
ब्लॉग प्रेषक: | आचार्य श्री सत्यस्वरूप साहिब |
पद/पेशा: | आध्यात्मिक रहस्य की खोज |
प्रेषण दिनांक: | 07-01-2024 |
उम्र: | 36 |
पता: | हिमाचल प्रदेश |
मोबाइल नंबर: | 09340336644 |
जीवन की पवित्रता
|| जीवन की पवित्रता ||
निश्चित ही असत्य हमें भीतर से कमजोर बना देता है। जो लोग असत्य भाषित करते हैं, उनका आत्मबल भी बड़ा कमजोर होता है। जो लोग अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहते हैं वही सबसे अधिक असत्य का भाषण करते हैं। हमें सत्य का आश्रय लेकर एक जिम्मेदार व्यक्ति बनने का सतत प्रयास करना चाहिए।
हमारी जिह्वा में सत्यता हो, चेहरे में प्रसन्नता हो और हृदय में पवित्रता हो तो इससे बढ़कर सुखद एवं श्रेष्ठ जीवन और नहीं हो सकता है। उदासी में किये गये प्रत्येक कर्म में पूर्णता का अभाव पाया जाता है। इसलिए हमें प्रयास करना चाहिए कि प्रत्येक कर्म को प्रसन्नता के साथ किया जाए।
निष्कपट, निर्दोष और निर्वैर भाव ही हृदय की पवित्रता है। यदि जीवन में कोई बहुत बड़ी उपलब्धि है तो वह हमारे हृदय की पवित्रता है। पवित्र हृदय से किये गये कार्य भी पवित्र ही होते हैं। जिनका हृदय पवित्र होता है उनके कार्य और जीवन दोनों पवित्र होते हैं।
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डिप्रेशन में जा रहे हैं। पांच क्लास में पढ़ते थे, उसी समय हम दिल दे चुके सनम का पोस्टर देखा, अजय देवगन हाथ में बंदूक लेके दांत चिहारले था, मुंह खूने खून था, हम समझे बड़ी मार धाड़ वाला सनिमा होगा। स्कूल से भाग कॉपी पैंट में लुका के तुरंत सिनेमा हॉल भागे।
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