| ब्लॉग प्रेषक: | हरजीत सिंह मेहरा। |
| पद/पेशा: | ऑटो चालक.. |
| प्रेषण दिनांक: | 26-11-2022 |
| उम्र: | 53 वर्ष |
| पता: | लुधियाना,पंजाब |
| मोबाइल नंबर: | 8528996698. |
... कल की परछाईं!🗿
करदो आजाद मुझे,उन रूढ़ीवादी प्रपंचों से,
मुझे नवीन विचारों की सोच में रहने दो..
तोड़ के उन प्राचीन धाराओं का आडंबर..
मुझे नवीन धाराओं की प्रवाह में बहने दो।
धरोहर में मिली संस्कारों की पूंजी को..
विकास की इस प्रतिस्पर्धा में जी लेने दो,
भारतीय संस्कृति की उत्कृष्ट आकांक्षाओं को,
संसार की ऊंचाइयों में पहुंचा लेने दो..।
ना डालो बेड़ियां,पुराने रीति-रिवाजों की,पैरों में,
कहीं मैं इन में, घुट के ना रह जाऊं...
इनकी जकड़न में...जकड़ा रह कर...
कहीं,कल की परछाई बनके ना रह जाऊं.!
जात-पात,छुआ-छूत की उस कुरीति के दौर से,
बनके उजली किरण..मुझे उभरने दो,,
ऊंच- नीच की खुदी,विशाल खाई में..
समानता की मृदा बनके,मुझे अटने दो।
निरक्षरता के,उस सघन तिमिर को चीर के,
ज्ञान का प्रकाश बनके,मुझे बिखरने दो,
साक्षरता की भरके परवाज,अंबर के वक्ष में,
विवेक का पखेरू बन मुझे विचरने दो।
ना बोओ मेरी राहों में,रूढ़िवाद के कांटे,
कहीं इन्हीं में उलझ के ना रह जाऊं..
रूढ़ीवादीयों के खोखले विद्रोह में फंस के..
कहीं कल की परछाई बन के न रह जाऊं.!
देखा है उज्जवल भारत का हसीन सपना,
उस सुनहरे भविष्य को...पा लेने दो..
हर इंसान को मिले बराबर का हक यहां,
मुझे ऐसी धारा को ... बहा लेने दो।
जुबां पर हो भारत के संस्कृति की गाथा,
कारनामा कुछ ऐसा आज़मा लेने दो..
नाज़ करें सारी दुनिया हमारे संस्कारों की,
एक नया भारत मुझे.. सजा लेने दो।
ना छोड़ देना साथ मेरा..प्रगति की राह में,
कहीं इस दौड़ में,मैं अकेला ना रह जाऊं..
भटक ना जाऊं प्राचीन ढकोसलों की गलियों में,
कहीं कल की परछाई बनके ना रह जाऊं!!
🪴🪴🪴🪴
स्वरचित@-
हरजीत सिंह मेहरा.
लुधियाना,पंजाब(भारत)।
फोन- 85289-96698.
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