
ब्लॉग प्रेषक: | आर सी यादव |
पद/पेशा: | शिक्षक/ लेखक/ कवि/ मोटीवेशन स्पीकर/ फ्रीलांस जर्नलिस्ट |
प्रेषण दिनांक: | 12-09-2022 |
उम्र: | 42 |
पता: | डोभी केराकत जौनपुर यूपी |
मोबाइल नंबर: | 9818488052 |
साहित्य की ताकत
।। साहित्य की ताकत......।।
संस्कृति सभ्यता का उपवन
साहित्य ज्ञान की झांकी है।
प्रगतिशील होता वह देश
साहित्य जहां की साखी है ।।
नर जीवन अधम अगोचर है
साहित्य बिना संज्ञान कहां
बंधुत्व प्रेम वात्सल्य निहित
साहित्य जहां है, स्वर्ग वहां ।।
दिशा मोड़ देता साहित्य
उद्दंड समाज की राहों को ।
तलवार कुंद भी हो जाती
आए जो इसकी राहों में ।।
साहित्य क्रांति की ज्वाला है
शिक्षा संस्कार का सूचक ।
सजग-सचेतक-सत्व प्रदर्शक
नतमस्तक होता है जग ।।
मातृभाषा अपनी हिंदी
वेद अवतरित वाणी है ।
उन्नति का आधार यही है
जिससे जुड़ा हर प्राणी है ।।
रंग-रूप वेषभूषा से हटकर
यह संविधान की बिंदी है ।
एक सूत्र में सभी पिरोए
प्यारी भाषा हिन्दी है ।।
जाति-धर्म, संप्रदाय का बंधन
सदा तोड़ती हिंदी है ।
जन-जन की मीठी बोली है
भाषाओं की जननी है ।।
भाषाओं का मूल है हिन्दी
देवों की भी बोली भाषा है ।
सदा प्रेम-रस घोल रही है
सदियों से गूंजित गाथा है।।
पूरब से पश्चिम तक फैली
जनमानस की मूल है हिन्दी ।
संस्कार, संस्कृति, सृजन से
श्रृंगार रसों का फूल है हिन्दी ।।
आओ मिलकर इसे सवारें
हिंदी का उत्थान करें ।
अपनी बोली,अपनी भाषा पर
आंनन्दित हों,अभिमान करें ।।
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
26-06-2025
डिप्रेशन में जा रहे हैं।
डिप्रेशन में जा रहे हैं। पांच क्लास में पढ़ते थे, उसी समय हम दिल दे चुके सनम का पोस्टर देखा, अजय देवगन हाथ में बंदूक लेके दांत चिहारले था, मुंह खूने खून था, हम समझे बड़ी मार धाड़ वाला सनिमा होगा। स्कूल से भाग कॉपी पैंट में लुका के तुरंत सिनेमा हॉल भागे।
Read More05-06-2025
सनातन धर्म में कर्म आधारित जन्म जीवन का अतीत भविष्य।
अक्सर गाँव में मैंने अपने बाल्य काल में देखा है अनुभव किया है वास्तविकता का अंवेषण किया है जिसके परिणाम मैंने पाया कि ज़ब कोई जातक (बच्चा ) जन्म लेता है तो सबसे पहले माता को उसके स्वर सुनने कि जिज्ञासा होती है नवजात ज़ब रुदन करता है तो माँ के साथ परिजन..
Read More05-06-2025
सनातन धर्म में धर्म कर्म के आधर पर अतीत एवं भविष्य काया कर्म का ज्ञान।
सनातन धर्म के मूल सिद्धांतो में धर्म क़ो जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण मानते हुए मान दंड एवं नियमों क़ो ख्याखित करते हुए स्पष्ट किया गया है जिसके अनुसार...
Read More17-05-2025
हाय हाय बिजली
हाय हाय बिजली।। सर ई का है ? दिखाई नहीं दे रहा है, ई पसीना है, ई पसीना घबराहट में नहीं निकला है, न ही किसी के डर से निकला है, फौलाद वाला शरबत पीने से भी नहीं निकला है, ई निकला है गर्मी से, और अगर बिजली रहती तो ई देह में ही सुख जाता लेकिन पंद्रह से बीस
Read More11-05-2025
आदर्श व्यक्तित्व के धनी नरसिंह बहादुर चंद।
युग मे समाज समय काल कि गति के अनुसार चलती रहती है पीछे मुड़ कर नहीं देखती है और नित्य निरंतर चलती जाती है साथ ही साथ अपने अतीत के प्रमाण प्रसंग परिणाम क़ो व्यख्या निष्कर्ष एवं प्रेरणा हेतु छोड़ती जाती...
Read More23-04-2025
घटते जीवांश से खेतों को खतरा।
जैसे कि कृषि विकास दर में स्थिरता की खबरें आ रहीं हैं। यह चिन्ता का विषय है। तमाम आधुनिक तकनीक व उर्वरकों के प्रयोग के बावजूद यह स्थिरता विज्ञान जगत को नये सिरे से सोचने के लिए बाध्य कर रही है। अभी तक हमारी नीतियां तेज गति से बढ़ती जनसंख्या को भोजन देने..
Read More