श्री मोबाइल कथा

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ब्लॉग प्रेषक: राजीव भारद्वाज
पद/पेशा: व्यंगकार
प्रेषण दिनांक: 31-01-2023
उम्र: 35
पता: गढ़वा झारखंड।
मोबाइल नंबर: 9006726655

श्री मोबाइल कथा

श्री मोबाइल कथा -


   

कुछ वर्ष पूर्व की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार प्राणियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु! इस कलियुग में वेद विद्या रहित मनुष्यों को मनोरंजन के साथ ज्ञान किस प्रकार मिल सकता है? तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे मुनि श्रेष्ठ ! कोई ऎसा तप बताइए जिससे थोड़े समय में ही ज्ञान और मनवांछित मनोरंजन भी मिल जाए। इस प्रकार की कथा सुनने की हम इच्छा रखते हैं। सर्व शास्त्रों के ज्ञाता सूत जी बोले: हे वैष्णवों में पूज्य ! आप सभी ने प्राणियों के हित की बात पूछी है इसलिए मैं एक ऎसे श्रेष्ठ गैजेट के बारे में आप लोगों को बताऊँगा जिसे नारद जी ने लक्ष्मीनारायण जी से पूछा था और लक्ष्मीपति ने मनिश्रेष्ठ नारद जी से कहा था। आप सब इसे ध्यान से सुनिए –


एक समय की बात है, योगीराज नारद जी दूसरों के हित की इच्छा के लिए मृत्युलोक में आ पहुंचे। यहाँ उन्होने अनेक योनियों में जन्मे प्राय: सभी मनुष्यों को 

अपने कर्मों द्वारा अनेकों दुखों से पीड़ित देखा। उनका दुख देख 

नारद जी सोचने लगे कि कैसा यत्न किया जाए जिसके करने से निश्चित रुप से मानव के दुखों का अंत हो जाए। इसी विचार पर मनन करते हुए वह विष्णुलोक में गए। वहाँ वह देवों के ईश नारायण की स्तुति करने लगे।

स्तुति करते हुए नारद जी बोले: हे भगवान! आप अत्यंत शक्ति से संपन्न हैं, मन तथा वाणी भी आपको नहीं पा सकती हैं। आपका आदि, मध्य तथा अंत नहीं है। निर्गुण स्वरुप सृष्टि के कारण भक्तों के दुख को दूर करने वाले है, आपको मेरा नमस्कार है। नारद जी की स्तुति सुन विष्णु भगवान बोले: हे मुनिश्रेष्ठ! आपके मन में क्या बात है? आप किस काम के लिए पधारे हैं? उसे नि:संकोच कहो। इस पर नारद मुनि बोले कि मृत्युलोक में अनेक योनियों में जन्मे मनुष्य अपने कर्मों के द्वारा अनेको दुख से दुखी हो रहे हैं। हे नाथ! आप मुझ पर दया रखते हैं तो बताइए कि वो मनुष्य थोड़े प्रयास से ही अपने दुखों से कैसे छुटकारा पा सकते है।


श्रीहरि बोले: हे नारद! मनुष्यों की भलाई के लिए तुमने बहुत अच्छी बात पूछी है। जिसके करने से मनुष्य मोह से छूट जाता है, वह बात मैं कहता हूँ उसे सुनो, मृत्युलोक में एक ऐसे गैजेट का आविष्कार होने वाला है, जो पुण्य़ देने वाला है। आज प्रेमवश होकर मैं उसे तुमसे कहता हूँ। वो साक्षात मेरा ही अवतार है, कलयुग में वो मोबाइल भगवान के नाम से जाने जायेंगे। श्री मोबाइल भगवान को सदैव अच्छी तरह अपने पास रखने से मनुष्य तुरंत ही यहाँ सुख भोग कर, मरने पर मोक्ष पाता है।


श्रीहरि के वचन सुन नारद जी बोले कि उस मोबाइल में क्या होगा? और उसका प्रयोग क्या है? यह कौन कौन रखेगा ? इसमें क्या क्या होंगे? सभी कुछ विस्तार से बताएँ। नारद की बात सुनकर श्रीहरि बोले: दुख व शोक को दूर करने वाला यह सभी स्थानों पर आपको बुद्धिमान बनाने वाला है। मानव को भरपूर मात्रा में डाटा व इंटरनेट के साथ संलग्न रहने से ये भरपूर मनोरंजन प्रदान करेगा तथा अकेलेपन को दूर करेगा। ये ज्ञानेंद्रियों को वश में करेगा।


प्रथम अध्याय :- (विरक्ति से मुक्ति)

हे मुनिश्रेष्ठ,  कलयुग में जन्म लेने वाले मनुष्य जो कई प्रकार के वासनाओं में लिप्त होंगे, उन्हे श्री मोबाइल देव विरक्तियों से मुक्ति प्रदान करेंगे। मोबाइल देव के अंदर भिन्न भिन्न प्रकार के काम वासनाओं से युक्त चलचित्र इनकी इच्छाओं की पूर्ति करने का सशक्त साधन होगा। एकांत प्रिय मनुष्यों के विकार और विरक्ति से मुक्ति देकर उन्हें परम धाम को प्राप्त कराएगा। जिस प्रकार कोणार्क और खजुराहो के भित्ति चित्रों ने मनुष्यों को काम देव के प्रति आकर्षित किया है उसी प्रकार मोबाइल देव भी इनकी समस्त कुत्सित इच्छाओं की पूर्ति में सहायक सिद्ध होंगे।

इति श्री मोबाइल देव कथा का प्रथम अध्याय सम्पूर्ण।


द्वितीय अध्याय - (संजय दृष्टि)


हे मुनिवर, जिस प्रकार महाभारत युद्ध के वृतांत को महाराज धृतराष्ट्र के समक्ष संजय ने अपने दिव्य लोचन से देख कर सुनाया था, उसी प्रकार मोबाइल देव भी समस्त पृथ्वी की समसामयिक घटनाओं को मनुष्यों के समक्ष रखेंगे, इस प्रकार इनकी बुद्धि और विवेक में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। कई प्रकार के पदों पर जानकारी रखने वालों की भर्ती होगी तथा मोबाइल देव के अंदर विराजमान गूगल देव भी प्रत्येक घरों में पूजे जाएंगे। जिन निर्लज मनुष्यों को अपने असली पिता का नाम जानना हो वो भी गूगल देव से पूछ कर अपने भ्रम को दूर कर साक्षात वैतरणी पार कर सकते हैं।

इति श्री मोबाइल देव कथा का द्वितीय अध्याय सम्पूर्ण।


तृतीय अध्याय - (आकाशवाणी)


मुनिश्री, जिस प्रकार आप आह्वाहन के उपरांत त्वरित अवतरण ले लेते हैं, ठीक उसी प्रकार समस्त पृथ्वी पर कोई मनुष्य कहीं भी रहे श्री मोबाइल देव के प्रयोग से आकाशवाणी के माध्यम से अपनी बातों को दूसरे तक चंद सेकेंड में पहुंचा कर अपने को अहोभाग्य समझेंगे। कलयुग में श्री मोबाइल देव की ख्याति सभी देवों से अधिक होंगी। महिलाएं अपने मायके से चुगली की नई नई विद्याएं प्रतिदिन इन्ही के माध्यम से सीखेंगी तथा अपने घर को साक्षात नरक में बदलेंगी। इस प्रकार श्री मोबाइल देव कलयुग के प्रभाव को भी बनाए रखेंगे।


इति श्री मोबाइल देव कथा का तृतीय अध्याय सम्पूर्ण।


चतुर्थ अध्याय (सामाजिक प्रहरी)


हे मुनिराज, मनुष्यों के पास दिव्य ज्योति तो रहती नही, परंतु श्री मोबाइल देव इन्हे दिव्य ज्योति प्रदान करेंगे तथा चौक चौराहों पर लगे दिव्य ज्योति (सीसीटीवी कैमरा) से कई प्रकार के अपराधों पर भी नियंत्रण का कार्य करेंगे। कभी कभी धर्मात्मा लोग भी इसके जद में आएंगे और उनकी लीलाओं का लोग साक्षात दर्शन कर अपने को अहोभाग्य समझेंगे। कई मौकों पर तो ये सुरक्षा प्रहरियों को ट्रकों से अवैध वसूली के भी गवाह बनेंगे तथा मुद्राओं के आदान की गवाही देंगे। श्री मोबाइल देव किसी भी प्रकार के भेद भाव का कतई समर्थन नहीं करेंगे और सबको एक नेत्र से देखेंगे।

इति श्री मोबाइल देव कथा का चतुर्थ अध्याय सम्पूर्ण।


पंचम अध्याय ( सत्ता प्राप्ति का संसाधन)


मुनिवर, जिस प्रकार देवाधिदेव इंद्र मनुष्यों के अच्छे कर्मों को देख कर जल जाते हैं की कहीं उनकी कुर्सी खतरे में ना पड़ जाए, उसी प्रकार कलयुग में मोबाइल देव भी अच्छे और बुरे कर्मो को सत्ता प्राप्ति का संसाधन बनने का कार्य करेंगे। कई प्रकार के अफवाहों को प्रचारित और प्रसारित करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होंगी, और तो और मुनिवर कई प्रकार के विश्वविद्यालय का संचालन भी मोबाइल देव ही करेंगे जिनमे मुख्यतः व्हाट्स ऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और ट्विटर प्रमुख होंगे। इनमे किसी भी साधारण और कुकर्मी इंसान को भगवान में बदल देने की असीम क्षमता होगी। नाना प्रकार के वैसे कार्य को भी ये बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत करेंगे की लोग हम से ज्यादा उन्ही दुराचारी मनुष्यों को भगवान का दर्जा देंगे। कलयुग में नाच गाना करने वाले, ठग और दुराचारी मनुष्यों का मंदिर बनेगा और लोग श्रृद्धा से इन मंदिरों में जीवित इंसान की पूजा करेंगे। और हमारे वास करने वाले मंदिर से लोग जूता और चप्पल चुराकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगे। कई प्रकार के कार्यालयों में मोबाइल देव आगमन और प्रस्थान को भी अपने पास संग्रहित रखेंगे तथा कर्म के अनुसार लोगों को मानदेय प्रदान करेंगे।

मुनिश्री, जो मनुष्य ब्राह्मणों सहित बंधु-बाँधवों को मोबाइल डेटा के साथ मुफ्त में बाटेंगे उनकी सारी इच्छाएँ निश्चित रुप से पूरी होगी। इस कलि काल अर्थात कलियुग में मृत्युलोक में मोक्ष का यही एक सरल उपाय बताया गया है।


श्रीमन्न मोबाइल मोबाइल।

भज मन।

श्री मोबाइल भगवान की जय॥

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