हैं कितने रंग तेरी मेहरबानी के!

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ब्लॉग प्रेषक: SADDAM ANSARI
पद/पेशा: BPSC TEACHER
प्रेषण दिनांक: 18-01-2024
उम्र: 27
पता: उत्तर प्रदेश सीतापुर
मोबाइल नंबर: 7905274870

हैं कितने रंग तेरी मेहरबानी के!

हैं कितने रंग तेरी मेहरबानी के,

मगर भूखे हैं सब ताज़ा निशानी के!


मैं इसके साथ ना इसके बराबर हूँ, 

ये दुनिया आग है और हम हैं पानी के! 


खिला के फूल हम मिट्टी पे सोए हैं,

अलग हैं किस्से मेरी बाग़वानी के!


सुख़न के नाम पर जो बेचता हूँ मैं,

वो कुछ हिस्से हैं इक पूरी कहानी के!


नई से क्या कहूँ चेहरा छुपाया है, 

निशाँ हैं होंठ पे मेरे पुरानी के!


हमेशा बाप ने मेरे में सोचा है,

हों दाने चार लेकिन ख़ून-पानी के!


कोई इंसाफ़ का भी फ़ातिहा पढ़ दे, 

हों जब आज़ाद मुल्ज़िम छेड़-खानी के!


शराबी यार रो-रो के ये कहते हैं, 

वो पीना बंद तो प्यासे हैं पानी के!


अगर मुँह पे नहीं कह सकते हो उनको,

ग़ज़ल में राज़ लिक्खो रात-रानी के!


मेरे चारों तरफ जंगल ही जंगल है, 

जहाँ सब शेर हैं लेकिन हैं पानी के!

                         #स्वरचित

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