.jpg)
ब्लॉग प्रेषक: | दिव्यांजली वर्मा |
पद/पेशा: | लेखिका |
प्रेषण दिनांक: | 15-09-2023 |
उम्र: | 27 |
पता: | अयोध्या, उत्तर प्रदेश |
मोबाइल नंबर: | 8417935207 |
स्त्री हूं मैं.......
सभी स्त्रियों को समर्पित।
एक स्त्री हूं मैं। ये कभी किसी ने बताया ही नहीं। केवल मनुष्य नही हू मैं। इस सृष्टि के निर्माण का आधार हूं मैं। किसी की बेटी, किसी की बहन, किसी की सखी, किसी की पत्नी हूं मैं। कोई आम इंसान नही ,एक स्त्री हू मैं। प्रकृति के निर्माण में सहायक हू मै। जीवन दात्री हू मै। मुझसे ही सारा संसार है। मुझसे ही काल है। मुझसे ही सारा मायाजाल है। मुझसे ही आदि है ।मुझसे ही अनंत है।
मुझमें वो शक्ति है। जो एक शक्तिशाली पुरुष को जन्म दे सकती है। मुझसे वो शक्ति है जो ईंटो के मकान को घर में बदल सकती है। मुझसे वो शक्ति है जो झोपड़ी को भी स्वर्ग बना सकती है। किसी ने एहसास कराया ही नही की क्या हू मै। जब तक मुझे खुद ये एहसास नहीं हुआ की एक स्त्री हू मैं।
शिव की शक्ति हूं मैं। मेरे बिना शव है सब। जीवो में जान भरने वाली प्रकृति हू मै। एक स्त्री हूं मैं। मेरे बिना नए जीव का निर्माण नही होगा। पुरुष में पौरुष तो होगा पर संवेदनाओं का विकास नहीं होगा। ब्रह्मांड की धरोहर हू मै। एक साधारण सी असाधारण स्त्री हूं मैं। मुझसे ही प्रेम गीत है। मुझसे ही प्रेम कथाएं है। मेरे लिए ही कई इमारतें बनी। मुझसे ही कई युद्ध कथाएं है। प्राचीन हो, नवीन हो या वर्तमान, मुझसे ही सारा काल है, मुझसे ही सारा संसार है।
पुरुष की सबसे बड़ी कमजोरी और पुरुष की सबसे बड़ी शक्ति हू मै । पुरुष का बल, साहस, गौरव। उसके चेहरे की हस्ती हूं मैं। करुणा और दया की मूर्ति हू मै। एक स्त्री हू मैं। जिसके गर्भ में नौ महीने पल कर, जिसके आंचल का दूध पीकर, जिसके ममता से सिंचित होकर, जिसके गोद में खेल कर, जिसके प्यार से ताकत पाकर जीवित है सम्पूर्ण मानव जाति। वही स्त्री हू मैं।
स्वरचित मौलिक रचना
दिव्यांजली वर्मा
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।
नए ब्लॉग पोस्ट
26-06-2025
डिप्रेशन में जा रहे हैं।
डिप्रेशन में जा रहे हैं। पांच क्लास में पढ़ते थे, उसी समय हम दिल दे चुके सनम का पोस्टर देखा, अजय देवगन हाथ में बंदूक लेके दांत चिहारले था, मुंह खूने खून था, हम समझे बड़ी मार धाड़ वाला सनिमा होगा। स्कूल से भाग कॉपी पैंट में लुका के तुरंत सिनेमा हॉल भागे।
Read More05-06-2025
सनातन धर्म में कर्म आधारित जन्म जीवन का अतीत भविष्य।
अक्सर गाँव में मैंने अपने बाल्य काल में देखा है अनुभव किया है वास्तविकता का अंवेषण किया है जिसके परिणाम मैंने पाया कि ज़ब कोई जातक (बच्चा ) जन्म लेता है तो सबसे पहले माता को उसके स्वर सुनने कि जिज्ञासा होती है नवजात ज़ब रुदन करता है तो माँ के साथ परिजन..
Read More05-06-2025
सनातन धर्म में धर्म कर्म के आधर पर अतीत एवं भविष्य काया कर्म का ज्ञान।
सनातन धर्म के मूल सिद्धांतो में धर्म क़ो जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण मानते हुए मान दंड एवं नियमों क़ो ख्याखित करते हुए स्पष्ट किया गया है जिसके अनुसार...
Read More17-05-2025
हाय हाय बिजली
हाय हाय बिजली।। सर ई का है ? दिखाई नहीं दे रहा है, ई पसीना है, ई पसीना घबराहट में नहीं निकला है, न ही किसी के डर से निकला है, फौलाद वाला शरबत पीने से भी नहीं निकला है, ई निकला है गर्मी से, और अगर बिजली रहती तो ई देह में ही सुख जाता लेकिन पंद्रह से बीस
Read More11-05-2025
आदर्श व्यक्तित्व के धनी नरसिंह बहादुर चंद।
युग मे समाज समय काल कि गति के अनुसार चलती रहती है पीछे मुड़ कर नहीं देखती है और नित्य निरंतर चलती जाती है साथ ही साथ अपने अतीत के प्रमाण प्रसंग परिणाम क़ो व्यख्या निष्कर्ष एवं प्रेरणा हेतु छोड़ती जाती...
Read More23-04-2025
घटते जीवांश से खेतों को खतरा।
जैसे कि कृषि विकास दर में स्थिरता की खबरें आ रहीं हैं। यह चिन्ता का विषय है। तमाम आधुनिक तकनीक व उर्वरकों के प्रयोग के बावजूद यह स्थिरता विज्ञान जगत को नये सिरे से सोचने के लिए बाध्य कर रही है। अभी तक हमारी नीतियां तेज गति से बढ़ती जनसंख्या को भोजन देने..
Read More