यादों के झरोखों से झांकती वो, कुल्हड़ वाली चाय

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ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: Lecturer
प्रेषण दिनांक: 21-05-2022
उम्र: 29
पता: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मोबाइल नंबर: 9453749772

यादों के झरोखों से झांकती वो, कुल्हड़ वाली चाय

।। एक,प्याली चाय की ।।


थोड़ा खुमार जगाए

थोड़ा सा नशे में चूर

ये, चाय की प्याली मन को

खुद के नशे में मुझे सराबोर सा करे ।।


अदरक की थोड़ी कड़वाहट, घुलकर

मन को जोश से भरे ।

शक्कर की मिठास से उदास ज़िंदगी रंगीन

और पत्ती चाय की खुद के

नशे में मुझे मदहोश सा करे ।।


सुबह की पहली फुरकत चाय संग

जैसे,हो 

साथ दिलरुबा का

एक नई उमंग का संचार सा 

बुझे मन,मस्तिष्क की गलियों में 

इसकी,हर तलब पूरा करे ।


ऐ,चाय की प्याली

मैं,गुलाम तेरा कई सदियों से

तुझ तक जो पहुंचाए मुझे, उन

कई अनगिनत रास्तों तक ।।


अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की 

अनंत शुभेच्छा ।।


स्नेहा कृति

साहित्यकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक

कानपुर उत्तर प्रदेश

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