| ब्लॉग प्रेषक: | हरजीत सिंह मेहरा। |
| पद/पेशा: | ऑटो चालक.. |
| प्रेषण दिनांक: | 04-10-2022 |
| उम्र: | 53 वर्ष |
| पता: | मकान नंबर 179,ज्योति मॉडल स्कूल वाली गली,गगनदीप कॉलोनी, भट्टियां बेट,लुधियाना,पंजाब, भारत। |
| मोबाइल नंबर: | 8528996698. |
जटिल हो गई है जिंदगी!
🕸️ जटिल हो गई है जिंदगी 🕸️
बड़ी जटिल हो गई है जिंदगी,
ख्वाबों में सिमट गए हैं अरमान,
जरूरतें पूरी करते-करते,जीवन की,
पिस कर रह गया है,हर इंसान..।
बचपन के संजोए हुए वो सपने,
आसमान को छूने की वो हसरतें,
जद्दोजहद में,ना जाने कहां खो गए,
जाने कब...जुदा हो गए,वो रास्ते.!
संवरे हुए बाल...ऐंठी हुई मूछें..
जाने कब इस आपाधापी में बिखर गए,
चेहरे की वो नूरानी चमक,वो रूप,
जाने कब,झुर्रियों की छांव में छुप गए।
वो कसरती बदन...वो बलिष्ठ भुझाएं,
अनजानी आकांक्षाओं में,ऐसे अटक गए,
रोटी कमाने के चक्कर में जाने,
कब मांस के लोथड़ों की तरह, लटक गए।
वो सीधी कमर,वो लहराती चाल,
जीवन के बोझ तले,झुक कर रह गई,
घोड़ों की टाप सी,कदमों की ठोक,
जाने कब..धीमी आहट बनके रह गई।
जिन होठों पर कभी,बजती थी सीटियां,
जाने कब सिकुड़ कर,खामोश हो गए,
मुस्कुराहटों का बसेरा था,कभी इन पर,
लेकिन जाने कब ये,गमगोश हो गए।
वो कठोर हाथ अब..कांप जाते हैं,
ठोकर खा क़दम..लड़खड़ा जाते हैं,
चमकती खुली आंखें..सिकुड़ जाती हैं,
सीटीओं वाले होंठ..थरथरा जाते हैं।
महत्वकांक्षाओं का सागर अब तो,
सिमट कर तालाब बन रह गया है,
सुगम रास्ता जिंदगी का कितना...
जटिल बन कर....रह गया है..!!!
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स्वरचित@-
हरजीत सिंह मेहरा.
लुधियाना,पंजाब,भारत।
फोन- 85289-96698.
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