फिल्म को दर्शकों द्वारा बहुत प्रशंसा मिली है।
2017 में अखिल भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम की विजिलेन्स लघु फिल्म प्रतियोगिता में श्रीरमेश द्वारा लिखित और निर्देशित और एक पप्पा नाम के लघु फिल्म को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
2018 में, मध्य प्रदेश के इंदौर में उनसे रचित राजा की लंगोटी नाटक के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशन सर्वश्रेष्ठ तकनीकी सर्वश्रेष्ठ प्रबंधक के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
2018 में अखिल भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम की विजिलेन्स लघु फिल्म प्रतियोगिता में श्रीरमेश द्वारा सत्य लघु फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
2019 में उन्होंने अखिल भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम की विजिलेन्स लघु फिल्म प्रतियोगिता में श्रीरमेशजी द्वारा लिखित और निर्देशित लघु फिल्म ऑपरेशन खड्डा के लिए प्रथम पुरस्कार मिला है।
2019 में श्रीरमेशजी द्वारा लिखित और निर्देशित बेंकि नाम के नाटक कई प्रदर्शन हुआ है और बहुत दर्शकों से प्रशंसा और मान्यता भी प्राप्त की है।
2020 उत्तर प्रदेश के नरोरा में आयोजित प्रतियोगिता में बेंकि ड्रामा के लिए द्वितीय राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
2020 में श्रीरमेशजी द्वारा लिखित और निर्देशित "कोरोना संहार" नाटक के लिए बहुत दर्शकों से प्रशंसा और मान्यता प्राप्त हुई है।
पता
ए.एन.रमेश गुब्बि,
C-1- गंगा- 9/4,
मल्टी स्टोर्स -phase 2 ,
कैगा आवासीय परिसर,
मल्लापुर डाक. कारवार - 581400.
मो- 9731873159/9448774867
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