ग़ज़ल

Image
ब्लॉग प्रेषक: रहमत अली
पद/पेशा: साहित्यकार
प्रेषण दिनांक: 24-09-2022
उम्र: 29+
पता: बस्ती उ. प्र.
मोबाइल नंबर: 7317035246

ग़ज़ल


वह   दिखते  हैं  सीधे-सरल  व्यौहार  से। 

है  तेज़ चलती  जिनकी ज़ुबा तलवार से।। 


गाज़  इक  दिन  उन  पे  भी गिर जायेगा। 

बच   नहीं   सकते   ख़ुदा  की   मार   से।। 


हम   ढूंढते   हैं   शम्मा-ऐं   लेकर  जिन्हें। 

वो  आजकल  ग़ुम  चल  रहे  इतवार  से।। 


मौन  होकर  हर  किसी को  छल रहे जो। 

ज़ालिम से अब क्या बात करना प्यार से।। 


भले हो  सवालों की  झड़ी वो  सोंचते हैं। 

छूट  जायेगा   जान   इक   इनकार   से।। 


हल छिपा है प्यार की बोली में  "रहमत"। 

मिलने   वाला  कुछ   नहीं   तक़रार  से।। 


शेख रहमत अली बस्तवी

बस्ती (उ, प्र,) 

7317035246

मौलिक स्वरचित

Share It:
शेयर
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।

नए ब्लॉग पोस्ट