(काश मैं एक आजाद परिंदा होती)

Image
ब्लॉग प्रेषक: शबनम मलिक
पद/पेशा: शिक्षिका
प्रेषण दिनांक: 05-01-2023
उम्र: 26
पता: मौहल्ला किला, क़स्बा मंगलौर जिला हरिद्वार, उत्तराखंड 247656
मोबाइल नंबर: 7983784072

(काश मैं एक आजाद परिंदा होती)

(काश मैं आजाद परिंदा होती)

 काश मैं,

एक आजाद परिंदा होती

 दूर गगन की सैर

मैं पल में कर आती

 न किसी की शिकवा होती

 चारों तरफ बस खुशियां होती

 जब कोई आता तो उड़ जाती

 न किसी के हाथ मैं आती

 फूलों की क्यारी में यूं बसेरा होता

 जहां मन भाता वहाँ सवेरा होता

 जब-जब परेशां ये मन होता

 यूँ एकांत लहरों की बीच

मैं बैठ जाती

 उन झरनो के पीछे कहीं खो जाती

 जब आँखें मेरी नम होती

 यूँ दरख़्तों के सीने से लग जाती

 इन ख़ामोश हवाओं के झोंके से

 मैं गुफ़्तगू यूँ प्रकृति से करती

 न किसी की परवाह होती

 बस अपनी ही धुन में सवार रहती

 यूँ क़ातिल ज़माने की नज़रों से

 इस दहशत के साएं से दूर

 मैं तो एक परिंदा होती।

 काश मैं,

 एक आजाद परिंदा होती।।


 मौलिक एवं अप्रकाशित

 शबनम मलिक

 रचित दिनांक- 4 जुलाई 2020

 पता- मौहल्ला किला,कस्बा मंगलौर,जिला (हरिद्वार) उत्तराखंड

Share It:
शेयर
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।

नए ब्लॉग पोस्ट