वर्षा आई रे ...।।

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ब्लॉग प्रेषक: आर सी यादव
पद/पेशा: शिक्षक/मोटिवेशनल स्पीकर/फ्रीलांस जर्नलिस्ट
प्रेषण दिनांक: 23-05-2022
उम्र: 42
पता: डोभी, केराकत, जौनपुर, यूपी
मोबाइल नंबर: 9818488852

वर्षा आई रे ...।।


छा गई चहुंओर घटाएं

घिर गई काले बादलों से दिशाएं

चमकती बादलों की ओट से बिजली

संदेश लाई है ।

मिलजुल गाओ मल्हार कि वर्षा आई है ।


बादलों से निकलकर 

गिर रही बूंदें धरा पर

पायलों की सी खनकती आवाज

कर रही‌ छम-छम

बुझा प्यास धरा की, खुशियां लाई है।

मिलजुल गाओ मल्हार कि वर्षा आई है ।।


बह चला पवन पुरवाई

झूम उठे तरू-पल्लव, छा गई अंगड़ाई 

बिछ गई सतरंगी इन्द्रधनुष आकाश में 

बाल -वृंद मचल उठे, प्रकृति मुस्कराई है ।

मिलजुल गाओ मल्हार कि वर्षा आई है ।।


लौट आई सूनी आंखों में चमक

जाग उठी उम्मीद फसल लहलहाने की

जुड़ हुई खेतों की छाती

निकल पड़े किसान करने रोपाई ।

मिलजुल गाओ मल्हार कि वर्षा आई है।।


आंगन में चलने लगी

कागज की नावें

हो रहा मुदित बाल मन

देख जल धाराएं

बड़ चली नदियां उफान पर

ज्यों लाने प्रलय 

देख लहरों की अठखेलियां

हो रहे सब विस्मय

देख धारा का रौद्र रूप

मानो ऐरावत धरा पर उतर आई है ।

मिलजुल गाओ मल्हार कि वर्षा आई है । 


मचल उठे सूखे नदी नाले तालाब भी

भर रहे अंक को जल से

ज्यों बुझ रही है प्यास 

जन्मजन्मांतर की

चल पड़े एक साथ करते कदम ताल

सुन कल-कल की ध्वनि ,

ज्यों बज रही शहनाई है ।

मिलजुल गाओ मल्हार कि वर्षा आई है ।।

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