
ब्लॉग प्रेषक: | अशोक कुमार सपड़ा हमदर्द |
पद/पेशा: | दिल्ली नगर निगम में संविदाकर्मियों के तहत कार्यरत डीबीसी कर्मचारी |
प्रेषण दिनांक: | 20-08-2023 |
उम्र: | 45 |
पता: | B 11/1,गली नम्बर 8 नियर कृष्ण डेरी ,साउथ अनारकली ,चन्द्र नगर ,दिल्ली 110051 । |
मोबाइल नंबर: | 9968237538 |
जिंदगी इक रेलगाड़ी
जिंदगी इक रेलगाड़ी ओर हम उसके सवार
चंद लम्हे और चंद सपने चंद है अपनी पगार
पिछली सर्दी बुनने बैठा था कुछ सपने अपने
बदल गया मौसम तो ग़रीब पड़ी मुझपर मार
एक तो कोशिश करता हूँ खुद को रोका नहीं
जमीं मजबूत करता ख्वाबों की ऐसे हर बार
शायद मेरे जज्बों के दम घुट ही जाता ज़नाब
जब पता चला अपनी जिंदगी में नहीं रविवार
परफ़्यूम की खुशबू से मैं सांसें तो ले लेता हूँ
सलाखें शब्दों की लगा मैं खड़ी बैठा दीवार
किसी के कट जाए हँसतें हँसतें रस्ते यहॉं पर
किसी के छोटे किसी के लंबे मेरे परवरदिगार
अभिलाषा को विराम दे गर तू ए मेरी जिंदगी
रेलमपेल कि इस दुनियाँ से बच जाऊं मैं यार
होली से रंग नज़र आते ए जिंदगी तेरे यहाँ पर
सिन्थेटिक रंगों के विष से कैसे मनाऊं त्यौहार
सिथेंटिक रंगों के विष से कैसे मैं
अशोक सपड़ा हमदर्द
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26-06-2025
डिप्रेशन में जा रहे हैं।
डिप्रेशन में जा रहे हैं। पांच क्लास में पढ़ते थे, उसी समय हम दिल दे चुके सनम का पोस्टर देखा, अजय देवगन हाथ में बंदूक लेके दांत चिहारले था, मुंह खूने खून था, हम समझे बड़ी मार धाड़ वाला सनिमा होगा। स्कूल से भाग कॉपी पैंट में लुका के तुरंत सिनेमा हॉल भागे।
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सनातन धर्म में कर्म आधारित जन्म जीवन का अतीत भविष्य।
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Read More05-06-2025
सनातन धर्म में धर्म कर्म के आधर पर अतीत एवं भविष्य काया कर्म का ज्ञान।
सनातन धर्म के मूल सिद्धांतो में धर्म क़ो जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण मानते हुए मान दंड एवं नियमों क़ो ख्याखित करते हुए स्पष्ट किया गया है जिसके अनुसार...
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हाय हाय बिजली
हाय हाय बिजली।। सर ई का है ? दिखाई नहीं दे रहा है, ई पसीना है, ई पसीना घबराहट में नहीं निकला है, न ही किसी के डर से निकला है, फौलाद वाला शरबत पीने से भी नहीं निकला है, ई निकला है गर्मी से, और अगर बिजली रहती तो ई देह में ही सुख जाता लेकिन पंद्रह से बीस
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आदर्श व्यक्तित्व के धनी नरसिंह बहादुर चंद।
युग मे समाज समय काल कि गति के अनुसार चलती रहती है पीछे मुड़ कर नहीं देखती है और नित्य निरंतर चलती जाती है साथ ही साथ अपने अतीत के प्रमाण प्रसंग परिणाम क़ो व्यख्या निष्कर्ष एवं प्रेरणा हेतु छोड़ती जाती...
Read More23-04-2025
घटते जीवांश से खेतों को खतरा।
जैसे कि कृषि विकास दर में स्थिरता की खबरें आ रहीं हैं। यह चिन्ता का विषय है। तमाम आधुनिक तकनीक व उर्वरकों के प्रयोग के बावजूद यह स्थिरता विज्ञान जगत को नये सिरे से सोचने के लिए बाध्य कर रही है। अभी तक हमारी नीतियां तेज गति से बढ़ती जनसंख्या को भोजन देने..
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