ये जिस्म के 35 टुकड़े

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ब्लॉग प्रेषक: स्नेहा सिंह
पद/पेशा: लेक्चरर
प्रेषण दिनांक: 01-12-2022
उम्र: XX
पता: लखनऊ
मोबाइल नंबर: 9453749772

ये जिस्म के 35 टुकड़े

।। बड़े ना गवार हैं 

ये जिस्म के 35 टुकड़े ।।


हर बार जिस्म के टुकड़े

महिला के क्यूं

क्यूं,

ये मर्द नहीं कटता अनगिनत बार ।।


हर बार,

क्यूं बोरे या बैग में सिल फेंकी जाती हैं नारी

अबकि बारी,

मर्द क्यूं काट नही हैं फेंका जाता ।।


क्यूं,

आखिर!

क्यूं, हर दफा बेज्जती,दर्द से गुजारी जाती हैं

औरत

कब,ये मर्द दफनाएं जाएंगे ज़िंदा ही ।।


क्या,

गलती,जुर्म और सज़ा की हकदार

सिर्फ़ नारी हैं

इन मर्दों की कब आएगी बारी ।।


सवाल,

नारी के अस्तित्व,व्यक्तित्व और सम्मान का हैं

देवी की तरह पूज्य नारी

कब तलक,

ये,जिल्लत की ज़िंदगी पाएंगी ।।


।। जागो,

भारत वासियों जागो ।।

❤️

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स्नेहा अंश

साहित्यकार, पर्यावरण प्रेमी और राष्टीय सह संयोजक

कानपुर, उत्तर प्रदेश

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