असमंजस

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ब्लॉग प्रेषक: राजीव भारद्वाज
पद/पेशा: व्यंगकार
प्रेषण दिनांक: 13-04-2024
उम्र: 36
पता: Garhwa jharkhand
मोबाइल नंबर: 9006726655

असमंजस

केकरा वोट दोगे जी इसबार ? दिमाग लबरधोधो हो गया है, पंद्रह गो खड़ा है ई चुनाव में, चुनाव करना मुश्किल हो गया है की केकरा वोट दें। हमरा तो सुगा यादव बढ़िया लगता है। सुनली हे की उनकर बाबा, भारत के आजाद करवाबे में बड़ी लड़ाई लड़े है। ठीके सुने हो - माउंट बेटन के पर्सनल असिस्टेंट के  घोलटा घोलटा के मारे थे ऊ, खाली ई बात ला की माउंटबेटन को काहे नहीं बताते हो की जब आप ऑफिस जाते हैं तो पंडित जी आपके घर जाता है। केस फौदारी हुआ, सुगा़ के बाबा को कलापानी के सजा मिला और माउंट बेटन को अपनी पत्नी के करतूत का इनफॉर्मेशन। उहे दिन डिसाइड हुआ की भारत से जाना ही बेहतर है, कम से कम इज्जत तो बची रहेगी। मेरे ख्याल से जो काम गांधी बाबा, लाल बाल पाल, सुभाष जैसे न कर पाए वो यादव जी के बाबा कर दिखाए।

 लेकिन हरिचरण राम भी तो हैं चुनाव में ! अरे हरिचरणा वार्ड का चुनाव का जीता, डायरेक्ट लोकसभा के सपना देखने लगा। निर्दलीय उठा है, जेतना तेज उठा है, उतने ही जल्दी सिकुड़ भी जाता है, मतलब ई है की दस हजार कोई पार्टी दे दे, तो ऊ तुरंत बैठ जाएगा, नामांकन पर्चा फाड़ के।  देखिए न जगमोहन जी भी इस बार राष्ट्रप्रेमी पार्टी से उतरे है। पिछले बार जीत तो गए थे लेकिन सरकार दूसरी पार्टी की बन गई, अब बेचारे को कोई पोजिशन नही मिला इसलिए ओपोजिशन में रह गए। सहिए बोले बेचारा के बचपन से थूक लगाकर टिकट  चिपकाने का शौक था, वही शौक को देखते हुए हर पार्टी ने उन्हें हर बार बदल बदल कर टिकट दिया, और उसने उसे थूक लगाकर जगह धरा दिया।  और भीमा सिंह, इयाद है, उ पिछली दफा खड़ा हुआ था, तीन वोट डाला था उ, और कुल मिलाकर तीन वोट मिला था उसको। जबकि उ किसी को पैसे नही देता क्योंकि दो बार खुद को पैसे दिया था, अपने चिन्ह में वोट डालने में हाथ कांप गया था उसका। ऊ त मऊगा है मर्दे, मेहरारू मुखिया का बनी की मुखिया पति बनके हर भोज भात में पूड़ी तोड़ते रहता था। देखिए भाई नोटा दबा देंगे, मन हुआ त अपने दबा के सूत जायेंगे लेकिन उसको नही देंगे।

 अरे किसको दीजिएगा - तनी तमीज से बात करिए, हम काहे देंगे हम आपकी गर्लफ्रेंड हैं जो देंगे। अरे भाई वोट के बात कर रहे हैं। कोई कह रहा है एक करोड़ रोजगार देंगे, कोई कह रहा है मथुरा में मंदिर देंगे, कोई कह रहा है गजवा ए हिंद देंगे। ससुरा बियाह नही हो रहा है कोई लड़की इंतजाम कर दे, जे लड़की इंतजाम कर देगा बियाह के लिए, हम ओकरे देंगे। ऐसा काहे नहीं करते हैं, की जे आए ओकरे से कह दीजिए की तोरे देंगे। माल फरिआइए और चकल्लस भोगिए। अरे न रे बाप, ई नेता सब वार्ड के वोट निकाल लेता है, और हारने के बाद बंद कमरा में ले जा के दम भर कूटता है, पिछली बार हम कुटाए थे, इस बार देह में ताकत नहीं बचा है आऊ हरदी भी गोटा वाला महंगा है। अच्छा एक बात बताइए, ससुरा जादा पढ़ा लिखा नेता को जिताते हैं, तो ऊ जमीन खरीद के जमींदार बन जाता है, कम पढ़ा लिखा को जिताते हैं तो ठेकेदार सब उसको चूस लेता है, गुंडा को जिताते हैं तो मां बहन असुरक्षित महसूस करती हैं। आखिर जिताएं तो जिताएं किसको। देखिए सीरियस बात नही कीजिए, अभी दू दिन पहिले घोड़ा छाप पार्टी वाला नेता बगेदन के लइका को गोदी में लेके नेटा पोछ दिया था। आज फिर आ रहा है, गांव की सुग्नी, मलहिया सब आपन बुतरुवन के लेके खड़ा है नेता जी से नाक पोछवाने के लिए। अब नेता से नेटा पोछवाइएगा तो समय पर धोखा तो देगा ही नेता लोग।

 अरे भाई तुम और हम जनता हैं और जनता को हमेशा चूल काटता है, जनता के मन भुकायल रहता है। देखिए त्रेता में राम को वनवास हुआ, सीता का हरण हो गया, फलस्वरूप रावण मारा गया, फिर आया रामराज्य। लेकिन रामराज्य में जनता को चूल ही काटा होगा तभी तो सीता मां के बारे में तरह तरह की बातें बनाई की पर पुरुष के पास रह कर आई है और फिर सीता का राम के द्वारा परित्याग। अब बताइए रामराज्य में भी जनता परेशान थी तो आज तो कलयुग है। जनता न तो लोकतंत्र समझती है न उसके फायदे, जनता को चाहिए झूठे वायदे, दो बोतल दारू और पांच सौ रुपया। 

 जय बोलिए लोकतंत्र की क्योंकि भीख में वोट मांगने वाला भिखारी को हम सरकार बना देते हैं, और जब नौकर सरकार बन जाए तो खुजली बर्दास्त करने की क्षमता रखिए क्योंकि लोकतंत्र महान है।

 सही चुनिए, अच्छा चुनिए, क्योंकि इस से आपके बच्चे का भविष्य निर्भर करता है। अरे बुचन, ओने प्रसाद बाबू चप्पल छाप वाला नेता, दारू बांट रहा है, चलो आज रात का इंतजाम हो गया। कल कोई और कर देगा। रात का नशा तो सुबह तक उतर जाता है लेकिन फिर से रात होने वाला इंतजार का नशा आज तक नही उतरा। जनता की सरकार की जय। 

बाकी सब फर्स्ट क्लास है।

नोट - सभी तथ्य कल्पना मात्र है, मिलान संयोग ही होगा।

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