ब्लॉग प्रेषक: | सुधीर श्रीवास्तव |
पद/पेशा: | निजी कार्य |
प्रेषण दिनांक: | 26-06-2022 |
उम्र: | 52 |
पता: | गोण्डा उत्तर प्रदेश |
मोबाइल नंबर: | 8118285921 |
सोच बदलिए
आलेख
सोच बदलिए
****************************
हमारे जीवन में सोच का बड़ा महत्व है।कहा भी जाता है कि हम जैसा सोचते हैं, परिणाम भी लगभग वैसा ही मिलता है। उदाहरण के लिए एक विद्यार्थी बहुत मेहनत करता है, लेकिन परिणाम के प्रति उहापोह लिए नकारात्मक भावों में ही उलझा रहता है, तो यकीनन परिणाम भी निराश करने वाला ही होगा।
जीवन के विविध पहलुओं पर हम नजर दौड़ाएं तो हर कहीं किसी न किसी रूप में हमारा पहला सामना दुश्वारियों से ही होता है। ऐसे में हमारी सोच पर निर्भर करता है कि हम क्या सोचते हैं।
एक किसान सकारात्मक सोच के साथ ही खेती करता है। खेत तैयार करता है,बीज डालता है, सिंचाई करता है खरपतवार की सफाई और फसल की सुरक्षा करता है, तब जाकर कहीं फसल तैयार होती है। यदि वो पहले से ही बाढ़, सूखा, प्राकृतिक आपदा और अन्य चीजों की चिंता पहले से ही करके घर बैठ जाय तो फिर तो खाली हाथ ही रह जायेगा। तब सिर्फ वो पश्चाताप कर सकता है।
हमें यदि जीवन में सफलता प्राप्त करना है, खुश हाल रहना है, अपेक्षित परिणाम पाना है तो नकारात्मक सोच को दिलोदिमाग से दूर रखकर सिर्फ सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। आप सभी ने देखा, सुना होगा कि बहुत से ऐसे काम भी हो जाते हैं, जिसे अधिसंख्य लोग असंभव ही मानते हैं। तो इसके पीछे महज एक सोच है। यदि हमारी सोच सकारात्मक है तो आधा परिणाम स्वत: ही सफल हो जाता है, बाकी हमारे प्रयास उसे पूर्ण करते/कराते हैं।
सकारात्मक सोच का उदाहरण मैं स्वयं हूं।२५ मई' २०२० को पक्षाघात पीड़ित होने के बाद तो आगे के जीवन में सिर्फ अंधेरा ही लगने लगा था। मगर मैंने हार नहीं मानी और ये मेरे सोच का परिणाम था कि चिकित्सक की उम्मीद से भी बेहतर परिणाम मिला और मात्र छः दिन में ही मैं अस्पताल से घर आ गया और लगभग डेढ़ माह बाद ही मैं अपने दैनिक जरुरी काम खुद करने में सक्षम हो गया। यह अलग बात है कि रोजगार और आय का साधन खत्म हो गया। लेकिन २२-२३ वर्षों से कोमा में जा चुकी मेरी साहित्यिक गतिविधियों को जैसे पंख लग गए और मुझे मेरी उम्मीद से कहीं अधिक सफलता मान, सम्मान मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर तक मेरा दायरा बढ़ गया है।
ये महज सकारात्मक सोच से ही संभव हो सका है। निराश,हताश होकर यदि मैं भी अपना सिर्फ दुख लेकर बैठ गया होता तो, शायद पड़ोसियों को भी मैं याद नहीं रहता।
खुद पर भरोसा कीजिए, नकारात्मक सोच को पीछे छोड़िए, सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़िया, अगर मगर के भंवर जाल में फंसे के बजाय अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाइए। नकारात्मकता को ही अपना हथियार बनाकर सकारात्मकता में बदल लीजिए, फिर स्वयं देखेंगे कि परिणाम आपकी सोच के अनुरूप ही आपकी सफलता की कहानी दुनिया को सुनाते फिर रहे होंगे।
नकारात्मक सोच, नकारात्मक परिणाम, सकारात्मक सोच, सकारात्मक परिणाम। फैसला आपके हाथ में है। बिना लड़े हार मान लेना है या लड़ते हुए एक उम्मीद के साथ सफलता पाने का अंत तक प्रयास करना है।
महज आपकी सोच आपको अंधेरे की ओर धकेल सकती है, तो आपको बुलंदियों पर भी पहुँचा सकती है।
फैसला आपके हाथ में है।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक, स्वरचित
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
22-10-2024
हर सवाल का जवाब एक सवाल।
आईए आईए, कह कर नेता जी ने एक गरीब किसान से हाथ मिलाया और बोले, देखिए एक गरीब आदमी से भी मै हाथ मिला लेता हूं। ये एक बड़े नेता की निशानी होती है। आप जैसे फटीचर और गरीब मेरे घर के दरवाजे के भीतर चुनाव के घोषणा के बाद निडर होकर आते हैं, ये मेरी .....
Read More15-10-2024
पेपर बॉय टू मिसाइल मैन
डॉ. ए. पी.जे. अब्दुल कलाम को आज कौन नहीं जानता। ये भारत के राष्ट्रपति रह चुके हैं। और इन्हें लोग मिसाइल मैन भी कहते हैं। इनका जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा। इनके जीवन के बारे में थोड़ा सा प्रकाश डालना चाहूंगी। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931ई. में तमिलनाडु..
Read More11-10-2024
पढ़िये सेंधा नमक की हकीकत...
भारत से कैसे गायब कर दिया गया... आप सोच रहे होंगे की ये सेंधा नमक बनता कैसे है ?? आइये आज हम आपको बताते है कि नमक मुख्यत: कितने प्रकार का होता है। एक होता है समुद्री नमक, दूसरा होता है सेंधा नमक "Rock Salt" सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया है..
Read More06-10-2024
भोजपुरी के तुलसीदास रामजियावन दास
भोजपुरी भाषा के तुलसीदास कहे जाने वाले रामजियावन दास वावला जी का जीवन परिचय आद्योपांत। खले खले के जाती धरम करम रीति रिवाज बोली भाषा के मिलल जुलल बहुते विचित्रता से भरल बा भारत. भारत जईसन देशवा घर परिवार समाज की खतिर घमंड के बात बा.अईसन माटी ह जेकरे...
Read More07-09-2024
ग्यारह होना
जीवन के अनेक बिंबों को एक ग़ज़ल के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है, आशा करता हूँ आपको रचना पसंद आएगी।
Read More