सबका प्यारा - अपना राजू

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ब्लॉग प्रेषक: रक्षित भारद्वाज
पद/पेशा: बाल साहित्यकार
प्रेषण दिनांक: 13-06-2024
उम्र: 6
पता: बोधगया
मोबाइल नंबर: 9006726655

सबका प्यारा - अपना राजू

एक दिन एक लड़का जिसका नाम था राजू, वो घर पर अकेले में खेल रहा था। गर्मी का दिन था, बाहर लू चल रहा था। राजू बार बार घर से बाहर खेलने की जिद कर रहा था। राजू की मम्मी उसे बाहर जाने से मना कर रही थी, लेकिन राजू बाहर खेलने का जिद कर रहा था। राजू बाहर जाने के लिए जैसे ही दरवाजा खोला की उसकी मम्मी ने उसे बहुत डांटा, राजू रोने लगा, रोते हुए राजू ने अलमारी के पीछे देखा की एक बिल्ली, अचानक बाहर आई और दौड़ कर बाहर निकल गई। राजू भी उस बिल्ली के पीछे पीछे बाहर निकला। बिल्ली दौड़ रही थी और बिल्ली को एक कुत्ते ने देखा। बिल्ली डर गई, वो और तेज भागी। तभी उस कुत्ते ने उस बिल्ली के गर्दन को दबोचा। बिल्ली वहीं छटपटा के मर गई। ये देख राजू डर गया। वो दौड़ कर अपने घर की तरफ भागा। जैसे ही राजू घर के पास पहुंचा, देखा की दरवाजा अंदर से बंद है। वो जोर जोर से दरवाजा खट खटाने लगा, लेकिन दरवाजा नही खुला। राजू पीछे देखा की कुत्ता उसके सामने खड़ा है, राजू जोर जोर से रोने लगा। तभी राजू की नींद खुली, राजू सपना देख रहा था। अब राजू के समझ में आ गया की मम्मी का बात मानना जरूरी होता है। क्योंकि अगर बात नही माने तो मुसीबत गले पड़ सकती है। उस दिन के बाद राजू बहुत अच्छा लड़का बन गया। अब राजू भी सब से प्यार करता था और राजू को भी सब प्यार करते थे।

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