गुरु महिमा का बखान

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ब्लॉग प्रेषक: अभिषेक कुमार
पद/पेशा: साहित्यकार, सामुदाय सेवी व प्रकृति प्रेमी, ब्लॉक मिशन प्रबंधक UP Gov.
प्रेषण दिनांक: 13-07-2022
उम्र: 32
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गुरु महिमा का बखान

गुरु महिमा
गुरु से श्रेष्ठ इस धरती पर कोई नहीं है इसी लिए कहा गया है-

"गुरुर्ब्रह्मा , गुरुविष्णु , गुरुर्देवो महेश्वरः , गुरुर्साक्षात् परम ब्रह्म , तस्मै श्री गुरवे नमः”

    अर्थात गुरु में सबकुछ समाहित है। विद्या, मुक्ति का साधन जरूर है पर गुरु इसी विद्या के संगम की अनेक धारा है। व्यक्ति यदि किसी को गुरु नहीं बनाया तो उसका जीवन भार स्वरूप डगमगाते नाव की भांति है कभी भी पलट सकता है । गुरु संसार की श्रेष्ठ विभूति हैं। स्वयं भगवान ने कई बार अपने से बड़ा गुरु को बताया है। गुरु व्यक्ति को जीवन के अनंत रहस्यों से पर्दा उठाते हैं, लक्ष्य भेद कर जीवन में सिद्ध कराते हैं एवं सामर्थ्यवान, योग्य बनाते हैं। गुरु की महिमा को आत्मसात करने से व्यक्ति भवसागर से पार हो सकता है। शरीर, आत्मा, मन का साक्षात्कार और ईश्वर की खोज, निश्चिन्त जीवन, सच्चा सुख गुरु का ज्ञान ही दिला सकता है। गुरु मूल प्राथमिक पथप्रदर्शक हैं जो आत्मबोध की सफर करा देते हैं। अनुशासन, नियम, चरित्र निर्माण में गुरु अपने बुद्धि कौशल विवेक से सक्षम बनाते हैं।

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