बरखा की वो पहली झड़ी

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ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: लेक्चरर
प्रेषण दिनांक: 29-06-2022
उम्र: 29
पता: लखनऊ
मोबाइल नंबर: 9453749772

बरखा की वो पहली झड़ी

।। पहली बरखा की वो  खूबसूरत सी झड़ी ।।


पहली फुहार जब पड़ती

हैं दिल पर

दिल को हौले से गुदगुदा सा देती हैं ।।


कुछ सपनों को पाने में था

जो,ये मसरूफ़ सा मन

मुझे, उस ख़्वाब के भरम जाल से

मेरे मन की दहलीज पर गिरकर

 ये बारिश की बूंद,

मुझे, उस भरम के मायाजाल से जगा सा देती हैं ।।


बड़ा तंग सा दिल हैं जहान के इंसानों का

कुदरत का आंचल हैं कितना अनमोल

ये,

बूंदे बारिश की,गिरकर फलक के सीने से

धरा के आंचल को उन अनमोल मोतियों से भर

जर्रे जर्रे को बतला सा देती हैं ।।


ये,

बारिश की पहली बूंदे

जब जब,स्पर्श करती हैं इस मन को

भीतर ही भीतर 

इस मन को गुदगुदा सा देती हैं ।।


हां,

ये बरखा की लड़ी

हैं इस दिल की चैन और सुकून की

बहुत खूबसूरत सी हौले हौले

समय की धार संग बहने वाली घड़ी ।।

❤️


स्नेहा की कलम से

साहित्यकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक

कानपुर उत्तर प्रदेश

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