अपनी माटी-अपना पूर्वांचल

Image
ब्लॉग प्रेषक: आर सी यादव
पद/पेशा:
प्रेषण दिनांक: 18-03-2022
उम्र: 48
पता: जौनपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल नंबर: 9818488852

अपनी माटी-अपना पूर्वांचल

       ।। अपनी माटी-अपना पूर्वांचल....।।

गोरक्षनाथ की पावन धरती

ऋषि मुनियों की शान रही है ।

देवरहा बाबा की कर्मस्थली

पूर्वांचल की पहचान रही है ।।


वीरों की बलिदानी धरती

पावन इसकी माटी है ।

मातृभूमि पर मिट जाना ही 

गौरवशाली परिपाटी है ।।


इतिहास समेटे चौरी-चौरा 

वीरों की गौरव शान रही है ।

गीता प्रेस की धर्म पुस्तकें

जनमानस को जगा रही हैं ।।


ऋषि दुर्वासा का मनहर आश्रम 

दत्तात्रेय का गुणगान यहां है ।

तमसा-मंजूषा का संगम 

आजमगढ़ का मान रहा है ।।


ऋषि आश्रम की छटा निराली

घाघरा की पावन जलधारा ।

जनमेजय का सर्प यज्ञ

जन जन का है पालन हारा ।।


महर्षि भृगु की तपोभूमि यह

मंगल पांडे का मान यहां है ।

चित्तु पांडे की सिंह गर्जना

बलिया का अभिमान रहा है ।।


क्रांतिवीर बाबू कुंवर सिंह ने

बिगुल क्रांति का जहां बजाया ।

मऊ जनपद की पावन धरती

बलिदानों का शौर्य बताया ।।


गंगा - गोमती की धारा संग 

कर्मनाशा की अपनी गाथा ।

गहमर की उज्ज्वल कथा समेटे 

गाजीपुर की है परिभाषा ।।


सई-गोमती के संगम पर

जौनपुर की गाथा न्यारी ।

कीनाराम की तपोभूमि यह

शिराजे हिंद की महिमा प्यारी ।।


डोभी के रघुवंशी वीरों ने

अंग्रेजी शासन कुचल दिया ।

सेनापुर के बलिदानी वीरों ने 

अपना जीवन उत्सर्ग किया ।।


सिरकोनी के चौहानों ने 

अदम्य साहस दिखा दिया ।

अंग्रेजों संग बयालसी में

डटकर भीषण युद्ध किया ।।


विश्वनाथ की पावन धरती 

पवित्र गंगा का पावन तट ।

वरुणा-चंद्रप्रभा का संगम 

बावन बीघा की अनुपम स्थल ।। 


जहाँ रचे तुलसी कबीर ने

अमर ग्रंथों की प्रेरक वाणी ।

शिवशंकर की काशी नगरी 

स्वर्ग लोक की है अवतरणी  ।।


ललित कलाओं का स्थल यह 

धर्मों की यह धर्म धूरी है ।

हरिश्चन्द्र की तपोभूमि यह 

वेदों की महिमा यहां जुड़ी है ।।


विशिष्ट, विलक्षण, दिव्य कहानी 

गौरवशाली इतिहास रहा है ।

वीरों की उपजाऊ माटी 

पूर्वांचल का अभिमान रहा है ।।

Share It:
शेयर
श्रेणी:
— आपको यह ब्लॉग पोस्ट भी प्रेरक लग सकता है।

नए ब्लॉग पोस्ट